न्यूज़डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र । कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पूर्व रजिस्ट्रार एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष तथा अन्तर्राष्ट्रीय विद्वान डॉ.कृष्ण चन्द रल्हाण ( कारसा ) के नेतृत्व में बुद्धिजीवियों का एक 12 सदस्यीय शिष्य मण्डल हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष चौ.भूपेन्द्र सिंह हुड्डा से आज उनके चण्डीगढ़ स्थित कोठी नंबर 70,सेक्टर 7 के आवास पर मिला। शिष्टमंडल में प्रदेश के कई जिलों से आए विश्वविद्यालयों के पूर्व रजिस्ट्रार, महाविद्यालयों के पूर्व प्रिंसिपल-प्रोफेसर, साहित्यकार, चिन्तक शामिल थे। शिष्टमंडल ने हुड्डा साहिब से प्रदेश के शैक्षणिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, राजनीतिक आर्थिक वातावरण पर खुलकर चर्चा की।चर्चा में इस बात चिन्ता व्यक्त की गई कि वर्तमान सरकार लाठी गोली से लोगों की आवाज़ को दबा रही है।कर्मचारी पूरानी पैन्शन बहाल करने की मांग करते हैं तो उन्हें लाठियों, वाटर कैनिंग से पीटा जाता है।विद्यार्थी-शिक्षक अपने अधिकार मांगते हैं तो उनपर लाठियां बरसाई जाती हैं। लोगों के चुने हुए सरपंचों को लाठियों से पीटा जाता है। किसान आंदोलन में सैकड़ों किसान मजदूर शहीद हुए। प्रदेश के उच्चतर शिक्षा संस्थानों की ग्रांट बंद कर उन्हें बंद करने की योजना है। ऐसे ज्वलंत वातावरण को ध्यान में रखकर डॉ. रल्हाण ने हुड्डा साहिब के समक्ष कुरुक्षेत्र में कांग्रेस पार्टी के बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ की ओर से एक विशाल बुद्धिजीवी-सम्मेलन एवं चिन्तन -गोष्ठी आयोजित करने का प्रस्ताव रखा और कहा कि इस सम्मेलन के माध्यम से प्रदेश के स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी शिक्षक,एडवोकेट, इंजीनियर, चकित्सक, साहित्यकार, पत्रकार, चिन्तक, सामाजिक-धार्मिक हस्तियां पार्टी की विचारधारा और नीतियों को घर घर पहुचाने का संकल्प लेंगे। कांग्रेस पार्टी के हजारों बुद्धिजीवी आज हुड्डा साहिब के नेतृत्व में कांग्रेस की डॉ. रल्हाण ने बताया कि सरकार बनाने में अपना योगदान देने के लिए आतुर हैं।उन्होंने बताया कि हुड्डा साहिब ने सम्मेलन आयोजित करने के उनके प्रस्ताव को सहर्ष स्वीकार कर लिया है और इस सम्मेलन को सितम्बर महीने में करने को कहा। डॉ. रल्हाण के नेतृत्व में शिष्टमंडल द्वारा चौ.भूपेन्द्र सिंह हुड्डा का अभिनन्दन व आभार प्रकट किया गया। इस अवसर पर हुड्डा साहिब ने डॉ.कृष्ण चंद रल्हाण की पुस्तक ‘ रामकाव्य परंपरा और अहमद बख्श थानेसरी रामायण’ का विमोचन भी किया और डॉ.रल्हाण के रचना-कर्म के लिए उन्हें साधुवाद दिया। डॉ.रल्हाण ने बताया कि वर्तमान स्थिति में यह पुस्तक इसलिए भी प्रासंगिक हो जाती है कि थानेसर निवासी अहमद बख्श ने मुसलमान होते हुए भी रामायण लिखी और वह भी हरियाणवी बोली की सांग शैली में जो कि साम्प्रदायिक एकता का सन्देश देती है।शिष्टमंडल में सुविख्यात साहित्यकार डॉ. सुदर्शन गासो,प्रिंसिपल डॉ. ओम प्रकाश करुणेश,डॉ.निर्मल सिंह, डॉ.रविन्द्र रवि आदि शामिल थे।इस अवसर पर हुड्डा साहिब के ओ.एस.डी. एम.एस.चोपड़ा, सचिव शादी लाल कपूर, पार्टी मीडिया प्रभारी केवल ढींगरा,चांदवीर हुड्डा भी उपस्थित थे।