पहली बार राज्य सरकार ने नगर निगम सीमा से बाहर स्थित कॉलोनियों को भी किया नियमित- मनोहर लाल
यमुनानगर में सबसे ज्यादा 92 कॉलोनियों को किया गया है नियमित
1833 और कॉलोनियों को नियमित करने पर विचार कर रही सरकार- मुख्यमंत्री
फरीदाबाद में 59, फतेहाबाद में 16, गुरुग्राम में 3, हिसार में 20, झज्जर में 25, कैथल में 30, करनाल में 2, कुरुक्षेत्र में 25, नूहं में 35, पलवल में 31, पानीपत में 22, रेवाड़ी में 14, रोहतक में 32, सिरसा में 9, सोनीपत में 35 और यमुनानगर में 92 अनधिकृत कॉलोनियों को किया नियमित
न्यूज डेक्स संवाददाता
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय के सूत्र पर चलते हुए शहरों में अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों के बड़ी सौगात देते हुए आज 450 अनधिकृत कालोनियों को नियमित करने की घोषणा की है। सरकार द्वारा लिया गया यह परिवर्तनकारी निर्णय शहरी विकास, नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने और संगठित व सुव्यवस्थित शहरीकरण को बढ़ावा देने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री ने आज यहां एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि इन 450 कॉलोनियों में नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग की 239 कालोनियां तथा शहरी स्थानीय निकाय विभाग की 211 कॉलोनियां शामिल हैं। उन्होंने कहा कि आज नियमित की गई कालोनियों में पहली बार उन अनधिकृत कालोनियों को भी नियमित किया गया है, जो पालिका क्षेत्रों के बाहर स्थित हैं। ये नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के अन्तर्गत आती हैं। ऐसी कॉलोनियों में मूलभूत विकास कार्यों हेतु 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
उन्होंने कहा कि निमयन उपरांत जो कॉलोनियां पालिका क्षेत्र से बाहर पड़ती हैं, उनके विकास कार्य हरियाणा ग्रामीण विकास प्राधिकरण द्वारा किए जाएंगे। पालिका के भीतर स्थित कॉलोनियों के विकास कार्य संबंधित नगर पालिका द्वारा किए जाएंगे।मनोहर लाल ने कहा कि इससे पहले वर्ष 2014 से 2022 तक शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अन्तर्गत आने वाली 685 कालोनियां नियमित की गई थीं। इस प्रकार, आज नियमित होने वाली कॉलोनियों को नियमित करने से वर्ष 2014 से अब तक कुल 1135 अनधिकृत कॉलोनियां नियमित हो जाएंगी।
सरकार 1856 और कॉलोनियों को नियमित करने पर कर रही विचार
मुख्यमंत्री ने अनधिकृत कॉलोनियों के संबंध में भविष्य की योजना को साझा करते हुए बताया कि वर्तमान में प्रदेश में कुल 1856 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करना विचाराधीन है। इनमें 727 कॉलोनियां नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग तथा 1129 कॉलोनियां शहरी स्थानीय विभाग के अंतर्गत आती हैं। इन कॉलोनियों में मापदण्ड पूरे होने पर इन्हें भी नियमित किया जाएगा। यह राज्य के शहरी नियोजन और विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सरकार ने अनधिकृत कॉलोनियों के नियमितीकरण के लिए नियमों को आसान बनाया
श्री मनोहर लाल ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने अपने 10 साल के कार्यकाल में 874 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित किया था। हालांकि, वर्तमान सरकार ने एक अलग दृष्टिकोण अपनाया और नागरिक सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए नियमितीकरण के मानदंडों में ढील दी है।
उन्होंने कहा कि इन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में सुधार करने के लक्ष्य से नागरिकों की सुविधा के लिए अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने हेतु मानदंडों में छूट दी है। जिन कॉलोनियों तक पहुंचने वाली सड़क 6 मीटर या इससे अधिक तथा आंतरिक सड़कें 3 मीटर या इससे अधिक चौड़ी हैं, अब उन्हें नियमित किया गया है।
यमुनानगर में सबसे ज्यादा 92 कॉलोनियों को किया गया है नियमित
मुख्यमंत्री ने जिला वार कॉलोनियों की जानकारी देते हुए बताया कि फरीदाबाद में 59, फतेहाबाद में 16, गुरुग्राम में 3, हिसार में 20, झज्जर में 25, कैथल में 30, करनाल में 2, कुरुक्षेत्र में 25, नूहं में 35, पलवल में 31, पानीपत में 22, रेवाड़ी में 14, रोहतक में 32, सिरसा में 9, सोनीपत में 35 और यमुनानगर में 92 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित किया गया है।
इन कॉलोनियों के नियमित होने से निवासियों को बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित होंगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ अनधिकृत कॉलोनियां पालिका क्षेत्र से बाहर भी बन गई थी। इनमें रहने वाले लोग वर्षों से बुनियादी सुविधाओं से वंचित थे। हमने उनकी पीड़ा को समझा है और पहली बार पालिका क्षेत्रों से बाहर की कॉलोनियों को भी नियमित करने का काम किया है। उन्होंने बताया कि नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के तहत आने वाली कॉलोनियों को कम से कम 2 एकड़ क्षेत्र में बसी अलग-थलग कॉलोनियों को नियमित करने का निर्णय लिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के लिए यह भी शर्त थी कि ऐसी कॉलोनियों में रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन बनाकर आवेदन करेंगे, लेकिन नागरिक कल्याण समिति या तो बन नहीं पाई या पंजीकृत नहीं हो सकी। इसलिए सरकार ने निर्णय लिया है कि कॉलोनी के कम से कम 5 निवासियों द्वारा भी यदि कॉलोनी को नियमित करने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया जाता है, उन आवेदनों पर भी विचार किया जाएगा।
इसके अलावा, पालिका क्षेत्र से बाहर पड़ने वाली आवासीय कॉलोनियों को नियमित करने के लिए जो विकास शुल्क निर्धारित किये गए हैं, वे अविकसित भूमि के लिए कलेक्टर रेट का 8 प्रतिशत तथा विकसित भूमि के लिए कलेक्टर रेट का 5 प्रतिशत देय होगा। उन्होंने कहा कि हमने ऐसी कॉलोनियों में सेल डीड पर पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसलिए 1 जुलाई, 2022 से पहले जिन्होंने बिक्री के लिए सेल डीड या एग्रीमेंट टू सेल पंजीकृत करवा रखे थे, उन्हें बेचा हुआ माना जाएगा।