गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत सहित पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल सहित अनेक अधिकारिगण होंगे कार्यक्रम में शामिल
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कल गुरुकुल कुरुक्षेत्र के प्राकृतिक कृषि फार्म सहित सभी प्रकल्पों का भ्रमण करेंगें। उनके साथ हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुराहित और हिमाचल के राज्यपाल शिवप्रताप शुक्ला भी गुरुकुल में पहुंचेंगे। उक्त जानकारी आज गुरुकुल में एक प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए गुजरात के राज्यपाल एवं गुरुकुल के संरक्षक आचार्य देवव्रत ने दी। उन्होंने कहा कि रामनाथ कोविंद की दिली इच्छा थी गुरुकुल के प्राकृतिक फार्म को देखें और यहां किस प्रकार से प्राकृतिक खेती की जा रही है, इसका साक्षात् दर्शन करें। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा के कई बार उनके समक्ष प्राकृतिक खेती की चर्चा से यह विचार उनके मन में आया, अब संयोग बना है तो कल वे कुरुक्षेत्र में गुरुकुल के भ्रमण हेतु आ रहे हैं। प्रेसवार्ता में ओएसडी टू गर्वनर डा. राजेंद्र विद्यालंकार, आर्य प्रतिनिधि सभा हरियाणा के प्रधान राधाकृष्ण आर्य, गुरुकुल के प्रधान राजकुमार गर्ग, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डा. हरिओम, गुरुकुल के एडमिस्ट्रेटर रामनिवास आर्य भी मौजूद रहे।
एक प्रश्न के जवाब में राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि गुजरात में प्राकृतिक खेती को लेकर किसानों में एक जाग्रति आई है और पिछले एक महीने में ही एक लाख से ज्यादा किसानों ने प्राकृतिक खेती की ट्रेनिंग ली है, ऐसे में उनका लक्ष्य है कि आगामी दो वर्षों में गुजरात को पूर्णरूप से जहरमुक्त बनाया जाए। उन्होंने बताया कि गुजरात में 10-10 ग्रामों का एक कलस्टर बनाकर प्राकृतिक खेती को प्रमोट किया जा रहा है, एक कलस्टर में एक प्राकृतिक कृषि माडल बनाया गया है जिससे एक किसान और एक कृषि वैज्ञानिक को जोड़कर वहां के किसानों को प्राकृतिक खेती के प्रति जागरूक किया जा रहा है। प्राकृतिक उत्पादों की मार्किटिंग के सवाल पर उन्होंने बताया कि जिला के डीसी और डीडीओ को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे सप्ताह में वीरवार और रविवार को अपने-अपने क्षेत्रों में प्राकृतिक उत्पादों के लिए बाजार स्थापित करें जिससे किसानों को उनके उत्पादों का सही मूल्य मिल सके।
प्रेसवार्ता में आचार्य ने एक वीडियो के माध्यम से पत्रकारों को दिखाया कि किस प्रकार से गुरुकुल के प्राकृतिक कृषि फार्म पर देशी केंचुआ न केवल भूमि को प्राकृतिक जल शोधक बना रहा है बल्कि केंचुआ से किसान व धरती को अनेको लाभ हैं। हरियाणा में प्राकृतिक खेती के प्रमोशन को लेकर डा. हरिओम ने कहा कि हरियाणा का किसान भी रासायनिक खेती को छोड़कर प्राकृतिक खेती को अपना रहा है। गुरुकुल में प्रतिदिन प्राकृतिक खेती की ट्रेनिंग दी जा रही है जिसमें हरियाणा के विभिन्न जिलों से किसान आते हैं और ट्रेनिंग के बाद अपने खेतों में प्राकृतिक खेती करते हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा में भी सैकड़ों किसानों ने प्राकृतिक खेती को अपनाया है और आने वाले समय में यह आंकड़ा हजारों और फिर लाखों में होगा।