न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र,22 नवम्बर। संत शिरोमणि नामदेव छिम्बा समाज सभा द्वारा रविवार को पार्वती विहार स्थित संत नामदेव मंदिर में 26वां वार्षिक महोत्सव आयोजित किया गया।जानकारी देते हुए मुख्य सलाहकार मास्टर बिमल कुमार ने बताया कि संत नामदेव की 750वीं जयंती के उपलक्ष्य में हवन, ध्वजारोहण, भजन-कीर्तन एवं भंडारा हुआ, जिसमें प्रधान अशोक कुमार हवन के मुख्य यजमान रहे, लाला ओमप्रकाश खुरपा (ठोल) द्वारा ध्वजारोहण किया गया, वहीं मैनेजर अशोक चहल ने ज्योति प्रज्जवलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इस मौके पर मुलाना से नवनीत महेश एंड पार्टी द्वारा संत नामदेव जी का गुणगान किया गया। अपने संबोधन में मास्टर बिमल कुमार ने कहा कि संत नामदेव ने अपनी भक्तिगाथा में जहां-जहां बीठल, बिट्ठल, श्रीरंगा, श्रीराम व हरि आदि नाम लिए हैं, वे सब उसी एक परमपिता परमेश्वर की ओर संकेत करते हैं। उन्होंने संत नामदेव के जीवन का एक वृत्तांत सुनाते हुए कहा कि परमेश्वर का अंतर में साक्षात्कार करने के बाद संत नामदेव ने एक पेड़ के नीचे बैठ कर अपने खाने के लिए चपातियां निकाली। चपातियों को एक तरफ रखकर उन्हें चुपडऩे के लिए छोटे बर्तन से घी निकालने लगे। उसी समय एक कुत्ता आया और सभी चपातियां मुह में लेकर भागने लगा। घी के पात्र को हाथ में लेकर नामदेव पीछे दौड़ते हुए बोले कि रूखी रोटियां मत खाओ, मुझे उन्हें चुपडऩे दो।
इस घटनाक्रम का निष्कर्ष यह है कि आध्यात्मिकता की अवस्था से ऊपर उठना ही परमात्मा का अनुभव प्रदान करता है और परमात्मा का अनुभव इतना पूर्ण होने लगता है कि परमेश्वर स्वयं ही साक्षात्कार होने लगते है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि हमें संत नामदेव के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए और सभी प्राणियों को एक समान समझकर आदर करना चाहिए। दोपहर को आयोजित भंडारे में सभी लोगों ने सेवा करते हुए भोजन ग्रहण किया। पूरे कार्यक्रम में कोविड-19 को देखते हुए श्रद्धालुओं की संख्या सीमित रखी गई और मास्क, सैनिटाइजर का प्रयोग करके सोशल डिस्टेंस का पालन किया। संत नामदेव आरती में उपाध्यक्ष बलजीत सिंह खुरपा, राजेंद्र पाल खरींडवा, रामनाथ, महेंद्र तौकी, वीरभान, लालचंद, सतीश, मोहित, तरूण वर्मा, विनोद, संजीव, पूर्णचंद और पंकज सहित महिलाएं शामिल रही।