मुख्यमंत्री भावान्तर भरपाई योजना व बागवानी बीमा योजना का लाभ उठाएं किसान-डीसी राहुल हुड्डा
बाजार में सब्जी, फलों व मसालों की फसल का सही दाम न मिलने व प्राकृतिक आपदाओं के नुकसान पर भरपाई करेगी प्रदेश सरकार
न्यूज डेक्स संवाददाता
यमुनानगर।किसानों की आय में वृद्धि करने व फसल विविधीकरण के तहत लगाई गई बागवानी फसलों में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री भावान्तर भरपाई योजना व बागवानी बीमा योजना का लाभ दिया जा रहा है। इस योजना के माध्यम से जिला के बागवानी खेती करने वाले किसान फसल की खेती के दौरान व उसके उत्पादन के बाद होने वाले जोखिमों को कम कर सकते है।
डीसी राहुल हुड्डा ने बताया कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा शुरू की गई भावांतर भरपाई योजना व बागवानी बीमा योजना बागवानी किसानों के लिए एक अभूतपूर्व योजना है। यह योजना किसानों को सब्जियों व फलों के भाव से जोखिम मुक्त कर उन्हें फसल का उचित दाम दिलाने में कारगर साबित हो रही है।
डीसी ने बताया की कई बार यह देखने में आया है कि किसान जब अपनी बागवानी की फसल को मंडी में बेचने जाता है तो उसको फसल का सही दाम नहीं मिल पाता। जिससे किसान हतोत्साहित होकर फिर से पारंपरिक खेती करने का विचार करता है। ऐसे किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार फसल में लगने वाले घाटे (नुकसान ) को कम करने के लिए भावांतर भरपाई योजना के अंतर्गत मुहावजा व मूल्य के रूप में प्रोत्साहन धनराशि प्रदान करेगी।
जिला बागवानी अधिकारी डॉ. कृष्ण सोलंकी ने बताया कि इस योजना के तहत निम्नलिखित फसलों आलू, फूल गोभी, गाजर, मटर, टमाटर, प्याज, शिमला मिर्च, बैंगन, भिंडी, मिर्च, करेला, बंदगोभी, मूली, किन्नू, अमरूद, चीकू, आडू, आलूबुखारा, आम, नाशपाती, लीची, आंवला, बेर, लहसुन व हल्दी आदि को सूचीबद्ध किया गया है। उन्होंने बताया कि उपरोक्त सभी फसलों के संरक्षित मूल्य सरकार द्वारा पहले से निर्धारित किए गए है। इस योजना के तहत सरकार द्वारा निर्धारित संरक्षित मूल्यों से कम बिक्री होने पर जो नुकसान होगा उसकी भरपाई प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को की जाएगी। उत्पादन से पूर्व होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना के तहत उत्पादक किसान उपरोक्त फसलों का बीमा भी करवा सकते हैं।
डॉ कृष्ण सोलंकी ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत सब्जियों व मसालों पर 30 हजार रुपए प्रति एकड़ का बीमा किया जाएगा जिसके लिए किसान को 750 रुपये प्रति एकड़ भुगतान करना होगा। वहीं फलों की खेती पर 1 हजार रुपए प्रति एकड़ का प्रीमियम देकर किसान 40 हजार रूपए प्रति एकड़ का बीमा करवा सकता है। योजना का लाभ लेने के लिए उत्पादक का मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पर रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है। जिला में इस योजना का लाभ उठाने के इच्छुक किसान इस विषय में और अधिक जानकारी के लिए किसी भी कार्यदिवस में जिला बागवानी अधिकारी के कार्यालय में संपर्क कर सकते है।