Friday, November 22, 2024
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कोरोना काल में गाय का पंचगव्य साबित हुई है अचूक औषधी : स्वामी ज्ञानानंद

by Newz Dex
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श्रीकृष्ण कृपा गौशाला में श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया गया गोपाष्टमी पर्व

सनातन परंपराओं, प्रेरणा व संकल्प का पर्व है गोपाष्टमी : स्वामी ज्ञानानंद

न्यूज डेक्स संवाददाता

कुरुक्षेत्र, 22 नवंबर। श्री कृष्ण कृपा गौशाला में गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद के सनिध्य में गोपाष्टमी पर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद और कार्यक्रम की मुख्यातिथि नप अध्यक्षा उमा सुधा ने गौ पूजा की और गायों को हरा चारा खिलाया। इस अवसर पर गीता मनीषी के मुख से जय गऊ माता, जय गोपाल भजन पर श्रद्धालु झूम उठे इसके अलावा भजन मंडली में शामिल रत्न व पवन गुंबर ने श्री कृष्ण व गायों से संबंधित भजन गाए जिनका श्रद्धालुओं ने खूब आनंद उठाया।

गोपाष्टमी पर्व का महत्व बताते हुए गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने कहा कि आज के दिन कन्हैया ने गऊ पूजन कर गायों को चराने की परंपरा शुरु की थी। यह दिन हमारी आस्था और प्रेरणा का दिन है। यह पर्व हमारी परंपराओं और प्रेरणाओं का पर्व है। गाए में 33 करोड़ देवी देवता बसते हैं इसलिए गाय का पूजन करने औरा उसकी सेवा करने से सभी देवता प्रशन्न हो जाते हैं और देवताओं के प्रशन्न होने से प्रकृति का संतुलन बना रहता है और पर्यावरण शुद्ध रहता है। गीता मनीषी ने कहा कि गाय के पंचगव्य को आज विशेषकर कोरोना काल में विश्व ने एक अचूक औषधी माना है और गौमूत्र को पेटेंट करवाने की विश्व में होड लगी हुई है।

उन्होने कहा कि गौमाता शारीरिक रोगों व मानसिक शांति का समाधान है। गीता मनीषी ने कहा कि कोरोना काल में गौशाला में जाकर गौसेवा करने और गऊओं को सहलाने से व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है। उन्होने कहा कि गाय मानसिक और शारीरिक इम्युनिटी के लिए बडा अच्छा साधन है। गाय का गोबर चर्म रोग में विशेष लाभ पहुंचाता है। उन्होने कहा कि गीता मनीषी ने गाय और गीता का संबंध बताते हुए कहा कि जिस प्रकार बछड़ा गाय के दूध का थोडा सा दोहन कर शेष मानव जाति के लिए छोड़ देता है। उसी प्रकार अर्जुन रूपि बछडे ने गीता रूपि गाय के ज्ञान का थोडा सा दोहन करके शेष ज्ञान मानव जाति के लिए छोंड दिया था। इसी प्रकार गंगा गौमुख से निकली है इसलिए गंगा और गीता का भी संबंध है।

उन्होने अपील की कि हमें गौ माता की सेवा संकल्प लेना चाहिए। गऊ सेवा जहां मानसिक इम्युनिटी को बढ़ाती है वहीं इससे आर्थिक लाभ होने के साथ साथ शारीरिक व अन्य कई प्रकार के लाभ होते हैं। कार्यक्रम के अंत में मुख्यातिथि नप अध्यक्षा उमा सुधा सहित अनेक गणमान्य लोगों को गीता मनीषी द्वारा स्मृति चिहॅन भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी अरूण आश्री, श्री कृष्ण कृपा समिति के सरंक्षक आरडी गोयल, पूर्व पार्षद पवन शर्मा, प्रधान हंसराज सिंगला, केड़ीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा, विजय नरूला, मीडिया प्रभारी रामपाल शर्मा, महेंद्र सिंगला, समाजसेवी आशीष सभ्रवाल, केके कौशल, एमके मौदगिल, कुलदीप थाप्पर, राकेश जिंदल, अर्चना कटारिया, रश्मी कटारिया, गणपत राय, कृष्णलाल, गुलशन माटा, रघुबीर सिंह सहित अनेक गौभक्तों ने गऊ पूजा की व गायों को हरा चारा व गुड़ खिलाया।

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