न्यूज डेक्स संवाददाता
रेवाड़ी। सरकार और उसके अधिकारियों के पास इतना समय नहीं है कि वह गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों के रिकार्ड प्राप्त करने के बाद भी ठोस कदम उठा सके। यह पीड़ा बताई है स्वतंत्रता सेनानी परिवार के सदस्य श्री भगवान फौगाट ने। फौगाट लंबे अर्से से इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक के अधिकारियों के समक्ष पूरा मसौदा रख चुके हैं,लेकिन उनका कहना है कि बात आश्वासन से आगे नहीं बढ़ पाई। फौगाट के मुताबिक संस्कृति मंत्रालय के राष्ट्रीय अभिलेखागार से गुमनाम आजाद हिन्द फौज के स्वतंत्रता सेनानियों और अमर शहीद सैनिकों का रिकॉर्ड ढूंढकर उनको मान सम्मान दिलाने के लिए वह लंबे समय से जुटे हुए हैं। फौगाट के अनुसार हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव ने स्वतंत्रता सेनानी विभाग द्वारा इनको मान सम्मान दिलाने के लिए सभी जिला कलेक्टरों को पांच वर्षों से कई बार बार फिर से पत्र लिखें हैं। आठ साल से मीडिया में भी यह मामला उठाया जा रहा है।
फौगाट का कहना है कि सच्चाई यह है कि इस विषय में राज्य के सक्षम प्रशासनिक अधिकारियों और राजनेताओं कि आंखों में आंखें डाल कर भी पक्ष रखा जा रहा है, लेकिन किसी के पास इतना समय नहीं है कि परिवारों तक रिकॉर्ड पहुंचाने के लिए ठोस कदम ही उठाएं, बल्कि ऐसे सैनिकों का रिकॉर्ड सरकारी कार्यालयों में फाइलों में धूल फांकता रह गया है और राज्य सरकार के दिशा निर्देश अनुसार गांव के गौरव पट्ट पर अमर शहीद अंग्रेजी सेना सैनिक होने का नाम लिखा जा रहा है यह देखकर अफसोस है कि जिन्होंने अंग्रेजी सेना नौकरी को हमें आजादी दिलाने के लिए ठोकर मारकर सब कुछ बलिदान कर दिया गया था लेकिन अब इतिहास परिवारों से छिपाकर रखा गया है और गलत इतिहास जनता को दिखाया जा रहा है यह सब बहुत ही शर्मनाक एवं दुर्भाग्यपूर्ण है।
फौगाट ने बताया है कि सच्चाई यह भी है कि उन्होंने ऐसे सैंकड़ों अमर शहीद सैनिकों का रिकॉर्ड राज्य सरकार को दिया गया था उपरांत कुछ जिला कलेक्टरों को दिया गया था उपरांत गौरव पट्ट पर गलत इतिहास लिखा गया था इसलिए कोई भी अधिकारी परिवारों तक रिकॉर्ड नहीं पहुंचा रहा है और राज्य सरकार के दिशा निर्देश को भी मनमाने ढंग से ही अनदेखा कर रहे हैं जबकि आजादी अर्मत महोत्सव साल में गुमनाम रह गए स्वतंत्रता सेनानियों कि जीवनी तैयार करने का दायित्व इतिहास कारों को केन्द्रीय सरकार द्वारा दिया गया है, लेकिन वास्तविक जीवनी तैयार करना असंभव है।
द्वितीय विश्व युद्ध के समय संयुक्त पंजाब और वर्तमान में हरियाणा राज्य के हिसार, रोहतक, गुरुग्राम, जींद एवं अन्य क्षेत्रों के नाम से सैकड़ों गुमनाम रह गए स्वतंत्रता सेनानियों कि गौरव गाथा इतिहास रिकॉर्ड आजाद हिन्द फौज जिला प्रशासन को दिया गया है एवं अब इन जिलों के भी कई जिलें बन गये है इसलिए किसी भी अधिकारी के पास अध्ययन करने का भी समय नहीं है अतः मुख्यमंत्री से कि शिकायतों का निवारण मनमाने ढंग से करते आ रहे हैं, जबकि यह बहुत ही संगीन मामला है। इस विषय में अनगिनत बार मीडिया में समाचार प्रकाशित हो चुके हैं,मगर दुःखद यह भी है कि सरकार जानबूझकर आठ साल से आंख बंद कर समय निकाल रही है।
फौगाट द्वारा आठ साल से दावा किया जा रहा है कि यदि उनको द्वितीय विश्व युद्ध समय के अमर शहीद अंग्रेजी सेना सैनिकों और आजाद हिन्द फौज अमर शहीद सैनिकों कि डिटेल मिल जाए तो वह जल्द से जल्द ही हजारों देश के गुमनाम आजाद हिन्द फौज अमर शहीद सैनिकों कि गौरव गाथा इतिहास रिकॉर्ड ढूंढ कर दें सकते हैं जिससे पता चलता है कि शहीदों के नाम पर राजनीति करने वाले शहीदों का मान सम्मान इतिहास को परिवारों तक पहुंचाने से किनारा कर रहे हैं यह बहुत ही गम्भीर मामला है ऐसे सैनिक गांव देहात किसान जमींदार परिवारों से हैं इसलिए सामाजिक संगठनों को संज्ञान लेकर इस विषय में मदद जरूर करना चाहिए। और सरकार से ऐसे सभी सैनिकों का नाम पता सार्वजनिक कराने का दबाव जरूर बनाना चाहिए ताकि परिवारों तक जल्द इतिहास पहुंच जाएं।