भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष आत्मप्रकाश मनचंदा व बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच ने किया अमर मझाढ़ा में सरस्वती घाट के निर्माण कार्य का शुभारंभ
निर्माण कार्य पर खर्च होगा 7 लाख का बजट, सरस्वती के तट पर सभी तीर्थों का किया जाएगा जीर्णोद्घार
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। देश दुनिया से आने वाले श्रद्धालु फिर से कुरुक्षेत्र सरस्वती नदी के किनारे स्थित तीर्थों की विश्व प्रसिद्ध अष्टकोसी यात्रा कर सकेंगे। इस यात्रा के मार्ग पर आने वाले सभी तीर्थों और रास्तों का निर्माण हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड की तरफ से किया जाएगा। इस योजना को अमलीजामा पहनाने की शुरुआत गांव अमरगढ़ मझाढ़ा से कर दी गई है। अहम पहलू यह है कि बोर्ड की तरफ से इस यात्रा के मार्ग में आने वाले तीर्थों और रास्तों को विकसित करने का पूरा खाका तैयार कर लिया गया है।
हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड की तरफ से बुधवार को गांव अमरगढ़ मझाढ़ा में सरस्वती घाट का जीर्णोद्धार करने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यहां पर भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष आत्मप्रकाश मनचंदा, हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच, बोर्ड के अधीक्षण अभियंता अरविंद कौशिक, कार्यकारी अभियंता मुनीश बब्बर, मंडल अध्यक्ष दीपक चौहान, बोर्ड के सदस्य नरेंद्र जांगड़ा, अमित रोहिला, अजय कुमार, गुरदयाल सैनी, कृष्ण लाल, एमडी शर्मा ने विधिवत रूप से सरस्वती घाट के निर्माण कार्य का शुभारंभ किया।
बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल का प्रयास है कि कुरुक्षेत्र का पौराणिक महत्व फिर से पर्यटकों तक पहुंचाया जाए और जितने भी प्राचीन तीर्थ और यात्राएं है, उनको फिर से शुरु किया जाए। मुख्यमंत्री के आदेशानुसार हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड की तरफ से कुरुक्षेत्र की विश्व प्रसिद्ध अष्टकोशी यात्रा को शुरू करने की योजना पर काम शुरू किया गया है। इस योजना के तहत गांव अमरगढ़ मझाढ़ा में सरस्वती घाट का निर्माण किया जाएगा। इस निर्माण कार्य पर बोर्ड की तरफ से 7 लाख रुपए का बजट खर्च किया जाएगा।
उपाध्यक्ष ने कहा कि कुरुक्षेत्र की अष्टकोशी यात्रा नाभि कमल मंदिर से शुरू होकर इसी मंदिर पर संपन्न होती है। इस अष्टकोशी यात्रा में कुबेर तीर्थ, महर्षि दधीचि तीर्थ, वृद्ध कन्या तीर्थ, चिटा मंदिर, रणतुक्ष यक्ष, ओझस तीर्थ, बाण गंगा तीर्थ, नरकातारी तीर्थ शामिल है। इस यात्रा का प्राचीन ग्रंथों में स्पष्ट वर्णन किया गया है। इस अष्टकोशी यात्रा के मार्ग में आने वाले सभी तीर्थ स्थलों और रास्तों का जीर्णोद्धार व निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा। इन विकास कार्यों को लेकर बोर्ड के तकनीकी अधिकारियों ने एक पूरी योजना तैयार कर ली है और उस पर लगातार काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब भी यह योजना पूरी होगी, तो कुरुक्षेत्र में पर्यटकों की संख्या में निश्चित ही इजाफा होगा और युवा पीढ़ी को अष्टकोशी यात्रा के महत्व और इतिहास की जानकारी सहजता से मिल पाएगी।