राशन पानी,बिस्तरों के साथ किसानों के जत्थे ट्रालियों में दिल्ली की ओर कर रहे हैं कूच
रेल और सड़क मार्ग बाधित,किसान आंदोलन से हो चुका है 30 हजार करोड़ का नुकसान
-सरकार हिल चुकी है,नहीं माने तो गिर सकती है भाजपा की सरकार-स्वराज इंडिया
-कुरुक्षेत्र में बवाल,बैरीगेड्स तोड़े,झड़क के आसार और किसानों पर पानी की बौछार
न्यूज डेस्क इंडिया
चंडीगढ़,25 नवंबर। केंद्र सरकार द्वारा लागू किये गये तीन कृषि कानूनों और एमएसपी पर खतरे के विरोध में किसानों के दिल्ली कूच से पहले पंजाब और हरियाणा में दिनभर घमासान मचा रहा। दिनभर किसान आंदोलन के अपडेट मीडिया और सोशल मीडिया में छाये रहे। अंबाला जिला से कुरुक्षेत्र जिला की हद में एंट्री से पहले जीटीरोड पर जबरदस्त नाकेबंदी रही और यहां किसानों को भारी पुलिस बल ने रोक दिया,मगर किसानों का उबाल पुलिस प्रशासन के प्रबंधों पर भारी पड़ा और इन्होंने बैरीगेड्स तोड़ते हुए आगे की ओर कूच किया। प्रदर्शन के दौरान किसानों के आक्रामक तेवर देखते हुए पुलिस ट्रैक्टर ट्रालियों में सवार किसानों पर वाटर कैनन से तेज पानी की बौछार की। इस पर भी किसान नहीं डीगे। जीटीरोड पर त्यौडा के निकट किसानों और पुलिस के बीच टकराव के हालात भी पैदा हुए।
किसानों के इस आंदोलन के चलते रेल सेवा और ट्रैफिक बाधित है। इसकी वजह से 30 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की क्षति का आंकलन किया गया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किसानों से अपील की है कि वे व्यर्थ का आंदोलन करे माहौल खराब ना करें और इस आंदोलन को वापिस लें। स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय महामंत्री अविक साहा ने हरियाणा के मुख्यमंत्री को दो टूक कहा है कि उनसे किसी ने सलाह नहीं मांगी है। वे मुख्यमंत्री नहीं,बल्कि आरएसएस के प्रचारक के रुप में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को सुनिश्चित करना चाहिये एमएसपी की गारंटी दे और लिखित में दे कि फसल का कोई भी सौदा एमएसपी से नीचे नहीं होगा। उन्होंने कहा कि आंदोलन किसानों की जिद नहीं,बल्कि उनकी मजबूरी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि समन्वय समिति की बैठक में यह स्पष्ट किया गया है कि आंदोलन शांतिपूर्वक होगा। वे जानते हैं कि आंदोलन को फेल करने के लिये सरकार नये नये हत्थकंडे अपना सकती है और किसानों इसके लिये सतर्क किया गया है।
स्वराज इंडिया के महामंत्री ने कहा कि आंदोलन की ताकत से भाजपा सरकार हिल हुई है और किसानों की मांगों को पूरा नहीं किया तो भाजपा की सरकार गिर भी सकती है। भाकियू नेता गुरनाम सिंह का कहना है कि दो लाख से ज्यादा किसान दिल्ली कूच कर रहा है और तब तक आंदोलन पर डटा रहेगा,जब तक की उनकी मांगें पूरी नहीं होगी। किसानों ने अनिश्चितकालीन आंदोलन चलाने के पूरे प्रबंध किये हैं। ट्रैक्टर ट्रालियों पर में राशन पानी की व्यवस्था और ट्रालियों में ही गद्दे बिस्तरों तक के प्रबंध किये गये हैं। चढ़ुनी ने कहा कि किसान अब पीछे नहीं हटेगा,चाहे सरकार कितना भी जोर लगा ले।
राकेश टिकैत ने कहा कि सत्ता पक्ष यह कह रहा है कि इस आंदोलन में पंजाब हरियाणा के किसानों द्वारा ही किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यूपी और देश के सभी राज्यों में केंद्र सरकार द्वारा बनाये गये तीन किसान कृषि कानूनों का विरोध हो रहा है,मगर उसे मीडिया नहीं दिखा रही। पंजाब हरियाणा के किसानों के इस आंदोलन पर सत्ता पक्ष सवाल खड़े कर रहा है। इनका कहना है कि यह आंदोलन पंजाब में कांग्रेस सरकार की शह पर हो रहा है। इस आंदोलन में देशभर का किसान शामिल नहीं है। हरियाणा के भी सभी किसान संगठन इस आंदोलन से नहीं जुड़े। यह आंदोलन उन लोगों द्वारा प्रायोजित है,जोकि भाजपा की सरकार को अस्थिर करने के मनसूबे पाले हुए है।