केंद्र सरकार के तीन कृषि बिलों के विरोध में बुलाई गई किसान महापंचायत के दौरान 2020 में कुरुक्षेत्र में लाठीचार्ज के बाद भड़की थी किसान आंदोलन की चिंगारी
पहले भी पिपली अनाज मंडी से ही भड़का था किसान आंदोलन
सरकार होने देगी महापंचायत या मंडी प्रवेश से रोकेगी ? बना संशय
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। किसान आंदोलन की शुरुआत से पहले सितंबर 2020 किसानों पर पहली लाठी कुरुक्षेत्र के पिपली में चली थी। यहां से उठी चिंगारी ने किसानों के लंबे आंदोलन की नींव रखी थी। इसके बाद 5 जून 2023 को सूरजमुखी की खरीद और एमएसपी को लेकर कुरुक्षेत्र के शाहाबाद में जीटीरोड पर धरना प्रदर्शन और जाम लगा कर बैठे किसानों द्वारा कोर्ट के आदेशों की पालना नहीं करने के कारण जिला प्रशासन को पुलिस बल उपयोग करके राष्ट्रीय राजमार्ग खाली कराना पड़ा था। इस घटनाक्रम के दौरान भाकियू के नेता गुरनाम सिंह चढुनी सहित कई प्रमुख किसान नेताओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया था,जो कि आगामी आदेशों तक न्यायिक हिरासत में है। इसी विवाद के चलते किसानों ने कुरुक्षेत्र के पिपली में 12 जून 2023 को एमएसपी बचाओ रैली के लिए किसान महापंचायत की घोषणा की थी। किसान इस महापंचायत में अधिक से अधिक किसानों के पहुंचने के लिए अपील कर रहे हैं।
बहरहाल भारतीय जनता पार्टी सरकार के लिए किसान लगातार मुसीबत बनते जा रहे हैं। क्योंकि तीन कृषि बिलों के विरोध में भी उस समय पिपली अनाज मंडी में किसानों की पंचायत रखी गई थी और सरकार द्वारा किसानों की पिपली अनाज मंडी में एंट्री पर पाबंदी लगा दी थी जिससे लाठीचार्ज हुआ। बाद में अनाज मंडी में रैली भी हुई और पूरे देश में किसान आंदोलन की आग फैल गई थी। अब फिर शाहाबाद में सूरजमुखी की खरीद को लेकर जीटी रोड़ जाम कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज हुआ और अब 12 जून को पिपली में किसानों की महापंचायत रखी गई है। देखने वाली बात होगी कि किसानों को पिपली अनाज मंडी में एंट्री होने दी जाती है या फिर रोका जाएगा। यदि रोका गया तो प्रतीत हो रहा है कि किसान राष्ट्रीय राजमार्ग पर ही बैठेंगें और यदि महापंचायत को होने दिया गया तो कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। हालांकि किसान नेता गुरनाम चढूनी व उनके कुछ साथी जेल में हैं लेकिन अन्य नेताओं द्वारा इस महापंचायत को लेकर खूब प्रचार किया जा रहा है। महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत समेत हरियाणा, यूपी और पंजाब के तमाम किसान नेता शामिल होंगे। किसान एमएसपी और गुरनाम सिंह चढूनी समेत जेल में बंद अन्य किसान नेताओं की रिहाई की मांग कर रहे हैं।
टिकैत की सरकार को दो टूक
किसान नेता राकेश टिकैत ने सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार को दो टूक कहे हैं। टिकैत ने कहा कि अफवाह चल रही है कि हरियाणा में पुलिस किसानों को रोकने का प्रयास करेगी। पुलिस-प्रशासन और किसान गलतफहमी में न रहे। यह 28 तारीख नहीं है। न किसान रूकेगा और न गिरफ्तारी देगा। टिकैत ने कहा कि सभी महापंचायत में विचार-विर्मश करके आगामी रणनीति तैयार करेंगे। किसान पिपली में एमएसपी पर फैसला लेंगे। वहीं किसान संगठनों ने महापंचायत को सफल बनाने के लिए एड़ी से चोटी तक का जोर लगाया हुआ है। उधर, पुलिस प्रशासन ने किसान नेताओं के घर नोटिस भेजना शुरू कर दिया है। नोटिस में लिखा गया है कि आप पिपली महापंचायत में शामिल होंगे, जिससे यातायात अवरुद्ध हो सकता है और कानून व्यवस्था भंग हो सकती है।
पुलिस ने बदले रूट
पुलिस द्वारा किसानों की महापंचायत के चलते रूट डायवर्ट किए हैं। इसके तहत चण्डीगढ-अम्बाला की तरफ जाने वाहनों के लिए सैक्टर 2/3 कट से ब्रहमसरोवर, तृतीय गेट केयूके ढांड रोड से नैशनल हाईवे 152 डी रहेगा। यमुनानगर की तरफ जाने वाले वाहनों के लिए पिपली चौक पुल के नीचे से वाया लाडवा-यमुनानगर रहेगा। करनाल-दिल्ली-यमुनानगर जाने वाले वाहनों के लिए अमन होटल वाला पुल जीटी रोड पर ना चढकर पुल की नीचे से साहा कट से वाया दौसडका, अधौया, बाबैन से होते हुए लाडवा पहुंचकर यमुनानगर व करनाल-दिल्ली रहेगा। कैथल-हिसार-कुरूक्षेत्र जाने वाले वाहनों के लिए साहा पुल के नीचे से जलेबी पुल से होते हुए वाया ठोल, 152 डी रहेगा।