न्यूज डेक्स इंडिया
दिल्ली,20 नवंबर। जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय की गुरुग्राम जोनल यूनिट ने नरेश मित्तल और छेदीलाल मित्तल को गिरफ्तार किया है। दोनों चचेरे भाई हैं और उनकी फर्म नया बाजार, दिल्ली- 06 में स्थित हैं। दोनों हरियाणा के बहादुरगढ़ के निवासी हैं। सदर बाजार, दिल्ली – 06 में स्थित एक फर्म (नाम रोका गया है, इसलिए फर्म एक्स) 22 संदिग्ध फर्मों से बिना माल के नकली चालान प्राप्त करती थी और इस मामले में पहले से ही जांच चल रही है।
इन फर्मों के पंजीकृत पते पर जाने के बाद पता चला कि फर्म दिए गए पते पर अस्तित्व में ही नहीं हैं। कुछ मामलों में, फर्मों को खाली भूखंडों पर और उन लोगों के आवासों पर पंजीकृत दिखाया गया, जिन्होंने अपने संबंधित पते पर कोई फर्म खोलने से इनकार किया। कुछ मामलों में, पंजीकरण प्राप्त करने के लिए जीएसटी पोर्टल पर बिजली के नकली बिलों, किराये के नकली समझौतों को अपलोड किया गया था।
यहां तक कि जीएसटी पंजीकरण में घोषित बैंक खाते का विवरण या तो अस्तित्व में नहीं थे या अन्य व्यक्तियों के नामों पर थे। घोषित पते पर प्रोपराइटरों को दिए गए समन डाक टिप्पणियों – “मौजूद नहीं है”, “अधूरा पता”, “नहीं मिला” आदि के साथ पूर्ववत लौट आए।
‘फर्म एक्स’ के मालिक के बयान को पहले ही दर्ज किया गया था, जिसमें उन्होंने आरटीजीएस के माध्यम से खरीद के लिए भुगतान करने का दावा किया था और दो दिनों के भीतर विवरण प्रस्तुत करने का वादा किया था। हालांकि, वे इसके बाद कोई विवरण प्रस्तुत नहीं कर सके। इसलिए, बैंक भुगतान विवरणों की जांच की गई, जो इस बात का खुलासा करते हैं कि स्थानांतरण प्रविष्टि के विवरण में, विक्रेता फर्मों के नाम मौजूद थे, लेकिन क्रेडिट खाते एक अन्य व्यक्ति / फर्म के नाम से थे।
इसी तरह की एक फर्म मेसर्स प्राग इंटरप्राइजेज है, जो नया बाज़ार, दिल्ली में स्थित है। बैंकिंग लेनदेन से पता चला कि यह फर्म आरटीजीएस / ऑनलाइन ट्रांसफर के माध्यम से मेसर्स सुपर टेक, मेसर्स तुलसीयानइम्पेक्स और अन्य फर्मों से भारी मात्रा में धनराशि प्राप्त कर रही थी। इस फर्म के व्यावसायिक परिसर में की गई तलाशी से पता चला कि एक अन्य फर्म मेसर्स पी सी ट्रेडर्स को भी इन फर्मों तथा कुछ अन्य फर्मों से आरटीजीएस / ऑनलाइन के माध्यम से बहुत पैसा मिल रहा था।
पूछताछ के दौरान, दोनों चचेरे भाइयों ने अपनी गलती स्वीकार की और कहा कि वे इन धनराशियों को प्राप्त करते थे और इन्हें “अगडिया” के माध्यम से “नकद” में बदल देते थे। निर्दिष्ट “अगडिया” से नकद प्राप्त करने के बाद, वे अपने “कमीशन” की कटौती करते थे और शेष धनराशि फर्म एक्स समेत संबंधित फर्मों को वापस कर देते थे। पूछताछ के दौरान छेदीलाल मित्तल ने यह भी कहा कि उन्होंने अन्य व्यक्तियों के नाम से चार फर्जी फर्म बनाई हैं और 4-5% कमीशन के बदले बिना माल के नकली बिल दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब उन्हें ‘फर्म एक्स’ के संबंध में चल रही जांच का पता चला, तो उन्होंने पुरानी फर्मों को बंद कर दिया और नयी फर्मों को शुरू किया तथा नकली बिल देना जारी रखा।
उक्त चार फर्मों ने 26.06 करोड़ रुपये के नकली क्रेडिट प्राप्त किये हैं और 25 करोड़ रुपये का नकली क्रेडिट दिया है। जांच के आधार पर तथा चचेरे भाइयों की सत्य की स्वीकृति के आधार पर, उन्हें 19.11.2020 को गिरफ्तार किया गया और एक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जिन्होंने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया। आगे की जांच चल रही है।