न्यूज डेक्स संवाददाता
चंडीगढ़। जाहिर तौर पर किसी बड़ी रणनीति के चलते सत्ता में गठबंधन पार्टी जेजेपी पर भाजपा की वक्र दृष्टि है। फिलहाल बीजेपी और जेजेपी हरियाणा की सत्ता पर काबिज हैं। वहीं इस बात का कतई अंदेशा नहीं है कि बीजेपी-जेजेपी के रिश्तों में चल रहे हालात का फायदा विपक्ष उठा ले,क्योंकि विपक्ष इतनी मजबूत स्थिति में नहीं है कि वह बाहर से लंगड़ी दाव खेलाकर बीजेपी को पटखनी दिला सके।
फिलवक्त हरियाणा की सियासत में पिछले कुछ समय से गठबंधन के रिश्तों में जिस प्रकार से खटास की सुर्खियां बन रही है,उसका रत्ती भर फायदा विपक्ष में बैठे दलों को होता नहीं दिख रहा है। मगर गठबंधन के बीच हुंकार और फुंकार निरंतर जारी है। रोचक पहलू यह है कि सत्ता में हम साथ साथ हैं के सलोगन के साथ जहां गठबंधन धर्म भी निभाया जा रहा है, वहीं दूसरे के चुल्हे से लकड़ी निकाल कर खुद की रोटी सेकने का प्रयोग भी हो रहा है।
इसकी बानगी दिखती है हरियाणा में भाजपा के प्रभारी और त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लव कुमार देब के ट्वीट में,उन्होंने हरियाणा के सात निर्दलीय विधायकों से मुलाकात और इन निर्दलीय विधायकों द्वारा भविष्य में भी बीजेपी का साथ देने का संदेश दिया है। बात बस इतनी सी नहीं है,क्योंकि यह सातों विधायक 2019 से ही भाजपा के साथ ही हैं और इनमें से अधिकांश को सत्ता में भागीदार भी बनाया गया था,मगर जो बात पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता वीरेंद्र सिंह ने कही है वह जेजेपी को चुकता करने वाली है,यानी अपने सहयोगी दल का घर खाली करने तैयारी वाली है। इस तरह के प्रयोग दूसरे राज्यों में भाजपा कई बार कर चुकी है।
वीरेंद्र सिंह के दावे के अनुसार जेजेपी को साफ तौर पर निपटाने का संदेश मिल रहा है,क्योंकि वीरेंद्र सिंह ने कहा है कि उनके संपर्क में जेजेपी के सात विधायक हैं। बकौल वीरेंद्र सिंह,मैं जब चाहूं जेजेपी के इन सात विधायकों को भाजपा में मिला सकता हूं। दावों से आगे रहने वाले वीरेंद्र सिंह का यह कथन हकीकत में कितना प्रभावी होगा,यह तो भविष्य बताएगा,अगर चौधरी वीरेंद्र सिंह यह कारनामा करके दिखा देते हैं,तो यकीनन उनकी धर्मपत्नी प्रेमलता की उचाना विधानसभा सीट से हुई बड़ी पराज्य का बदला लेने के साथ यह जेजेपी को धोबी पछाड़ से जैसा दाव होगा। वैसे भूलना नहीं चाहिए कि भूतकाल में चौधरी वीरेंद्र सिंह तरह के कई बड़े दावे कर चुके हैं।