Friday, November 22, 2024
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राज्यस्तरीय कार्यशालाःअध्यापकों ने बनाए अनूठे व अतरंगी टीएलएम

by Newz Dex
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राज्य स्तरीय कार्यशाला के दूसरे दिन अधिगम सामग्री निर्माण में जुटे रहे शिक्षक, डीईओ, डीईईओ व निदेशालय से आए अधिकारियों ने की अध्यापकों से बातचीत

न्यूज डेक्स संवाददाता

कुरुक्षेत्र। जयराम विद्यापीठ में आयोजित राज्य स्तरीय शिक्षण अधिगम सामग्री निर्माण कार्यशाला के दूसरे दिन प्रतिभागी अध्यापक समग्र निर्माण में जुटे रहे। अध्यापकों ने अनेक अनूठे व अतरंगी टीएलएम निर्मित किए जिससे शिक्षण रोचक बन सकेगा। डीईओ रोहतास वर्मा डीईईओ विनोद कौशिक व निदेशालय से आए प्रमोद कुमार व अन्य अधिकारियों ने कार्यशाला का दौरा किया और अध्यापकों से बातचीत की। कार्यशाला स्थल पर दिन भर रंग बिरंगे मॉडल बनते नजर आए। अधिकारियों ने शिक्षकों के प्रयास को सराहा और इसे पूरे प्रदेश के लिए उपयोगी बताया। अध्यापकों द्वारा बनाई गई शिक्षण अधिगम सामग्री से बच्चे गणित के सूत्र से लेकर हिंदी व अंग्रेजी की व्याकरण तक आसानी आए समझ सकेंगे।

राज्य कार्यक्रम अधिकारी प्रमोद शर्मा ने कहा जितनी शिक्षण अधिगम सामग्री अच्छी होगी  उतना ही बेहतर शिक्षण होगा। बच्चे उसी ढंग से एवं सही प्रकार से सीख पाएंगे। उन्होंने बताया कि निपुण भारत मिशन के तहत हरियाणा को 5 चैनल दिए गए हैं जो प्रतिदिन दिल्ली दूरदर्शन व अन्य चेनल पर प्रसारित होंगे, जिनमे से एक चैनल एफएलएन का रहेगा, जिसमें कक्षा पहली से तीसरी तक के विद्यार्थी सीख सकेंगे। जिला शिक्षा अधिकारी रोहताश वर्मा ने कहा कि प्राचीन शिक्षण पद्धति में प्रकृति के माध्यम से एवं खुले तौर पर बच्चों को शिक्षा दी जाती थी जिससे उनका ज्ञान स्थाई रहता था। परंतु आज के समय में ऐसा संभव नहीं है। आज बच्चे की अधिगम प्रक्रिया केवल कक्षा कक्ष में हो रही है। और कक्षा कक्ष में एक अध्यापक द्वारा निर्मित और समय बनाई गई सामग्री के द्वारा अगर अधिगम हो तो बच्चे सही ढंग से सीख पाते है।

जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी विनोद कौशिक ने कहा कि इस प्रकार की सामग्री से बच्चों में सीखने के प्रति रुचि का विकास होता है। और बच्चे ध्यान से पढ़ने की कोशिश करते हैं। हमें विद्यालयों में बच्चों को प्राकृतिक वातावरण उपलब्ध करवाना चाहिए और अभिभावकों के माध्यम से उन्हें घर पर भी रोजमर्रा के सवाल जवाब करने चाहिए। एफएलएन समन्यक आशुतोष ने बताया कि शिक्षण सामग्री के निर्माण के बाद उसका प्रयोग किस प्रकार होगा। इन्हें बच्चों को दिखाकर व स्वंय बनाकर अपने शिक्षण को प्रभावी बना सकते हैं। इस अवसर पर श्रेयस रावत, सतबीर कैशिक, संजय कौशिक, प्यारे लाल, नित्यानंद शास्त्री, प्रदीप कुमार, पुष्पेंद्र अत्रि, धनपत सिंह, पवन कुमार, डॉ राम मेहर अत्रि, अमरजीत पांचाल आदि उपस्थित रहे।

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