स्वरोजगार हेतु पशुपालन व्यवसाय के लिए नाबार्ड एंकर के रूप में आगे आए, हरियाणा सरकार 90 प्रतिशत तक सब्सिडी की गारंटी देने को तैयार
हरियाणा को कई क्षेत्रों में देश का नंबर वन राज्य बनाने में भी नाबार्ड की रही है महत्ती भूमिका- कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री
न्यूज डेक्स संवाददाता
चंडीगढ़। हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जय प्रकाश दलाल ने कहा कि नाबार्ड का देश की ग्रामीण आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। नाबार्ड के सहयोग से हरियाणा कई क्षेत्रों में देश का नंबर वन राज्य बना है। ग्रामीण क्षेत्र में युवाओं को स्व रोजगार के लिए पशुपालन व्यवसाय के लिए एंकर के रूप में नाबार्ड आगे आए, इसमें हरियाणा सरकार 90 प्रतिशत सब्सिडी की गारंटी देने को तैयार। जे पी दलाल आज नाबार्ड के क्षेत्रीय कार्यालय, चंडीगढ़ में नाबार्ड के 42वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
जे पी दलाल ने राज्य फोकस पेपर तैयार करने के लिए नाबार्ड की सराहना की। उन्होंने कहा कि जब हरियाणा 1966 में पंजाब से अलग राज्य बना था, उस समय तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे कि हरियाणा के पास कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी पैसा नहीं है। परंतु यहां के मेहनती किसान व कर्मचारियों ने नाबार्ड के सहयोग से हरियाणा को कई क्षेत्रों में अग्रणी बनाया है। नाबार्ड ने ग्रामीण आधारभूत संरचना के लिए पूंजी उपलब्ध करवाई है। नाबार्ड द्वारा प्राइमरी कृषि सहकारी समितियों (पैक्स) के कम्प्यूटरीकरण करने के कार्य की सराहना की।
उन्होंने नाबार्ड के अधिकारियों को कहा कि हरियाणा में लगभग 7-8 लाख एकड़ जमीन क्षारीय है तथा 2 लाख एकड़ भूमि खारे पानी वाली है। इस प्रकार 10 प्रतिशत भूमि कृषि योग्य नहीं है। इस भूमि का उपयोग मत्स्य पालन व झींगा पालन इत्यादि के लिए किया जा सकता है। हरियाणा सरकार व नाबार्ड दोनों मिलकर कार्य करें तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा से लगभग 100 करोड़ रुपये का झींगा का निर्यात होता है।
नाबार्ड जैविक किसान उत्पादक समूह का करे गठन
जेपी दलाल ने कहा कि जिस प्रकार नाबार्ड स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय सहयोग उपलब्ध करवा रहा है, उसी तर्ज पर जैविक किसान उत्पादक समूह का गठन करने में भी नाबार्ड आगे आए। गुरुग्राम व दिल्ली में जैविक कृषि उत्पादों की अधिक मांग है। प्रदेश सरकार एनसीआर में जैविक मंडी स्थापित करने की संभावनाएं तलाश रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2023 को मिलेट्स ईयर घोषित किया गया है। दक्षिणी हरियाणा में मोटा अनाज बाजरा का अधिक उत्पादन होता है। सरकार द्वारा 2500 रुपये प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी जाती है। गेहूं व धान के फसल चक्र से किसानों को अन्य फसलों की ओर ले जाने में नाबार्ड आगे आए।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार धान के स्थान पर अन्य फसलें उगाने के लिए किसानों को 7 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से वित्तीय सहायता दे रही है। इसी प्रकार, जो किसान डीएसआर तकनीक से धान की बिजाई करते हैं, उन्हें भी 4 हजार रुपये प्रति एकड़ वित्तीय सहायता दी जा रही है। उन्होंने नाबार्ड का आह्वान किया कि उन्हें खुले मन से किसानों के सहयोग के लिए आगे आना चाहिए और टीम इंडिया की तरह कार्य करना चाहिए तभी हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत व ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के विजन को साकार कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार गन्नौर में अंतरराष्ट्रीय फल एवं सब्जी मंडी स्थापित कर रही है। इस पर लगभग 10 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी। इस मंडी का सालाना कारोबार 30 से 40 हजार करोड़ रुपये होने का अनुमान है। इससे स्थानीय स्तर पर भी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। नाबार्ड भी इस परियोजना में सहयोग करे। उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में एक मजबूत सरकार कार्य कर रही है और विश्व में इस स्थाई नेतृत्व को मान्यता भी दी है। नाबार्ड को वर्तमान समय का लाभ उठाना चाहिए और देश की उन्नति में सहयोग करना चाहिए।
661 पैक्स के लिए 4.85 करोड़ रुपये किए स्वीकृत
नाबार्ड क्षेत्रीय कार्यालय की मुख्य महाप्रबंधक दीपा गुहा ने नाबार्ड द्वारा चलाई जा रही गतिविधियों की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि नाबार्ड ने इस वर्ष हरियाणा राज्य को 13 हजार करोड़ रुपये ऋण के रूप में उपलब्ध करवाए हैं, जिसमें से 1200 करोड़ रुपये ग्रामीण आधारभूत संरचना, 4700 करोड़ रुपये दीर्घकालीन ऋण तथा 6800 करोड़ रुपये फसली ऋण के लिए उपलब्ध करवाए हैं। उन्होंने बताया कि नाबार्ड द्वारा प्रदेश की 730 पैक्स में से 710 पैक्स के कम्प्यूटरीकरण को स्वीकृति प्रदान की गई है। 661 पैक्स के लिए 4.85 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। पैक्स से नाबार्ड तक ऑनलाईन प्रक्रिया की जा रही है। 28 राज्यों में नाबार्ड के नियमों को अपनाया है, उनमें हरियाणा भी एक है। अब पैक्स को बहुउद्देशीय संस्थानों के रूप में कार्य करने के लिए तैयार किया गया है, जिसमें डेयरी, मत्स्य पालन, गोदामों की स्थापना, एलपीजी, पेट्रोल, हरित ऊर्जा वितरण एजेंसी, बैंकिंग संवाददाता, सीएससी इत्यादि 25 से अधिक व्यावसायिक गतिविधियां चलाने की योजना की रूपरेखा तैयार की गई है।
नाबार्ड द्वारा जिला केंद्रीय सहकारी बैंक जींद, रेवाड़ी तथा सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक, रोहतक को संयुक्त देयता समूह (ज्वाइंट लायबिलिटी ग्रुप) के लिए अधिकृत प्रमाण पत्र प्रदान किया। इसके तहत 4 महिलाओं को 2 लाख रुपये तक का ऋण दिया जा सकेगा। अब तक स्वयं सहायता समूह को 1 लाख रुपये तक का ऋण ही दिया जाता है। इस अवसर पर हरको बैंक के चेयरमैन हुक्कम सिंह भाटी, नाबार्ड पंजाब के मुख्य महाप्रबंधक बी रघुनाथ, एसएलबीसी, हरियाणा के महाप्रबंधक डॉ राजेंद्र प्रसाद, सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक के चेयरमैन प्रणय कुमार मोहंती सहित नाबार्ड व डीसीसीबी के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।