न्यूज डेक्स इंडिया
दिल्ली। भारतीय वायु सेना का एक उड़न दस्ता चार राफेल लड़ाकू विमानों, दो सी-17 ग्लोबमास्टर्स और 72 वायु सैनिकों के साथ आज फ्रांस रवाना हो गया। बैस्टिल दिवस पर भारतीय वायुसेना के योद्धाओं द्वारा फ्लाई पास्ट और मार्च दोनों देशों के बीच, खासकर वायु शक्ति के क्षेत्र में एक लंबे जुड़ाव का प्रतीक है। वेलिंकर, शिवदेव सिंह, एचसी दीवान और जंबो मजूमदार जैसे कई भारतीयों ने दो विश्व युद्धों के दौरान फ्रांस के आसमान पर जंग लड़ी है। जंबो मजूमदार जैसे लोगों को द्वितीय विश्व युद्ध के अंतिम चरण के दौरान फलाइस गैप पर उनकी वीरतापूर्ण कार्रवाई के लिए भी सम्मानित किया गया था।
भारतीय वायु सेना ने ओरागन से शुरू करके अनेक फ्रांसीसी विमानों का भी संचालन किया है। इसके बाद ब्रेगुएट अलिज़े, मिस्टेर आईवीए, एसईपीकैट जगुआर, मिराज 2000 और अब, राफेल जैसे लड़ाकू विमान शामिल हैं। अलौएट-III और लामा जैसे हेलीकॉप्टर भारत को, विशेषकर सुदूर हिमालयी क्षेत्रों में, लगातार सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। दरअसल, भारतीय वायुसेना के मार्चिंग दल की कमान स्क्वाड्रन लीडर सिंधु रेड्डी के हाथ में है, जो एक कुशल हेलीकॉप्टर पायलट हैं। उन्होंने अपनी सेवा में बड़े पैमाने पर अलौएट-III हेलीकॉप्टर भी उड़ाया है।
एक्स डेजर्ट नाइट, गरुड़ और ओरियन जैसे उड़ान अभ्यासों के दौरान दोनों वायु सेनाओं के बीच पेशेवर संबंध भी मजबूत हुए हैं। भारतीय वायुसेना का राफेल विमान, एफएएसएफ के साथ उड़ान भर रहा है, जो दशकों से चली आ रही इस रणनीतिक दोस्ती को दर्शाता है, जो जमीन के साथ-साथ हवा में भी परिपक्व होती जा रही है।