जीतेंद्र जीतू/न्यूज डेक्स राजस्थान
जयपुर। प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों, राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों के 500 शिक्षक अब देश-विदेश के प्रतिष्ठित संस्थानों में अध्यापन संबंधित प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे। वे इन संस्थानों में अध्यापन में किए जा रहे नवाचार और तकनीक को समझेंगे। इससे प्रदेश की शिक्षण व्यवस्था को मजबूती मिलेगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा इस संबंध में टीचर इंटरफेस फॉर एक्सीलेंस (TIE) कार्यक्रम के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया गया है। इसमें शोध व प्रशिक्षण सुविधा पर वित्तीय वर्ष 2023-24 में 23.50 करोड़ रुपए व्यय होंगे। विभाग द्वारा कार्यक्रम की गाइडलाइन जल्द ही जारी की जाएगी।
1 से 100 क्यूएस और एनआईआरएफ रैंक वाले संस्थानों में प्रशिक्षण
गहलोत की इस स्वीकृति से शिक्षक विदेशों के 1 से 100 क्वाक्वेरेली साइमंड्स (क्यू.एस) रैंक और भारत के 1 से 100 नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) रैंक वाले प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रशिक्षण ले सकेंगे। शिक्षक उत्कृष्ट शैक्षणिक नीतियों एवं संचालित कार्यक्रमों से परिचित एवं प्रशिक्षित हो सकेंगे। इससे उच्च शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण अध्यापन एवं शोध को प्रोत्साहन मिल सकेगा। राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (नैक) की ग्रेडिंग में राजस्थान के उच्च शिक्षण संस्थानों की स्थिति और मजबूत होगी। राजस्थान में शोध का स्तर बढ़ेगा। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 1 से 6 माह तक के लिए होंगे।इस योजना का संचालन राजस्थान स्टेट फैकल्टी डवलपमेंट एकेडमी द्वारा किया जाएगा। नोडल विभाग कॉलेज शिक्षा विभाग होगा। उल्लेखनीय है कि गहलोत द्वारा बजट 2023-24 में इस संबंध में घोषणा की गई थी।