डॉ. जितेंद्र सिंह ने पवित्र देविका नदी की पवित्रता की रक्षा के लिए तरल अपशिष्ट प्रबंधन की समीक्षा की
न्यूज डेक्स इंडिया
दिल्ली। केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी; पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कहा, उत्तर भारत की पहली नदी पुनर्जीवन परियोजना देविका पूरी होने वाली है। ‘नमामि गंगा’ की तर्ज पर 190 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित इस परियोजना का शुभारंभ प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में पवित्र देविका नदी की पवित्रता की रक्षा के लिए अलग से शुरू की गई तरल अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना की समीक्षा करते हुए यह बात कही।
समीक्षा बैठक के दौरान डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, देविका, जिसे पवित्र नदी गंगा की बहन माना जाता है, का बहुत बड़ा धार्मिक महत्व है, यही कारण है कि देविका कायाकल्प के तहत सभी घरों को जोड़ने वाले पाइप और मैनहोल के नेटवर्क के साथ तरल अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना शुरू की गई है। इसकी पवित्रता की रक्षा के लिए यूईईडी द्वारा परियोजना का निर्माण किया जा रहा है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि परियोजना के लिए आवंटित 190 करोड़ फंड में से आवंटन का बंटवारा क्रमशः केंद्र और केंद्रशासित प्रदेश द्वारा 90:10 के अनुपात में है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह भी बताया कि देविका पुनर्जीवन परियोजना के तहत तरल अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना के अलावा एक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना का भी निर्माण किया जाएगा जो देविका नदी की पवित्रता की रक्षा करने के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है।बैठक के दौरान डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि समाज के जमीनी स्तर के प्रतिनिधि होने के नाते पीआरआई की भूमिका प्रमुख विकासात्मक परियोजनाओं की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है। बैठक के दौरान उपस्थित पीआरआई ने मंत्री के समक्ष कई मुद्दे उठाए, जिस पर मंत्री ने विभागों को कम से कम समय में मुद्दों का समाधान करने का निर्देश दिया। बैठक में डीसी उधमपुर, सचिन कुमार वैश्य, अतिरिक्त डीआरएम उत्तर रेलवे, बलदेव राज, एसएसपी उधमपुर, डॉ. विनोद कुमार, डीडीसी, बीडीसी सदस्य, सरपंच और पंच उपस्थित थे।