नवंबर, 2018 में कर्नाटक की 3 लोकसभा सीटों पर भी ऐसी परिस्थितियों में कराए गए थे उपचुनाव -एडवोकेट हेमंत
जनवरी,2019 में केवल 9 महीने की अवधि के लिए कराया गया था जींद विधानसभा सीट पर उपचुनाव
न्यूज डेक्स संवाददाता
चंडीगढ़। गत माह 18 मई को अम्बाला संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से मई, 2019 में 17वीं लोकसभा आम चुनावों में निर्वाचित भाजपा सांसद रतन लाल कटारिया के निधन कारण अम्बाला लोकसभा सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया। बहरहाल, गत समय से प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में इस विषय पर कयास और चर्चाएं चल रही हैं कि क्या भारतीय चुनाव आयोग आगामी कुछ माह में अम्बाला लोकसभा सीट पर उपचुनाव कराएगा अथवा नहीं,क्योंकि अगले एक वर्ष अर्थात अप्रैल-मई, 2024 में 18वीं लोकसभा के आम चुनाव निर्धारित हैं और इस कारण आयोग अल्प अवधि के लिए अम्बाला संसदीय सीट पर उपचुनाव नहीं करना चाहेगा।
इसी बीच पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट और कानूनी विश्लेषक हेमंत कुमार, जो अम्बाला शहर विधानसभा क्षेत्र के रजिस्टर्ड मतदाता भी हैं, ने बताया कि बेशक प्रदेश के प्रमुख राजनीतिक दल- भाजपा, कांग्रेस, जजपा, इनेलो और आम आदमी पार्टी (आप) अम्बाला उपचुनाव के लिए तैयार हों या न हों, परन्तु कानूनन अर्थात लोक प्रतिनिधित्व (आर.पी.) कानून , 1951 की धारा 151 ए के अनुसार यह उपचुनाव कराना आवश्यक है। उपचुनाव कराने की समय सीमा रिक्त घोषित की गयी लोकसभा सीट से छः माह के भीतर होती है. चूंकि 18 मई 2023 से अम्बाला लोकसभा सीट रिक्त है, इस प्रकार आगामी 17 नवंबर 2023 तक चुनाव आयोग द्वारा इस सीट पर उपचुनाव कराया जा सकता है।
हेमंत ने बताया कि उपरोक्त कानूनी धारा में उल्लेख है कि अगर रिक्त हुई लोकसभा सीट पर निवर्तमान सदस्य की शेष अवधि एक वर्ष से कम हो, तो उपचुनाव नहीं कराया जाता है। मौजूदा 17वीं लोकसभा का कार्यकाल आगामी वर्ष 16 जून 2024 तक है. इस प्रकार गत मह 18 मई 2023 को अम्बाला के निवर्तमान भाजपा सांसद कटारिया के निधन के समय उनकी वर्तमान 17वीं लोकसभा में सांसद के तौर पर अवधि करीब तेरह महीने शेष थी जो एक वर्ष अर्थात से ऊपर थी, इस प्रकार अम्बाला लोकसभा सीट पर उपचुनाव कानूनन आवश्यक है।
इसके साथ साथ यह भी कानूनी प्रावधान है कि अगर कुछ विशेष परिस्थितियों में चुनाव छह माह की अवधि में उपचुनाव कराना संभव न हो, तो चुनाव आयोग केंद्र सरकार के परामर्श से उपचुनाव कराने के समय सीमा को आगे भी बढ़ा सकता है।मार्च,2020 से जब देश में कोरोना लॉकडाउन व्याप्त था, तब उसके बाद देश के विभिन्न राज्यों में लोकसभा और विधानसभा की रिक्त हुई सीटों पर छह महीने की कानूनन निर्धारित अवधि के बाद ही उपचुनाव करवाए गये थे जिनमें हरियाणा में सोनीपत जिले की बरोदा विधानसभा सीट और सिरसा जिले की ऐलनाबाद विधानसभा सीट शामिल थी। जहां तक उपचुनाव करने में आड़े आ रही नव निर्वाचित प्रतिनिधि की अल्प अवधि का विषय है, हेमंत ने बताया कि आज से साढ़े चार वर्ष पूर्व जनवरी, 2019 में जींद विधानसभा सीट पर भी चुनाव आयोग द्वारा उपचुनाव कराया गया था हालांकि उसके कुछ माह बाद ही अक्टूबर, 2019 में हरियाणा विधानसभा के अगले चुनाव लंबित थे।
इसी बीच हेमंत ने पहले गत माह 21 मई को और फिर 17 जून को पुन: भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार एवं दो अन्य निर्वाचन आयुक्तों अनूप चंद्र पांडे और अरूण गोयल को ज्ञापन कम प्रतिवेदन भेजकर उनसे अंबाला लोकसभा सीट पर उपचुनाव संबंधी शीघ्र निर्णय लेने की अपील की है जो आयोग के समक्ष फिलहाल लंबित है।
हेमंत ने उक्त ज्ञापन में वर्ष 2018 में कर्नाटक राज्य में तीन लोकसभा सीटों – बेलारी, शिमोगा और मांड्या पर चुनाव आयोग द्वारा कराए गए उपचुनाव का भी हवाला दिया है जो तीनों सीटें क्रमशः 18 मई 2018, 18 मई 2018 और 21 मई 2018 को रिक्त हुईं थी. तत्कालीन 16 वीं लोकसभा का कार्यकाल 3 जून 2019 तक था, अर्थात उक्त तीनों लोकसभा सीटों पर तत्कालीन सांसदों के कार्यकाल की शेष अवधि एक वर्ष से कुछ दिन ही अधिक थी। बहरहाल, अक्तूबर- नवंबर 2018 में चुनाव आयोग द्वारा कर्नाटक की उपरोक्त तीन लोकसभा सीटों पर उपचुनाव कराए गए। हालांकि उसके 6 महीने बाद ही अप्रैल- मई 2019 में 17 वीं लोकसभा के आम चुनाव निर्धारित थे. इसी प्रकार अम्बाला लोक्सबह सीट जो गत माह 18 मई को रिक्त हुई पर भी उपचुनाव कराया जा सकता है।
बहरहाल, चूंकि अम्बाला लोकसभा सीट के साथ ही महाराष्ट्र राज्य की दो लोकसभा सीटों – 29 मार्च 2023 को तत्कालीन भाजपा सांसद गिरीश भालचंद्र बापट के निर्धन से रिक्त पुणे लोकसभा सीट और गत माह 30 मई को तत्कालीन कांग्रेस सांसद बालूभाऊ सुरेश नारायण धानोरकर की मृत्यु से रिक्त हुई चंद्रपुर सीट पर भी उपचुनाव करवाया जाना आवश्यक है।
हालांकि जहां तक केरल में निवर्तमान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की लोकसभा से अयोग्यता कारण रिक्त घोषित वायनाड लोकसभा सीट और उत्तर प्रदेश में निवर्तमान बसपा सांसद अफजल अंसारी की लोकसभा से अयोग्यता कारण रिक्त हुई ग़ाज़ीपुर लोकसभा सीट का विषय है। हेमंत का कहना है कि चुनाव आयोग इस सम्बन्ध में क्रमश: गुजरात हाई कोर्ट और इलाहाबाद हाई कोर्ट से प्राप्त आदेशों के बाद ही वहां उपचुनाव करवाने या न करवाने पर निर्णय लेगा. उक्त दोनों निवर्तमान सांसदों ने उनकी दोष सिद्धि को स्टे करने के लिए उपरोक्त अदालतों में याचिकाएं दायर कर रखी हैं।