बाढ़ प्रभावित लोगों के गुस्से का वीडियो वायरल,विधायक की धर्मपत्नी थानेसर परिषद की चेयरपर्सन उमा सुधा के समक्ष छलका दर्ज
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। जिला कुरुक्षेत्र में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोग त्रस्त और इनका गुस्सा अपने जन प्रतिनिधियों के समक्ष जमकर फूट रहा है। पड़ौसी जिला कैथल की गुहला विधानसभा सीट से विधायक चौधरी ईश्वर सिंह पर हाथ उठाने वाली महिला का वीडियो पिछले दिनों खूब वायरल हुआ और उसके अगले दिन कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सैनी को भी लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा था। अब जिला कुरुक्षेत्र की थानेसर विधानसभा सीट से विधायक सुभाष सुधा की धर्मपत्नी और थानेसर नगर परिषद में पिछले 15 वर्षों से चेयरपर्सन रही उमा सुधा को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा। मौके का एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है। जब इस क्षेत्र के लोगों से संपर्क किया तो इनका कहना है कि थानेसर की जनता दो बार सुभाष सुधा को विधायक बना चुकी है और पांच साल तक सुभाष सुधा को नगर परिषद थानेसर का चेयरमैन बनाने के बाद थानेसर की जनता ने लगातार तीन बार उनकी पत्नी उमा सुधा को थानेसर नगर परिषद की चेयरपर्सन के रुप में कुर्सी पर देखा है,मगर शहर के हालात क्या हैं ? यह किसी से छुपे नहीं है।
पिछले सोमवार को कुरुक्षेत्र में बाढ़ के हालात पैदा हुए थे,इसके बाद लोगों को अपने विधायक सुभाष सुधा ग्राउंड जीरों पर नजर नहीं आए थे,इसका सोशल मीडिया पर विरोध सामने आया तो बताया गया कि वे अमरनाथ यात्रा पर गए हैं। दो दिन पहले वह कुरुक्षेत्र आ चुके हैं और ग्राउंड जीरो पर पहुंच कर सेवा कार्यों में जुटे हैं और लोगों की समस्याओं को सुनने के साथ इसका निदान कर रहे हैं। उनके कार्यकर्ता,विधायक की पत्नी निवर्तमान थानेसर नगर परिषद की चेयरपर्सन और उनके समर्थक जब खेड़ी मारकंडा रोड पर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में सेवा और सहयोग के लिए पहुंचे तो यहां रहने वाले कुछ लोग उन पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि एक पानी की बोतल देकर फोटो खिंचवाने का काम को रहा है,जबकि जनता की जो छोटी छोटी समस्याएं हैं,उन्हें नेता और अधिकारी नजरंदाज कर रहे हैं। लोग जब अपने नेताओं के सामने समस्या रखते हैं तो होजूगा होजूगा कह कर टरका दिया जाता है,लेकिन होता कुछ नहीं और ढाक के तीन पात जैसे हालात कायम रहते हैं।
गुस्साए लोगों ने उमा सुधा के समक्ष कहा कि आप सिर्फ बोतलें बांटने के लिए आते हो,पिछली बार (यानी बाढ़) के हालात में भी हमें खुद को संभालना पड़ा था,अब इलेक्शन आ गया और पानी की बोतलें बांट कर अपनी फोटो अखबारों में छपवा कर काम कर रहे हैं। गुस्साएं नागरिक ने कहा होजूगा होजूगा के अलावा कोई काम नहीं है,हमारे सिर फड़वाने का काम किया जा रहा है। इस दौरान खास बात यह रही की मौके की नजाकत और नागरिकों की पीड़ा को समझते हुए बगैर तर्क किए चुप्पी साधने में ही भलाई समझी।