अरोड़ा के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन देकर मैडिकल फीस वृद्धि वापिसी की मांग
सरकारी डॉक्टरों को प्राईवेट अस्पतालों की बजाए बेहतरीन आर्थिक पैकेज घोषित करे सरकार
गरीब, दलित व पिछड़ा वर्ग के छात्रों का डॉक्टर बनने का सपना तोड़ा सरकार ने
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र, 19 नवंबर। भारत की पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी एक ऐसी आयरन लेडी थी जिन्होने बंगला देश बनवाकर पाकिस्तान का भूगोल ही बदल दिया था। यह विचार पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक अरोड़ा ने कांग्रेस भवन में स्व. इंदिरा गांधी के जन्मदिन पर आयोजित कार्यक्रम में उनको नमन करते हुए व्यक्त किए।
इस अवसर पर लाडवा विधायक मेवा सिंह, इंप्रुवमैंट ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन जलेश शर्मा, प्रदेश कांग्रेस के संगठन सचिव सुभाष पाली, रणबीर बूरा, एनएसयूआई के जिला प्रधान ईशान शर्मा, ब्लॉक कांग्रेस के पूर्व प्रधान मेहर सिंह रामगढ़, पृथ्वी सिंह तुर्क, पवन चौधरी, श्रीप्रकाश मिश्रा, बिमला सरोहा, नरेंद्र शर्मा निंदी, नीलम बड़ोंदा, सतबीर शर्मा, सुनीता नेहरा, चंद्रभान वाल्मिकी, संजीव आलमपुर, बलजीत सिंह, सुधीर चुघ, पूर्ण हिंगाखेड़ी, हरप्रीत चीमा, ईश्वर फतुहपुर, सुभाष हुड्डा सहित अनेक कांग्रेसी नेताओं ने स्व. इंदिरा गांधी को अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए।
अरोड़ा ने अपने संबोधन में कहा कि इंदिरा गांधी ने देश की एकता और अखंडता के लिए बलिदान दिया। उसके बाद उनके सुपुत्र पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी भी देश के लिए बलिदान दे गए। इंदिरा गांधी विश्वभर में आयरन लेडी के नाम से मशहूर थी। उन्होने बैंकों का राष्ट्रीय करण करके गरीब आदमी के लिए बैंकों के दरवाजे खोले। पुराने राजा-महाराजाओं का प्रीवीपर्स बंद किया। उन्होने अपने शासनकाल में अनेक क्रांतिकारी कदम उठाए। गरीबी हटाओ का नारा देकर गरीबों के उत्थान के लिए अनेक योजनाएं चलाई। पाकिस्तान से बंगला देश को अलग कर एक साहसिक कदम इंदिरा गांधी ने ही उठाया था।
कार्यक्रम के पश्चात अशोक अरोड़ा के नेतृत्व में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने नगराधीश के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन देकर मांग की कि हरियाणा सरकार द्वारा एमबीबीएस की पढ़ाई में फीस वृद्धि और छात्रों से 10 लाख रूपए के बांॅड भरवाए जाने के फैसले पर रोक लगाई जाए। भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के जन विरोधी निर्णयों के चलते प्रदेश में अराजकता का माहौल बना हुआ है। हाल ही में हरियाणा सरकार ने एक छात्र विरोधी फैसला लेकर गरीब बच्चों का डॉक्टर बनने का सपना भी तोड दिया है। फैसले से सरकारी मैडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई को अनुसूचित जाति पिछड़ा वर्ग व गरीबों की पहुंचे से बाहर कर दिया है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में सरकारी मैडिकल कॉलेजों में 53 हजार वार्षिक थी इसी के साथ-साथ लगभग 20 हजार रूपए हॉस्टल की फीस होती थी। निर्णय के अनुसार प्रत्येक छात्र से हर साल 10 लाख रूपए का बॉंड भरवाया जाएगा जिसमें से 80 हजार रूपए सालाना फीस कटेगी। इस फीस में हर साल 10 प्रतिशत की वृद्धि होगी। इस हिसाब से 4 साल में अब यह फीस 40 लाख रूपए प्रति विद्यार्थी हो जाएगी। यदि इस लोन पर ब्याज की राशि 6 प्रतिशत वार्षिक भी लगाई जाए तो हर विद्यार्थी को लगभग 55 लाख रूपए चुकाने होंगें। यह राशि सात साल में चुकानी अनिवार्य होगी।
अरोड़ा ने कहा कि सरकार का काम पैसा कमाना नही होता। मैडिकल के विद्यार्थियों से 10 लराख का बॉंड भरवाने की बजाए सरकारी डॉक्टरों को बेहतरीन आर्थिक पैकेज दें ताकि वे प्राईवेट अस्पतालों की तरफ न भागें। सरकार के इस निर्णय से मैडिकल के छात्रों व उनके अभिभावकों में गहरा रोष है। सरकार स्वास्थ्य सेवाओं में मूलभूत सेवाएं देने की बजाए व्यापारी बनकर रह गई है।