न्यूज डेक्स हरियाणा
चंडीगढ़, 23 नवंबर। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने हरियाणा व हिमाचल प्रदेश के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे भारत की प्राचीन- पावन सरस्वती नदी को पुनर्जीवित करने की परियोजना के लिए बेहतर तालमेल से कार्य करें। उन्होंने हरियाणा सरस्वती विकास बोर्ड और सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे 31 मार्च 2021 तक इस परियोजना की टेक्निकल ड्रॉइंग तैयार करने का कार्य पूरा करें।
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय जल शक्ति राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया इस परियोजना के लिए केन्द्र सरकार से मिलने वाले हर सहयोग में दोनों राज्यों के अधिकारियों के सम्पर्क में रहेंगे। शेखावत आज यमुनानगर में आदिबद्री में हरियाणा व हिमाचल प्रदेश के अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस बैठक में केन्द्रीय जल शक्ति एवं सामाजिक न्याय अधिकारिता राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया, हरियाणा के शिक्षा एवं वन मंत्री कंवर पाल, कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सिंह सैनी, हरियाणा पब्लिक इंटरप्राइजेज के चेयरमैन सुभाष बराला,बोर्ड के वायस चेयरमैन धुम्मन सिंह किरमिच सहित हरियाणा व हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारी व गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
केन्द्रीय मंत्री सहित सभी गणमान्य व्यक्तियों ने अपने करकमलों से सरस्वती स्नान सरोवर के तट पर पौधारोपण किया और सरस्वती स्नान सरोवर पर विधिवत पूजा अर्चना की। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि परियोजना के प्रथम चरण में हरियाणा और हिमाचल के क्षेत्र में दो डैम तैयार किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि भारत की सभ्यता का विकास सिन्धु सभ्यता से जुड़ा है और यह सभ्यता सरस्वती नदी के किनारे पर ही पनपी है।
उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार ने इस प्राचीन धरोहर को पुनर्जीवित करने का प्रकल्प लिया है और इसके लिए इसरो व अन्य वैज्ञानिक और भौगोलिक शोध के दौरान सरस्वती नदी के बहने के रास्ते व इससे जुड़े अन्य पहलुओं के साक्ष्य जुटाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि हरियाणा प्रदेश में 200 किलोमीटर तक इस नदी में जल प्रवाह की कार्य योजना पर काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह परियोजना जल संरक्षण, सिंचाई, पेयजल के साथ-साथ पर्यटन के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है। इससे पूर्व हरियाणा सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेन्द्र सिंह ने प्रस्तुति के माध्यम से सरस्वती नदी के साक्ष्यों और सरस्वती विकास बोर्ड हरियाणा द्वारा इस परियोजना पर किए गए कार्यों की जानकारी दी।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि इस परियोजना के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा और हिमाचल सरकारों में एमओयू तैयार करने के निर्देश दिए हैं और दोनों सरकारों ने इस पर सहमति व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि इस नदी के लिए हिमाचल प्रदेश क्षेत्र से 20 क्यूसिक जल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी और इसके लिए काठगढ़ क्षेत्र में 400 एकड़ पंचायती भूमि पर जल भण्डारण परियोजना भी तैयार की जा रही है।