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मेहता जी को लगता है अंधेर नगरी चौपट राजा,ट्रैक्टर चलाने की नौकरी,दफ्तर में कंप्यूटर चलाएजा
नहीं मेहता जी,इस सोच से तो राष्ट्रनिर्माण में योगदान देने वाले कर्मठ कर्मी और इन्हें नौकरी देने वाले दोनों ही हताश निराश होंगे
ट्रैक्टर चलाने वाले को अगर कंप्यूटर का ज्ञान है तो उसे सम्मान मिलना चाहिए था,उलटा सीएम उड़नदस्ते के सामने खड़ा करा दिया
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। अंधेर नगरी चौपट राजा,ट्रैक्टर चलाने की नौकरी,दफ्तर में कंप्यूटर चलाएजा।कोई शक नहीं और सभी जानते भी हैं कि भारत एक महान देश है। यह देश बहुरंगी प्रतिभाओं से पटा पड़ा है। इनकी यही प्रतिभा राष्ट्र निर्माण के कार्य को निरंतर आगे बढ़ा रही है। बस दुखद पहलू यह है कि कुछ खास श्रेणी के लोग पता नहीं क्यों, इस तरह की प्रतिभाओं को हताश निराश करने से बाज नहीं आते। थानेसर नगर परिषद में इसी तरह की एक प्रतिभा हरियाणा में मुख्यमंत्री के उड़नदस्ते ने भी देखी। आपको बहुत ज्यादा हैरान होने की आवश्यकता नहीं है। हमने पहले ही लिख दिया है कि हमारा देश बहुरंगी प्रतिभाओं से भरा पड़ा है। वैसे भी अगर कोई सरकार से ट्रैक्टर चालक की नौकरी पाकर, कंप्यूटर का ज्ञान होने की वजह से अगर वह राष्ट्रनिर्माण में भरपूर योगदान देने का इच्छुक है तो इस तरह के कर्तव्यनिष्ठ व्यक्तियों और इन्हें नौकरी देने वालों को देश के राष्ट्रीय पर्वों पर सरकार द्वारा और अन्य विशेष अवसरों पर धार्मिक,सामाजिक व अन्य संस्थाओं द्वारा सम्मान करना तो बनता है। मगर इसमें अड़चन कौन है ? वह हम बताते हैं। अड़चन है कर्म का संदेश देने वाली नगरी कुरुक्षेत्र की नगर परिषद के पूर्व पार्षद विवेक मेहता विक्की जैसे लोग। पता नहीं क्यों मुख्यमंत्री के उड़नदस्ते की कार्रवाई के दौरान भी कहां से आकर आ धमकते हैं।
ऊपर से अब मुख्यमंत्री के उड़नदस्ते की भी देखों,वह भी मेहता जी को तवज्जो देकर उनकी शिकायत को गंभीरतापूर्वक लेते हुए ना केवल उनके बयान लेता है,बल्कि वीडियो बनाकर इसे रिकार्ड में रखने की कार्रवाई को आगे बढ़ाता है। देखा जाए, इस तरह तो ट्रैक्टर चलाने वाले भाई जैसे अनेकों होनहार, ऊर्जावान कर्तव्यनिष्ठ राष्ट्रसेवक और इन्हें सुअवसर प्रदान करने वाले हतोत्साहित हो जाएंगे। इसका सबसे बड़ा असर पड़ेगा विकास पर। हम किसी विकास नाम के व्यक्ति की बात नहीं कर रहे है,बल्कि उस विकास की बात कर रहे हैं,जिसके आगे बढ़ने की उम्मीद लोग अपने घर में पैदा हुए विकास से भी ज्यादा करते हैं।आज हमारी गलती बस इतनी सी रही कि पूर्व पार्षद विवेक मेहता विक्की से हमने यह पूछ लिया कि आपने इस तरह का गलत कदम क्यों उठाया ? सुनते ही वह अपना विवेक खो बैठे, बोले आप क्या बात करते हो,मैंने कौन सा गलत कदम उठाया। मेरा कदम तो सोलह आना सही था। मैं खुद नगर परिषद के पक्षपातपूर्ण कार्य से परेशान हूं। अपनी परेशानी बताने से पहले उन्होंने ट्रैक्टर चालक के कंप्यूटर चलाने के विषय पर जवाब दिया। उनका कहना है कि जब ट्रैक्टर चालक के पद पर नियुक्ति मिली है तो यह व्यक्ति ट्रैक्टर चलाने की बजाए,कंप्यूटर क्यों चला रहा है ? इस तरह तो वह कंप्यूटर आपरेटर का हक खा रहा है,जो इस पद पर सेवाएं देकर सरकार से रोजगार ले सकता था।
उन्होंने कहा कि सबसे पहले जांच यह होनी चाहिए कि इस व्यक्ति ने ट्रैक्टर चालक के रूप में नौकरी पाकर कितनी जगह पर नगर परिषद थानेसर के लिए ट्रैक्टर चलाया। मेहता के अनुसार उन्हें पूरा भरोसा है कि ईमानदारी से जांच हुई तो उसमें और बड़ा खुलासा सामने आ सकता है,क्योंकि नगर परिषद थानेसरम में इस तरह का एक केस नहीं है। अगर थानेसर नगर परिषद इस तरह की मेहरबानी कर किसी एक व्यक्ति या कुछ चुनिंदा लोगों पर मेहरबानी कर रही है,तो उनका सवाल यह है कि इस तरह की राष्ट्रसेवा करने के लिए तो पता नहीं कितने उम्मीदवार होनहार होने के बावजूद बेरोजगार हुए घूम रहे हैं। मेहता जी यहीं नहीं रुके और अपना विवेक खोकर बोले आपको कुछ नहीं पता। आप अपना काम करो, हमें अपना करने तो दो,मुख्यमंत्री का उड़नदस्ता आपसे ज्यादा समझदार है।सच मानिए हमें यकदम तो बुरा लगा,मगर फिर लगा कि बेशक मेहता जी बोलते समय विवेक खो रहे हैं,लेकिन उनके द्वारा उठाया गया कदम कितना सही है और कितना गलत ? इसका निर्णय करने वाले भला हम कौन हैं। बस इसके बाद हमने यही कहा लगे रहो मेहता जी…। (चकल्लस)