न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र,11 नवंबर। कोरोना महामारी के कारण प्रदेश के कलाकारों को आर्थिक कठिनाई का सामना करना पड़ा है। किंतु हर परिस्थिति में कलाकारों ने अपनी कला को जीवंत रखा तथा सोशल मीडिया के माध्यम से कला को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया। कलाकार की पहचान कला ही है। कलाकार किसी भी राजनीतिक दल, जाति या धर्म से सम्बंध नहीं रखते। ये कहना था हरियाणा कला परिषद के निदेशक संजय भसीन का। गत बुधवार कला कीर्ति भवन के सभागार में लोक कलाकारों से रुबरु होते हुए संजय भसीन ने अपना वक्तव्य रखा।
गौरतलब है कि कोविड 19 में मंचीय प्रस्तुतियां बंद रहने के कारण प्रदेश के लोक कलाकार, जिनमें सांग, बीन, नगाड़ा, बंचारी, जंगम, सारंगी आदि को मंच नहीं मिल पाया। ऐसे में हरियाणा कला परिषद द्वारा प्रारम्भ की गई आॅनलाईन प्रस्तुतियों में अपनी प्रतिभा दिखाने तथा आगामी दिनों में लोक कलाकारों के कार्यक्रम आयोजित करने बारे प्रदेश के कलाकार कला परिषद के निदेशक संजय भसीन से भेंट करने पहुंचे। कोरोना महामारी से बचाव के लिए नियमों का पालन करते हुए तथा सोशल डिस्टैंस में आयोजित बैठक में अपने मन के भावो ंको व्यक्त करते हुए लोक कलाकारों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल का आभार जताया, जिनके कारण हरियाणा कला परिषद द्वारा कोरोना महामारी में कलाकारों को मानदेय की अदायगी की गई।
वहीं कलाकारों ने अपनी समस्यायों से भी संजय भसीन को अवगत करवाया तथा पगड़ी पहनाकर संजय भसीन का सम्मान किया। जिसके बाद संजय भसीन ने लोक कलाकारों की समस्याओं के निवारण हेतु संस्कृति मंत्री तथा मुख्यमंत्री से भेंट करने का आश्वासन दिया। इसके अतिरिक्त संजय भसीन ने बताया कि प्रदेश के कलाकारों के हित के लिए प्रदेश सरकार को आर्थिक सहायता देने हेतु हरियाणा कला परिषद द्वारा लिखा गया है। वहीं मंचीय कार्यक्रम बंद रहने के कारण कलाकारों को आई परेशानियों को ध्यान में रखते हुए संजय भसीन ने आगामी दिनों में लोक कला से जुड़े सांस्कृतिक आयोजन करवाने का भी आश्वासन दिया।
इस मौके पर जींद से सांग कलाकार वेदप्रकाश अत्री, हिसार से कृष्ण कुमार, नगाड़ा वादक मेनपाल, सांगी समंदर सिंह, कृष्ण लाल शास्त्री, मंजीत सिंह, गुलाब, राजा, नफेसिंह के अलावा शीशपाल, प्रदीप बहमनी, सोनू कुण्डू, हरियाणा कला परिषद के कार्यालय प्रमुख धर्मपाल, मीडिया प्रभारी विकास शर्मा, रंगशाला प्रबंधक मनीष डोगरा भी उपस्थित रहे।