प्रशासनिक अधिकारियों को 24 घंटे अलर्ट मोड में रहकर करनी होगी नहरों और ड्रेनों की निगरानी:अग्रवाल
हरियाणा सिंचाई विभाग के आयुक्त एवं सचिव पंकज अग्रवाल ने किया नरवाना साइफन व झांसा का निरीक्षण
प्रशासन और सिंचाई विभाग ने पूरी सतर्कता के साथ किया काम
अब 2 फीट पानी कम होने से लोगों को धीरे-धीरे मिल रही है राहत
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। हरियाणा सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के आयुक्त एवं सचिव पंकज अग्रवाल ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों को अभी भी 24 घंटे अलर्ट मोड में रहकर नहरों और ड्रेनों की निगरानी करनी होगी। इस सीजन में पिछले 45 सालों से ज्यादा बरसाती पानी प्रदेश में पहुंचा है। इस बार पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र और कैथल में बहुत अधिक बरसात हुई है और यमुना और घग्गर से भी पानी आने से इस इलाके में पानी का भराव बहुत ज्यादा हुआ है, लेकिन अब राहत की बात है कि दीदार नगर और अन्य क्षेत्रों में पानी का लेवल लगभग 2 फीट कम हुआ है।
आयुक्त पंकज अग्रवाल शुक्रवार को देर सायं नहरों और डे्रनों की स्थिति का जायजा लेने के लिए पहुंचे थे। इससे पहले सिंचाई विभाग के आयुक्त एवं सचिव पंकज अग्रवाल ने पिपली पैराकीट में प्रशासनिक अधिकारियों से पानी से प्रभावित प्रत्येक क्षेत्र की फीडबैक रिपोर्ट ली और जानने का प्रयास किया कि किस-किस क्षेत्र में कितना पानी पहुंचा और अब वाटर लेवल की क्या स्थिति है। इसके अलावा नहरों और ड्रेनों की वास्तविक स्थिति के बारे में जाना और पूछा कि साइफन और नहरों से पानी का डायवर्सन किया गया है या नहीं। इसके अलावा झांसा में ड्रेन का कटाव की स्थिति के बारे में भी सिंचाई विभाग के अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की। इसके उपरांत आयुक्त पंकज अग्रवाल ने उपायुक्त शांतनु शर्मा, सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता अंबाला अमित रघुवंशी, सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता अरविंद कौशिक, इंजीनियर इन चीफ राकेश चौहान, कार्यकारी अभियंता गुरविंद्र सिंह, कार्यकारी अभियंता मुनीष बब्बर को साथ लेकर सबसे पहले नरवाना साइफन और झांसा के साथ-साथ कैथल जिले की नहरों और ड्रेनों का निरीक्षण किया।
आयुक्त ने कहा कि 9 जुलाई से लगातार कुरुक्षेत्र और आसपास के जिलों में बहुत अधिक बरसात हो रही है। इस बरसात के साथ-साथ घग्गर और यमुना के पानी के कारण कुरुक्षेत्र जिले में बाढ़ जैसी स्थिति बनी है। इस क्षेत्र में 45 सालों के बाद इतना अधिक बरसाती पानी पहुंचा है। इतनी ज्यादा मात्रा में पानी के पहुंचने से ही स्थिति ज्यादा खराब हुई है। इतने पानी को रोक पाना भी संभव नजर नहीं आ रहा था। इसके बावजूद प्रशासन और सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने सराहनीय कार्य किया और भाखड़ा व एसवाईल नहर को सुरक्षित रखा। इन दोनों नहरों का कहीं से भी कटाव नहीं हुआ। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों से फीडबैक लेने के बाद कहा कि लिंडा नाला की कैपेसिटी 5 हजार क्यूसेक पानी की है, जबकि इसमें 20 हजार क्यूसेक पानी पहुंचा। इस पानी के कारण लिंडा नाला ओवरफ्लो हुआ और इसका पानी रिहायशी क्षेत्रों में पहुंचा। उन्होंने कहा कि दीदार नगर और आसपास के क्षेत्र में पानी का लेवल 2 फीट से ज्यादा कम हुआ है और धीरे-धीरे शहरी क्षेत्र में स्थिति सामान्य हो जाएगी।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी प्रशासनिक अधिकारियों को सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि आने वाले एक-दो दिनों में बरसात आने की संभावना है। सभी अधिकारी बरसाती पानी से प्रभावित लोगों की हर संभव मदद करें और लोगों तक भोजन, पीने का पानी और दवाइयां पहुंचाने का काम करें। इसके अलावा झांसा में ड्रेन के कटाव को ठीक करने तथा नहरों में जहां-जहां मरम्मत की जरूरत है, वहां पर तुरंत मरम्मत करें ताकि स्थिति पर पूरी तरह नियंत्रण पाया जा सके।