सरकार की गलत नीतियों से देश व प्रदेश का किसान व व्यापारी बर्बाद हो रहा है- बजरंग गर्ग
केंद्र सरकार को किसान व व्यापारियों के हित में तुरंत प्रभाव से गैर बासमती चावल के निर्यात पर रोक को हटाना चाहिए- बजरंग गर्ग
न्यूज़ डेक्स संवाददाता / डॉ प्रदीप गोयल
शाहबाद। अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव व हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने राइस मिलर, आढ़ती व किसानों से बातचीत करने के उपरांत कहा कि केंद्र सरकार द्वारा गैर बासमती चावल के निर्यात पर रोक लगाने का फरमान जारी करना किसान व व्यापारियों को नुकसान पहुंचाने वाला आदेश है जो निंदनीय है। सरकार द्वारा निर्यात पर रोक लगाने से किसान व व्यापारियों को काफी नुकसान होगा। केंद्र सरकार को तुरंत प्रभाव से गैर बासमती चावल के निर्यात पर रोक को हटाना चाहिए। बजरंग गर्ग ने कहा कि गैर बासमती चावल श्रीलंका, इटली, थाईलैंड, स्पेन, नेपाल, चीन, अफ्रीका, यूरोप, अमेरिका आदि देशों में भारत के व्यापारी सप्लाई करते हैं जबकि हर बार सरकार द्वारा धान की खरीद लेट शुरू होती है। जिसमें प्रति एकड़ धान खरीद पर कैप लगा दी जाती है और बार-बार सरकारी खरीद एजेंसियां धान में नमी बताकर किसानों को धान खरीदने में तंग करते है। सरकार द्वारा धान की खरीद 1 अक्टूबर से शुरू होने के कारण किसानों को अपनी फसल को खुले बाजार में पहले बेचनी पड़ती है। व्यापारी अंतरराष्ट्रीय बाजार में चावल बेचने के उद्देश्य से किसानों की धान की खरीद करके उसका चावल निकाल कर विदेशों में बेचता है। जिसके कारण किसानों को अपनी फसल के उचित दाम मिल जाते हैं। चावल पर निर्यात बंद होने से खुले बाजार में किसानों की धान कोई ना खरीदने से हरियाणा, पंजाब, बिहार, यूपी आदि राज्यों के किसानों को बड़ा भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। सरकार की गलत नीतियों से देश व प्रदेश का किसान पहले ही बर्बादी के कगार पर है। बजरंग गर्ग ने कहा कि इसी प्रकार 2008 में यूपीए सरकार ने भी गैर बासमती चावल के निर्यात पर रोक लगाने का काम किया था उस समय तो भारतीय जनता पार्टी ने निर्यात पर रोक लगाने का भारी विरोध किया था। आज वही भाजपा सरकार को चावल निर्यात पर रोक लगाकर किसान व व्यापारियों के साथ धोखा कर रही है। बजरंग गर्ग ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को किसान व व्यापारियों के हित में गैर बासमती चावल की निर्यात पर रोक को हटाने के लिए केंद्र सरकार से बातचीत करके इस समस्या का समाधान करवाना चाहिए। 2008 में यूपीए सरकार ने निर्यात पर जब रोक लगाई थी उस समय हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने केंद्र सरकार से बातचीत करके उस रोक को हटाने का काम किया था।