खेल मंत्री संदीप सिंह ने काफिले को रोककर घायलों को पहुंचाया अस्पताल,
खुद फोन कर मौके पर बुलाई एम्बुलेंस
खेल मंत्री तवरीत कार्रवाई और दरियादिली से घायलों को समय पर मिला उपचार
खेल मंत्री ने निभाया मानवता का फर्ज
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र,13 नवंबर। हरियाणा खेल एवं युवा मामले मंत्री संदीप सिंह ने फरिश्ता बनकर जीटी रोड़ अम्बाला के पास भीषण सडक़ दुर्घटना में घायल लोगों की मदद की और सभी को दुर्घटना ग्रस्त गाडी से बाहर निकलवाया। इस त्वरित कार्रवाई से सभी घायल महिला और व्यक्ति की जान बच पाई है। इतना ही नहीं खेल मंत्री संदीप सिंह ने खुद फोन करके एम्बुलेंस को बुलाया और घायलों को तुरंत प्राथमिक उपचार उपलब्ध करवाया। इस सडक़ दुर्घटना में कई महिलाओं और चालक को चोट लगी है।
शुक्रवार को सुबह करीब 7 बजे जीटी रोड़ अम्बाला शास्त्री नगर के पास सब्जी से भरे ऑटो और इनोवा गाडी के बीच जबरदस्त टक्कर हुई। इस टक्कर में इनोवा गाडी पलट गई और इस गाडी में महिलाएं और ड्राईवर गंभीर रूप से घायल हो गए, सभी लोग गाडी में ही फंस गए। इसी बीच खेल मंत्री संदीप सिंह शुक्रवार को सुबह के समय चंडीगढ आवास कार्यालय से दिल्ली एक मीटिंग में शिरकत करने के लिए जा रहे थे तो इस सडक़ हादसे को देखकर मंत्री ने अपने काफिले को रूकवाया। खेल मंत्री ने स्वयं पलटी हुई गाडी के पास जाकर गाडी में फंसी महिलाओं और चालक को बाहर निकलवाया और सभी से उनका हालचाल पूछा। इतना ही नहीं खेल मंत्री ने स्वयं फोन करके एम्बुलेंस को मौके पर बुलवाया और घायलों के लिए प्राथमिक उपचार की व्यवस्था भी करवाई।
खेल मंत्री संदीप सिंह तब तक मौके पर मौजूद रहे जब तक सभी घायलों को अस्पताल नहीं पहुंचाया गया। खेल मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भी फोन करके घायलों की अच्छी तरह से देखभाल करने के निर्देश दिए। जब सभी लोगों को प्राथमिक उपचार मिल गया उसके बाद खेल मंत्री अम्बाला से दिल्ली की तरफ रवाना हुए। खेल मंत्री के साथ-साथ उनके निजी सचिव प्रिंस काम्बोज, राजन और गनमैन तथा ड्राईवर भूरा सिंह ने भी घायलों को गाडी से बाहर निकालने में मदद की है।
खेल मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि सडक़ दुर्घटना में घायल हुए लोगों को देखकर किसी भी राहगिरी को मुहं नहीं मोडना चाहिए, क्योंकि वह भी किसी परिवार का प्रिय सदस्य है। जब कोई व्यक्ति मदद करता है तो निश्चित ही आत्म संतुष्टïी भी मिलती है और किसी व्यक्ति की जान को बचाकर उसके परिवार की रक्षा की जा सकती है, इसलिए सभी को दूसरों की मदद के लिए तत्पर रहना चाहिए। इससे मदद करने वाला व्यक्ति मानवता के फर्ज का भी निर्वाह कर सकेगा।