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इस्तीफा देने वालों में भाजपा के पदाधिकारी एवं कई पार्षद,भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ को भेजी प्रति
धनखड़ को भेजे गए सामूहिक इस्तीफे में पार्टी से नाता तोड़ने वालों के नाम,पद और मोबाइल नंबर
इस्तीफे में भाजपा विधायक लीलाराम व भाजपा के जिलाध्यक्ष अशोक गुर्जर पर राजपूत समाज के नेताओं का आरोप
हिंदू सम्राज राजा मिहिर भोज के नाम के आगे गुर्जर शब्द लिखने पर है राजपूत समाज को आपत्ति,मूर्ति किया गया है अनावरण
न्यूज डेक्स संवाददाता
चंडीगढ़। कैथल में भाजपा पर काले बादल मंडरा रहे हैं। यहां भाजपा के पदाधिकारियों सहित कई पार्षदों ने सामूहिक इस्तीफा लिख कर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ को भेजा है। वैसे तो एक महापुरुष को लेकर विवाद पुराना है और देश के कई हिस्सों में यह विवाद पिछले वर्षों में कई बार पनपा है।यह महापुरुष हैं हिंदू सम्राट राजा मिहिर भोज,जिसे गुर्जर समाज और राजपूत समाज अपने अपने सामुदाय का होने का दावा पेश कर चुके हैं। इनमें गुर्जर समाज कई जगहों पर राजा मिहिर भोज के नाम के आगे गुर्जर लिखता है,जबकि राजपूत समाज उन्हें हिंदू सम्राट राजा मिहिर भोज क्षत्रिय लिख कर उन्हें क्षत्रिय समाज का बताता है। हालांकि दोनों ही समाज में कुछ लोगों ने बीच का रास्ता निकालने की बात भी सामने आती रही है और महापुरुष किसी एक जाति या धर्म के नहीं होते,इस तरह लोगों को समझाने का प्रयास गुर्जर और राजपूत समाज को किया या था। बीच के रास्ता अपनाते हुए सिर्फ हिंदू सम्राट राजा मिहिर भोज नाम लिखने की बात भी हुई थी,मगर बात में वही ढाक के तीन पात हुए और नाम के आगे एक सामुदाय द्वारा मूर्ति लगाकर अनावरण करने के बाद विवाद उपजा। इसमें भाजपा के लिए आगे कुआं पीछे खाई के हालात इसलिए पैदा हो रहे हैं,क्योंकि दोनों ही समाज भाजपा से बड़ी संख्या में जुड़े हैं,लेकिन दोनों समाज में सामंजस्य की स्थिति बनाने की पहल अभी तक नहीं दिखी। वरना पिछले दिनों जो हालात पैदा हुए वह नहीं होते। यही कारण है राजपूत समाज भाजपा से खफा दिख रहा है। हालांकि सीधे आग में हाथ डालने की बजाए भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कुछ नेता डैमेज कंट्रोल करने में लगे हैं,लेकिन इससे पहले इस्तीफों की बयार शुरु हो चुकी है।
कैथल शहर में 19 जुलाई 2023 को हिंदू सम्राट मिहिर भोज प्रतिहार की प्रतिमा गुर्जर समाज द्वारा लगाने पर उस पर हिंदू सम्राट की जगह गुर्जर सम्राट लिखने पर राजपूत व गुर्जर समाज में भारी मतभेद उत्पन्न हो गया है। राजपूत समाज जिला कैथल भाजपा के समस्त पदाधिकारी औऱ कार्यकर्ताओं को इस विषय को सुलझाने में पंचायत और प्रशासन के बीच में जिलाध्यक्ष अशोक गुर्जर द्वारा प्रशासन पर सरकार का दबाव डाला गया व सामंजस्य नहीं बनने दिया और चौक पर गुर्जर शब्द लिख कर खुद जिलाध्यक्ष द्वारा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य मनीष कठवाड़ व विधायक लीला राम गुर्जर को साथ लेकर राजपूत समाज की जनभावनाओं की कद्र ना करते हुए मूर्ति का अनावरण किया,जबकि वह भाजपा के जिलाध्यक्ष होने के नाते दोनों बिरादरियों में मतभेद पैदा करने का रोल निभाया। अतःहम सब इससे आहत हैं और इस जिलाध्यक्ष के साथ पार्टी में काम करने में असमर्थ हैं। अतः हमारा इस्तीफा जिलाध्यक्ष न बदले तो स्वीकार करें।
हमारे राजपूत समाज के हजारों लोगों पर जो शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे थे पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए और लाठियां पुलिस प्रशासन द्वारा बरसाई गई और दूसरी ओर गुर्जर समाज के लोगों को जिसमें विधायक लीलाराम,जिलाध्यक्ष अशोक गुर्जर, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य मनीष काठवाड़, राव सुरेंद्र सिंह,राजपाल तंवर,मक्खन दोहर व अन्य साथियों के साथ प्रशासन व शासन की देखरेख में मूर्ति का माल्यार्पण व उद्गाटन कराया या। इससे राजपूत समाज के जो भाजपा पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं में भारी रोष है। इसलिए सभी राजपूत समाज के भाजपा पदाधिकारी व कार्यकर्ता सामूहिक तौर पर अपना इस्तीफा दे रहे हैं और जब तक यह गुर्जर शब्द नहीं हटाया जाएगा। तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा।