हरियाणा में तंबाकू की कीमतों में बढ़ोतरी के लिये जीएसटी कौंसिल के समक्ष रखा प्रस्ताव
न्यूज डेक्स संवाददाता
चंडीगढ़। आगामी 11 जुलाई को होने वाली जीएसटी काउंसिल की एक अहम बैठक के मद्देनजर हरियाणा के आबकारी और कराधान विभाग ने नाडा इंडिया फाउंडेशन की सिफारिशों पर संज्ञान लेते केन्द्र सरकार से आग्रह किया है कि तंबाकू की कीमतों के वृद्धि करें जिससे की प्रदेश को तंबाकू मुक्त बनाने का प्रयास किया जाये। फाउंडेशन ने विभाग का आभार व्यक्त किया कि वे इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है क्योंकि गत वर्षो में तंबाकू उत्पादों में वृद्धि नहीं किये जाने से यह उत्पाद ने केवल युवा बल्कि बच्चों व अल्पव्यस्कों तक अपनी पहुंच बना चुके हैं।
तंबाकू मुक्त अभियान में गत कई दशकों से जुड़े नाडा इंडिया फाउंडेशन के संस्थापक व कर्मवीर पुरस्कार विजेता सुनील वात्सायन के अनुसार तंबाकू के प्रति बढ़ती लत के चलते यह संकेत न केवल प्रदेश बल्कि देश की सेहत के लिये अति चिंताजनक हैं जिस पर समय चलते संबंधित विभागों के सहयोग से ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। सभी तंबाकू उप्तादों पर मौजूदा टेक्स (कर) का बोझ विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा तंबाकू उत्पादों के लिये रिटेल प्राईस (खुदरा मूल्य) के कम से कम 75 फीसदी की सिफारिश है जो कि देश के टेक्स दर फीसदी से कम है। भारत में सिगरेट पर लगभग 52 फीसदी, बीड़ी पर 22 फीसदी और धुआंरहित तंबाकू पर 64 फीसदी टेक्स है। डब्ल्यूएचओं के आंकड़े भी इस बात की पैरवी करते हैं कि तंबाकू उत्पादों पर कम से कम दस फीसदी का ईजाफा भी पांच फीसदी तंबाकू खपतकारों में कटौती लाने में सार्थक सिद्ध हुआ है।
फाउंडेशन की दलील है कि गत दिनों हिमाचल प्रदेश में तंबाकू के सीजीसीआर पर बढाई दर की तर्ज पर अब हरियाणा को भी कमर कस लेनी चाहिये। बढ़ी तंबाकू उत्पादों की कीमतों से न केवल इसके सेवन पर अंकुश लगेगा बल्कि कोविड 19 महामारी में हुये वित्तीय नुकसान की भरपाई करने में भी सहायक होगी। उन्होंनें बताया कि प्रदेश में तंबाकू सेवन के आंकड़े चौकानें वाले हैं। विकसित हो रही शहरी जीवनशैली से लेकर ग्रामीण परिवेश को मिलाकर प्रदेश में उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार लगभग 47 लाख तंबाकू के खपतकार हैं जिसके चलते यह बीड़ी सिगरेट व तंबाकू संबंधित कंपनियों के लिये एक बहुत बड़ा उभरता हुआ मार्केट है।
दुर्भाग्यवश लगभग 28000 लोग प्रति वर्ष तंबाकू से होने वाली बीमारियों के चलते अपनी जान गवां बैठते हैं जबकि अन्य इसकी तहलीज पर पहुंच जाते हैं। देश में प्रति वर्ष तंबाकू से मरने वाले लोगों की संख्या लगभग 13 लाख है। भारत सरकार के सेहत और परिवार कल्याण मंत्रालय के यूथ टोबैको सर्वे में पाया गया है कि लोगों में धूम्रपान की औसत शुरुआत 10 से 12 वर्ष की आयु में ही हो जाती जो कि लत में बदल कर जानलेवा रूप ले लेती है।सुनील वात्सायन ने उम्मीद जताई कि हरियाणा सरकार द्वारा केन्द्र सरकार को उनकी भेजी सिफारिशें अवश्य रंग लायेगी जिससे एक स्वस्थ समाज, प्रदेश और देश की नींव रखी जा सकेगी।