भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और विहिप नेता सुरेंद्र जैन ने भी भारतीय संस्कृति को बताया विश्व की सबसे श्रेष्ठ संस्कृति
न्यूज डेक्स संवाददाता
गुरुग्राम। गुरुग्राम में स्थापित किये जा रहे भारत सांस्कृतिक केंद्र के शिलान्यास सत्र को प्रकृति का रौद्र रूप भी नही रोक पाया। भारी परेशानियों के बावजूद हरियाणा व बिहार के राज्यपालों ने जहां इस सांस्कृतिक केंद्र को मील का पत्थर बताया वहीं एक भारत श्रेष्ठ भारत के लिए संस्कृति के संरक्षण, संवर्धन व आध्यात्मिकता पर बल दिया और भारत को इसी रास्ते पर चलकर विश्व गुरु बनाने का संकल्प भी दिलाया। प्रथम सत्र का शुभारंभ हरियाणा के राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय ने दीप प्रज्वलित करके किया तो शिलान्यास भी किया। पुरोहितों देवानंद शास्त्री, प्रवीण शास्त्री, गणेश शास्त्री, जयभगवान , मयंक, शिवम, नरेंद्र व रवि शास्त्री ने मंत्रोच्चारण के बीच शिला पूजन भी कराया। दोनों सत्रों में स्वागत भाषण डॉ अमित जैन ने पढ़ा और अतिथियों का सम्मान भी किया गया। वरिष्ठ पत्रकार ओम प्रकाश पाल की पुस्तक प्रतिबिम्ब का लोकार्पण भी राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय ने किया वही हरियाणा से आये अनेक साहित्यकारों को सम्मनित भी किया।
राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय संस्कृति और मानवता हमारी पहचान है। विश्व ने हमारी संस्कृति को महान माना है ऐसे ही सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना हरियाणा के गुरुग्राम में डॉ अमित जैन द्वारा कराई जा रही हैं। इससे अवश्य ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सांस्कृतिक प्रेम व एक भारत श्रेष्ठ भारत के मिशन को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि कला, भाषा, सभ्यता, सांस्कृतिक रूप से हम सब एक है। भारत में प्राचीन काल से ही कलाओं को प्रदर्शित किया है। आज हमारी बहुत सी प्राचीन कलाएं लुप्त होती जा रही हैं। जिन्हें जीवित करने का प्रयास दिव्य परिवार द्वारा किया जा रहा है। यह हरियाणा के लिए गौरव की बात है। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की पहचान विश्व स्तर पर कराई है। जहाँ- जहाँ वे गए हैं उसी देश ने भारत की संस्कृति व सभ्यता को महान बताया है। आज विश्व स्तर पर भारत की सभ्यता व संस्कृति को महान माना जा रहा है। हम सब एक रहे और श्रेष्ठ रहे, इसी से भारत विश्व गुरु बन सकता है।
प्रथम सत्र के विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि यह केंद्र सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और सांस्कृतिक विरासत की नींव मजबूत करने का काम करेगा। भारत अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक केंद्र दुनिया में हमारी संस्कृति को फ़ैलाने का काम करेगा। श्री धनखड़ ने कहा कि किसी भी देश को बनाने में वहां कि संस्कृति महत्वपूर्ण होती है। यह हमारी संस्कृति की ही देन है कि हम वैल्यू के लिए अपने ही लोगों से लड़ जाते हैं। श्री धनखड़ ने इसके लिए महाभारत का उदाहरण दिया।
यह केंद्र नए आयाम करेगा स्थापित-सुरेंद्र जैन
जबकि विश्व हिंदू परिषद के सुरेंद्र जैन ने कहा कि यह केंद्र सांस्कृतिक क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेगा। उन्होंने कहा कि औपनिवेशिक मानसिकता वालों ने एक षड़यंत्र एवं कालोनियल माइंड सेट के तहत नरेटिव बनाने की कोशिश की कि आर्य बाहर से आए थे। लेकिन सच यह है कि हम बाहर से नहीं आए , बल्कि संस्कृति का प्रचार करने बाहर गए थे। सुरेंद्र जैन ने भारत को विश्व की सभ्यता का पालना बताया। जैन ने कहां कि भारत डूबते हुए विश्व को उभारने का साहस रखता है। पुरानी दुनिया भी हमने बनाई थी और आने वाला विश्व भी हम ही बनाएंगे।
प्रो डॉ कुलदीप अग्निहोत्री, डॉ सुरेंद्र जैन, नागालैंड से राज्यसभा सांसद गोगनान कोन्याक ने भी उपस्थित लोगों को संबोधित किया। दिव्य परिवार के चैयरमेन योगेंद्र नारायण ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम ने स्वामी रामेश्वरानंद, लक्ष्मी नारायण भाला, महेंद्र सिंह, महावीर भारद्वाज, डॉ रामफल चहल, डॉ बालकिशन शर्मा, डॉ पूरण सिंह शर्मा, दिनेश शर्मा, अनुराग कुलश्रेष्ठ, कृष्णा भारद्वाज उपस्थित रहे।संचालन डॉ इंदु जैन ने किया।
दूसरे सत्र में शिलान्यास, शिला पूजन व दीप प्रज्वलित करने के बाद मुख्य अतिथि के रूप में अपने सारगर्भित संबोधन में बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि डॉ अमित जैन द्वारा युग द्रष्टा आचार्य चाणक्य की प्रेरणा से बनाया जा रहा भारत सांस्कृतिक केंद्र वास्तव में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक एकता व अध्यात्म में भारत आगे बढ़ रहा है। इस सांस्कृतिक केंद्र को खड़ा करने के लिए हम सबको सहयोग करना चाहिए। हमे सहयोगी भी बनना है और सहभागी भी।उन्होंने घोषणा की कि वे बिहार राजभवन की ओर से चाणक्य शिला में अच्छी राशि का सहयोग करेंगे।
श्री आर्लेकर ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक एकता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्सुक व जागरूक हैं। हमे उम्मीद है कि हम पूरे विश्व में श्रेष्ठ बनकर आएंगे। उन्होंने आह्वान किया कि पीएम के एक भारत श्रेष्ठ भारत मिशन में हम भी जुड़ जाए तो कोई शक्ति हमे विश्व गुरु बनने से नही रोक सकती। उन्होंने स्व विवेक, स्व भाषा, स्व चेतना को जगाने का संकल्प दिलवाते हुए कहा कि यहीं मंत्र भारत को आयातक नही बल्कि निर्यातक बनाएगा। उन्होंने यह कहा कि अमृत काल में हमे भारत को स्वर्ण काल मे बदलना है। यह नागरिकों का कर्तव्य है।
उन्होंने यह भी कहा कि आने वाला समय भारत का है।उन्होंने भारत को सोने की चिड़िया नही बल्कि सोने का शेर बनाने का भी देश के कोने- कोने से आये अतिथियों व कार्यकर्ताओं को आह्वान किया। दूसरे सत्र में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा, प्रो फूलचंद जैन प्रेमी, शरद भाला, रमेश गुप्ता, ईश्वर करुण, दिलीप बनर्जी, राजेन्द्र पाल शर्मा, जुगल किशोर भाला, जगदंबा मल ने भी संबोधित किया। अच्छा संचालन डॉ अशोक दिवाकर ने किया।