जीतेंद्र जीतू/न्यूज डेक्स राजस्थान
जयपुर। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के आंगनबाड़ी केन्द्रों को नन्दघर के रूप में विकसित करने के लिए अनिल अग्रवाल फाउण्डेशन के साथ एमओयू किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में प्राथमिकता के आधार पर 13 जिलों को शामिल कर 8 हजार नन्द घरों को विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान इस संबंध में सदस्यों द्वारा पूछे गये पूरक प्रश्नों का महिला एवं बाल विकास मंत्री की ओर से जवाब देते हुए कहा कि प्रथम चरण में 976 नन्दघरों को विकसित करने का कार्य पूरा हो चुका है तथा 509 का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने बताया कि कार्य में देरी के संबंध में फाउन्डेशन को दिशा-निर्देश जारी किये गए हैं।
इससे पहले सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने विधायक शोभा चौहान के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2021-22 में प्रदेश में 25 हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों को चरणबद्ध रूप से नंद घर के रूप में विकसित किये जाने की घोषणा की गई थी, जिसके तहत राज्य सरकार एवं अनिल अग्रवाल फाउण्डेशन के मध्य 8 फरवरी 2022 को एमओयू हस्ताक्षरित किया गया। इस एमओयू के अन्तर्गत प्रदेश में अब तक 976 आंगनबाड़ी केन्द्रों को नंद घर के रूप में विकसित किया जा चुका है तथा 509 आंगनबाड़ी केन्द्रों को नन्द घर के रूप में विकसित किये जाने का कार्य प्रगतिरत है।
उन्होंने बताया कि एमओयू के अन्तर्गत 13 जिलों को प्राथमिकता के आधार पर लिया गया था, जिनमें पाली जिला सम्मिलित नहीं है। इन जिलों में नन्द घर अपग्रेडेशन का कार्य पूर्ण होने के साथ ही राज्य के अन्य जिलों में भी नन्द घर अपग्रेडेशन का कार्य आरम्भ किया जायेगा। जूली ने बताया कि प्रथम चरण में पाली जिला शामिल नहीं है, इसलिए किसी प्रकार का व्यय नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि नन्द घर हेतु समस्त आवश्यक कार्यों का व्यय अनिल अग्रवाल फाउण्डेशन द्वारा किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा कोई व्यय नहीं किया जा रहा है।