सार्वजनिक स्थानो पर धूम्रपान करने से 200 रुपये तक हो सकता है जुर्माना-ए.डी.सी.
तंबाकू सेवन के खिलाफ सरकारी विभागों को जागरूकता बढ़ाने के निर्देश
न्यूज डेक्स संवाददाता
करनाल। राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम को लेकर गठित जिला टास्क फोर्स की मीटिंग में अतिरिक्त उपायुक्त डॉ. वैशाली शर्मा ने अधिकारियों से कहा कि तंबाकू सेवन स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है। इससे कैंसर हो सकता है और मनुष्य असमय ही मौत को प्राप्त हो जाता है। इसके लिए जागरूकता और एन्फोर्समेंट, दोनो को बढ़ाने की आवश्यकता है। सरकारी विभागों के अधिकारी एक नोडल के रूप में सार्वजनिक जगहों पर तंबाकू सेवन करने वालों के चालान करें। अपने कार्यालय व परिसर को नो-जोन बनाएं।
उन्होंने तंबाकू से नुकसान के चौकाने वाले आंकड़े बताते कहा कि देश में हर साल तंबाकू सेवन से साढे 12 लाख लोग मरते हैं, अर्थात रोजाना 3500 मौतें। कोविड दौर से तुलना करते कहा कि दो वर्षों में साढे 5 लाख लोगों की मौते हुई थी। उनका कहना था कि तंबाकू सेवन के वार्षिक आकंड़े कोविड काल से भी खतरनाक हैं। स्कूलों पर फोकस रखने के दिए निर्देश- एडीसी ने कहा कि स्कूल-कॉलेजों में ज्यादा फोकस रखने की आवश्यकता है। अध्यापकों की जिम्मेवारी है कि वे विद्यार्थियों को तंबाकू सेवन के खिलाफ जागरूक करें। सभी स्कूलों के नोडल अध्यापक सुनिश्चित करें कि स्कूल के 100 मीटर के दायरे में तंबाकू की ब्रिकी न हो। इसका प्रमाण पत्र भी दें। इसी प्रकार सरकारी दफ्तरों के नोडल अपने-अपने कार्यालय में 65 गुणा 45 सेंटीमेटर का चेतावनी बैनर, स्वास्थ्य विभाग से लेकर चस्पा करें। तंबाकू मुक्त कार्यालय या तंबाकू मुक्त परिसर का प्रमाण पत्र भी देना होगा।
उन्होंने कहा कि तंबाकू सेवन से लोगों को रोकना एक बड़ी चुनौती है, लेकिन जागरूकता गतिविधियों को जारी रखने से इस पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है। इसके लिए जागरूकता कैम्प, तंबाकू से नुकसान के पोस्टर तथा वाल पेंटिंग जैसे अच्छे तरीके हैं।
तंबाकू ब्रिकी को लेकर कानूनों का है प्रावधान
मीटिंग में स्वास्थ्य विभाग के नोडल डॉ. अमन काम्बोज ने बताया कि सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा)-2003 में स्पष्टï किया गया है कि सार्वजनिक स्थानो पर धुम्रपान करने पर प्रतिबंध है। उल्लंघन करने पर प्रति उल्लंघन 200 रुपये जुर्माना/दंड का प्रावधान है। अधिनियम की धारा-4 में सार्वजनिक स्थानो पर सिगरेट-बीड़ी प्रतिबंध, धारा-5 में तंबाकू उत्पादों पर प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष ढंग से विज्ञापन करना, धारा-6(ए) में नाबालिग को तंबाकू उत्पादन बेचना या उससे बिकवाना, धारा-6(बी) में शैक्षणिक संस्थानो के 100 गज के घेरे में तंबाकू बेचना तथा धारा-7 में उस तंबाकू उत्पाद को बनाना या बेचना, जिस पर अधिनियम अनुसार चित्र सहित स्वास्थ्य चेतावनी न छपी हो, जैसे उल्लंघन हैं। इनमें 200 रुपये से 10 हजार रुपये तक जुर्माना तथा 1 से 5 वर्ष तक की कैद का प्रावधान है।
यह भी हैं तंबाकू नियंत्रण सम्बंधी कानून
तंबाकू नियंत्रण को लेकर कुछ ओर कानून भी हैं। इनमें ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक अधिनियम 1940, किशोर न्याय अधिनियम 215, खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006, विष अधिनियम 1919, मोटर वाहन अधिनियम तथा नाप-तोल (लिगल मेट्रोलॉजी) अधिनियम 2009 हैं। इनकी उल्लंघना में भी 1 से 3 वर्ष तक कैद तथा 1 लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है। इस अवसर पर जिला टास्क फोर्स की बैठक में स्वास्थ्य विभाग की डिप्टी सीएमओ डॉ. अनु शर्मा, डॉ. अभय अग्रवाल, डॉ. सरोज, डॉ. अमन काम्बोज (नोडल), डॉ. कैलाश, डॉ. शीनु, डॉ. अजय सैनी, पी.ओ आईसीडीएस राजबाला, डीडीपीओ राजबीर खुंडिया तथा बीडीपीओ भी उपस्थित रहे।