1975 में ध्यानाकर्षण के लिए राजनेता जयप्रकाश नारायण के विरोध में उनकी कार पर नृत्य किया था ममता बैनर्जी ने
दिग्गज कम्युनिस्ट राजनेता सोमनाथ चटर्जी को पराजित किया था 1984 में
यह चुनाव जीतने के बाद ममता बैनर्जी अब तक के सबसे कम उम्र के सांसदों में से एक बनीं थीं
न्यूज डेक्स इंडिया
दिल्ली। भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की सुपुत्री शर्मिष्ठा मुखर्जी ने आज ममता बैनर्जी का चार दशक पुराना पत्र सोशल मीडिया पर शेयर किया है। उन्होंने लिखा कि बाबा के कागजों में ममता बनर्जी द्वारा हस्ताक्षर किए गए 14-8-85 का एक दिलचस्प पुराना दस्तावेज मिला, जिसमें कहा गया है कि उन्हें डब्ल्यूबीपीसीसी द्वारा उत्तर कोलकाता डिस्ट्रिक्ट का पुनर्निर्माण करने के लिए ऑब्जर्वर नियुक्त किया गया है। इस पत्र में उनसे मिलने के लिए कार्यकर्ताओं का अनुरोध किया गया है। इस पत्र के बारे में शर्मिष्ठा ने लिखा है कि यह पत्र बस इतिहास के लिए साझा कर रही हूं। इस पत्र में ममता बैनर्जी के हस्ताक्षर डा.ममता बैनर्जी के रुप में प्रिंट और हस्ताक्षरित दिखाई दे रहे हैं।
जाहिर है कि बनर्जी ने 1970 के दशक में महज 15 वर्ष की आयु में ही महिला कार्यकर्ता के रूप में कांग्रेस पार्टी में ही अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था। 1975 में उन्होंने प्रेस मीडिया में तब ध्यान आकर्षित किया जब उन्होंने समाजवादी कार्यकर्ता और राजनेता जयप्रकाश नारायण के विरोध में उनकी कार पर नृत्य किया था।1976 से 1980 तक महिला कांग्रेस (इंदिरा) पश्चिम बंगाल की महासचिव रहीं थी और 1984 के आम चुनाव में, बनर्जी भारत के अब तक के सबसे कम उम्र के सांसदों में से एक बनीं थीं। तब उन्होंने दिग्गज कम्युनिस्ट राजनेता सोमनाथ चटर्जी को पराजित किया था।
ममता बनर्जी के पिता प्रोमिलेश्वर बैनर्जी एक स्वतंत्रता सेनानी थे और उनके बारे में जो जानकारी मिलती है,उसके अनुसार चिकित्सा के अभाव में स्वतंत्रता सेनानी प्रोमिलेश्वर बैनर्जी का निधन हो गया था। 1970 में ममता बैनर्जी ने देशबंधु शिशुपाल से उच्च माध्यमिक बोर्ड की शिक्षा पूरी की और जोगमाया देवी कॉलेज से इतिहास में स्नातक की डिग्री हासिल की थी।उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से इस्लामी इतिहास में अपनी मास्टर डिग्री हासिल की थी। इसके बाद श्री शिक्षाशयन कॉलेज से शिक्षा की डिग्री और जोगेश चंद्र चौधरी लॉ कॉलेज कोलकाता से कानून की डिग्री प्राप्त की थी। उन्हें कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी भुवनेश्वर से डॉक्टरेट की मानद उपाधि भी हासिल है,जबकि कलकत्ता विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट ऑफ़ लिटरेचर (डी.लिट) की डिग्री से भी सम्मानित किया जा चुका है।