प्रदेश की पुलिस फोर्स में 25 हजार से ज्यादा पद खाली क्यों: अनुराग ढांडा
शहीद हुए होमगार्डों को एक-एक करोड़ मुआवजा राशि दे खट्टर सरकार : अनुराग ढांडा
नैतिक अधिकार खो चुके सीएम खट्टर तुरंत प्रभाव से इस्तीफा दें : अनुराग ढांडा
सीएम खट्टर ने सीएम पद की शपथ लेते वक्त हरियाणा के लोगों की सुरक्षा का वादा किया था : अनुराग ढांडा
इंटेलिजेंस के 10 दिन पहले सूचना देने के बावजूद भी गृहमंत्री के पास सूचना क्यों नहीं थी?: अनुराग ढांडा
सीआईडी ने सीएम को सूचना दी तो गृहमंत्री के साथ सूचना साझा क्यों नहीं की? : अनुराग ढांडा
इंटेलिजेंस का इनपुट होने के बावजूद सरकार ने पुलिस अधीक्षक की छुट्टी क्यों मंजूर की : अनुराग ढांडा
डीजीपी कहते हैं SIT बनाओ, सीएम कहते हैं SIT नहीं बनेगी? अनुराग ढांडा
न्यूज डेक्स संवाददाता
रोहतक। आम आदमी पार्टी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने वीरवार को सोनीपत रोड स्थित जोन कार्यालय में प्रेसवार्ता की। इस दौरान उन्होंने प्रदेश में हुई नूंह हिंसा को लेकर खट्टर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि प्रदेश बेहद गंभीर स्थिति से गुजर रहा है। हरियाणा में कभी भी सांप्रदायिक सौहार्द का वातावरण नहीं बिगड़ा। लेकिन जिस तरह की घटना नूंह और कई जिलों में हुई, उससे ये लगता है कि कहीं ये कोई राजनीतिक साजिश तो नहीं। सीएम खट्टर ने जब सीएम पद की शपथ ली थी तो उन्होंने हरियाणा के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का वादा किया था। लेकिन आज संविधान की शपथ लेने वाले सीएम खट्टर कहते हैं कि वो हर नागरिक की सुरक्षा नहीं कर सकते। सीएम खट्टर का ये बयान उनके पद की प्रतिष्ठा के खिलाफ और बहुत ही गैर जिम्मेदाराना है।
उन्होंने कहा कि सीएम खट्टर कहते हैं कि प्रदेश के हर नागरिक की सुरक्षा पुलिस नहीं कर सकती, यानी सरकार प्रदेश की हर नागरिक को सुरक्षा नहीं दे सकती है। इसका मतलब ये है कि सीएम खट्टर अपने पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार खो चुके हैं, उनको तुरंत प्रभाव से अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हरियाणा को धार्मिक और सांप्रदायिक दंगों में धकेलने की सुनियोजित साजिश की जा रही है। इंटेलिजेंस के 10 दिन पहले सूचना देने के बावजूद भी गृहमंत्री अनिल विज कहते हैं कि उनके पास कोई सूचना नहीं थी। 2020 में सीआईडी के अधिकार को लेकर मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के बीच जो विवाद हुआ वो पूरे प्रदेश ने देखा था। तो क्या सीआईडी मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करती है और गृहमंत्री को सूचना नहीं दी जाती। उनकी सूचनाओं को गृह मंत्री के साथ साझा क्यों नहीं किया गया?जिसकी वजह से प्रदेश का माहौल बिगड़ा। वहीं डीजीपी कहते हैं एसआईटी बनाई जाएगी, मुख्यमंत्री कहते हैं नहीं बनेगी।
उन्होंने कहा कि उसी समय नूंह जिले के सैकड़ों पुलिसकर्मियों को निकालकर सीएम खट्टर ने अपनी सुरक्षा में दूसरे जिले में बुला लिया, जबकि ऐसा संवेदनशील परिस्थिति में किया जाता है। जिस दिन ये घटनाक्रम हुआ उस उस दिन नूंह के पुलिस अधीक्षक छुट्टी पर थे। जबकि पहले से ही इंटेलिजेंट का इनपुट होने के बावजूद सरकार ने पुलिस अधीक्षक की छुट्टी क्यों मंजूर की? इसके अलावा डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला कहते हैं कि यात्रा आयोजकों ने सही जानकारी नहीं दी। जबकि यात्रा को गुड़गांव के बीजेपी जिला अध्यक्ष हरी झंडी दिखाकर रवाना करते हैं उनके द्वारा सही जानकारी क्यों नहीं दी गई?
उन्होंने कहा कि हरियाणा में सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक 75,186 स्वीकृत पदों में से 49,808 पद भरे हैं। हरियाणा के पुलिस विभाग में 25 हजार से ज्यादा पद खाली हैं। पुलिस फोर्स की कमी के कारण हरियाणा में बार बार कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न होती है। सीएम खट्टर और गृहमंत्री अनिल विज नैतिक जिम्मेदारी समझते हुए अपने पद से इस्तीफा दें। खट्टर सरकार प्रदेश में कानून व्यवस्था का बनाए रखने में नाकाम साबित हुई है। केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार होने के बावजूद मणिपुर में भी ऐसे ही हिंसा को होने दिया गया। इसी तरह हरियाणा को भी सांप्रदायिक दंगों की आग में झोंकने की एक सुनियोजित साजिश रची गई। सरकार सही वक्त पर मुंह फेर कर खड़ी हो गई।
उन्होंने कहा कि पांच और छह अगस्त को ग्रुप सी की परीक्षा है। इस परिक्षा के लिए सरकार ने पहले ही युवाओं के साथ ज्यादती की है। पद के चार गुना युवाओं को ही परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाएगा। जबकि सभी सीईटी क्वालीफाई युवाओं को मौका दिया जाना चाहिए था। उसके बाद अब जो चार गुणा बच्चे परीक्षा देने के लिए एलिजिबल किए गए हैं, जबकि पांच जिलों में 5 अगस्त तक इंटरनेट सेवाएं बंद हैं। सरकार को बिल्कुल भी परवाह नहीं है कि इन बच्चों को एडमिट कार्ड कैसे हासिल होगा? अब प्रदेश की जनता को तय करना है कि ऐसी राजनीतिक साजिशों को हिस्सा न बनकर आपसी भाईचारे को कायम रखें और किसी भी प्रकार की हिंसा से दूर रहें। इसके अलावा उन्होंने इस हिंसा में मारे गए होमगार्ड के मुआवजे को नाकाफी बताया और कानून व्यवस्था को बनाए रखने में शहीद हुए दोनों होमगार्ड के लिए एक करोड़ रुपये मुआवजा राशि की मांग की।
इस मौके पर यूथ विंग प्रदेश अध्यक्ष मनीष यादव, जिला अध्यक्ष बिजेंद्र हुड्डा, यूथ विंग प्रदेश सचिव मोना सिवाच, प्रदेश सह सचिव जगवीर हुड्डा, साहिल मग्गू, दुष्यंत रंगा, सनी खगनवाल, सतीश खगनवाल, कारण सिंह धनखड़, डेविड, भूषण वाधवा और राम प्रकाश सुतवाल मौजूद रहे।