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बाढ़ प्रभावित नागरिक ने थानेसर नगर परिषद की निवर्तमान चेयरपर्सन उमा सुधा के समक्ष समस्या रखते हुए जताई थी नाराजगी
अशोक पहलवान ने कहा कि यह कार्रवाई क्यों हुई,यह सब जानते हैं,मामला राजनीतिक रंग ना ले,इससे पहले केस निरस्त कराने की अपील
विरोध करने वाले मनु दत्त शर्मा पर दर्ज कराई गई है एफआईआर,उसने बोला था होजूगा होजूगा कह कर काम चलाया जा रहा है
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। एक समाजिक संगठन के अध्यक्ष अशोक पहलवान ने वीडियो वायरल कर थानेसर के विधायक सुभाष सुधा और थानेसर नगर परिषद की निवर्तमान चेयरपर्सन उमा सुधा को एक मामले में दर्ज कराई की एफआईआर रविवार तक निरस्त कराने का निवेदन किया है। इसी के साथ उन्होंने रविवार तक का वक्त दिया है और कहा है कि अगर रंजिशन दर्ज कराई गई एफआईआर निरस्त नहीं हुई तो इसके बाद महापंचायत बुलाई जाएगी। उन्होंने वीडियो में बताया है कि कुरुक्षेत्र में पिछले दिनों आई बाढ़ की वजह से कई क्षेत्र बुरी तरह से प्रभावित हुए थे। इस दौरान नगर के एक प्रभावित इलाके की वीडियो खूब वायरल हुई थी,जिसमें थानेसर नगर परिषद की निवर्तमान चेयरपर्सन उमा सुधा और उनके कुछ समर्थक बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में राहत कार्यों के मद्देनजर पहुंचे हुए थे,इस दौरान इलाके का एक नागरिक अपनी समस्या को पुरजोर तरीके से उठाता हुआ नजर आ रहा है।
इस वार्तालाप में वह यह भी बता रहा है कि उनकी समस्याओं पर गौर नहीं किया जाता। लोग परेशान हो रहे हैं और यहां फोटो खिंचवाकर पानी की बोतलें बांट कर अपनी ड्यूटी निभाई जा रही है। पहलवान ने बताया कि एक दिन पहले खेड़ी मारकंडा क्षेत्र के रहने वाले इसी व्यक्ति मनु दत्त ने उन्हें फोन किया और बताया कि उनके खिलाफ सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के जेई मनोज ने एक एफआईआर दर्ज कराई है। मोनू दत्त के मुताबिक जेई ने उस पर आरोप लगाया है कि मैने उसके काम में बाधा पहुंचाई है।गाली गलौज किया और जान से मारने की धमकी दी है।पहलवान ने वीडियो संदेश जारी कर करहा है कि यह राजनीतिक द्वेष से कार्रवाई कराई गई है। यह सब जानते हैं कि यह एफआईआऱ क्यों दर्ज हुई है।
वहीं सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड से प्राप्त सूचना के अनुसार कई लोगों ने सरस्वती नदी की भूमि पर अवैध रुप से कब्जे किए हुए हैं। इन कब्जों की वजह से ही अनु दत्त शर्मा पर कार्रवाई हुई है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि सरस्वती नदी का जो प्रवाह स्थल है,उस पर अनेक जगहों पर कब्जे हो चुके हैं,प्रतीत हो रहा है कि यह पहली और चुनिंदा कार्रवाई है,जिस पर ठोस कार्रवाई हुई है। इसी वजह से इस मामले को पिछले दिनों हुई कहासुनी से जोड़ कर देखा जा रहा है। हरियाणा में सरस्वती के उद्गगम स्थल आदीबद्री से लेकर आखिरी छोर तक अगर नदी की भूमि क्षेत्र में अवैध कब्जे करने वालों पर इसी तरह की ठोस कार्रवाई होती तो संभवतः सरस्वती नदी बाढ़ जैसे हालात में वाकई वरदान सिद्ध हो सकती थी,लेकिन जो हकीकत में जो हालात दिख रहे हैं,उसकी वजह से बाढ़ जैसे नाजुक दौर में इस नदी के प्रवाह की जगह नहीं मिलने से उन बेकसूर लोगों को अभिषाप झेलना पड़ता है,जो नियमानुसार व्यवस्था को सहयोग करते हैं। इधर कुछ भाजपा समर्थक इस मामले से थानेसर के विधायक सुभाष सुधा और उनकी धर्मपत्नी थानेसर नगर परिषद की चेयरपर्सन उमा सुधा को मनु दत्त शर्मा पर हुई कार्रवाई से अलग करते हुए दावा कर रहे हैं यह कार्रवाई नियमानुसार हुई है। वहीं इस कार्रवाई का विरोध करने वालों ने सवाल उठाया कि जो कार्रवाई हुई है,उसकी हकीकत खेड़ी मारकंडा के लोग ही नहीं,अधिकांश लोग भली प्रकार से जानते हैं।