शांडिल्य पर फर्जी रेप केस दर्ज करने पर थाना प्रभारी रजनीश यादव व जाँच अधिकारी गुरदर्शन पर 2 करोड़ मुआवजे का केस चलाने की हाईकोर्ट ने दी अनुमति
2018 में निचली कोर्ट के खिलाफ की थी वीरेश शांडिल्य ने सीनियर एड़वोकेट एस के गर्ग नरवाना के माध्यम से रिवीजन दायर
शांडिल्य पर फर्जी रेप का मामला दर्ज करवाने पर शिकायतकर्ता पर अदालत के आदेशों पर पहले ही हो चुका है मामला दर्ज, लड़की को अदालत ने किया भगोड़ा करार
न्यूज डेक्स संवाददाता
अंबाला। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य के रिवीजन केस को स्वीकार करते हुए उन्हें बलदेव नगर थाना के पूर्व प्रभारी रजनीश यादव जो वर्तमान में सीएम फ़्लाइंग स्क्वाड में कार्यरत हैं और वर्तमान में सीएआई 2 अबाला में तैनात सब इंस्पेक्टर गुरदर्शन सिंह के खिलाफ अम्बाला कोर्ट में 2 करोड़ रुपये के मुवावजे का केस दायर करने के आदेश सुनाए। वीरेश शांडिल्य की तरफ से सीनियर एडवोकेट एस के गर्ग नरवाना एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य के साथ पेश हुए। वीरेश शांडिल्य ने बताया कि 2011 में उनके खिलाफ थाना बलदेव नगर के पूर्व प्रभारी ने फर्जी, झूठा, आधारहीन, मनघड़ंत रेप का केस एक साल पुराने आरोप में बिना जांच करे दर्ज किया था जबकि तत्कालीन एएसपी देवेंद्र यादव ने लिखित आदेश रजनीश यादव को दिये थे कि पहले जांच करनी है फिर केस दर्ज करना लेकिन रजनीश यादव ने मोटी रकम लेकर उनके खिलाफ फर्जी केस दर्ज किया और अपने सीनियर अधिकारी के आदेशो की भी रजनीश यादव ने उल्लंघना की थी जो बात रजनीश यादव ने एडीजे की कोर्ट में भी स्वीकार किया था कि उसने बिना जांच किये सीधा केस दर्ज किया। वही रजनीश यादव के साथ मिलकर जांच अधिकारी गुरदर्शन सिंह ने फर्जी जांच व चालान पेश किया और फर्जी गवाह सजा करवाने की नीयत से खड़े किये थे और वो दस्तावेज रजनीश यादव व गुरदर्शन ने छुपा लिए जो वीरेश शांडिल्य को निर्दोष साबित करते थे।
एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्य्क्ष वीरेश शांडिल्य ने कहा कि निर्दोष होते हुए वो 14 महीने झूठे केस में जेल में इन दोनों अधिकारियों के कारण रहे और इन दोनों पुलिस अधिकारियों ने उनका राजनीतिक व सामाजिक जीवन बर्बाद करने के लिए शिकायतकर्ता से मोटे लालच में साजिश रची। वीरेश शांडिल्य ने बताया कि जब से आईपीसी व सीआरपीसी बनी यह पहला केस है जिसमे पुलिस के 17 गवाह थे और बचाव पक्ष उनके 98 गवाह पेश हुए जो पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के आदेशों पर 98 गवाह पेश हुए और सिलसिलेवार सारी साजिश शांडिल्य के ट्रायल कोर्ट में वकील जेएस कोहली ने कोर्ट में बेनकाब की ओर बचाव पक्ष की बहस खुद वीरेश शांडिल्य ने की थी और 2015 में फर्जी रेप केस में एडीजे दीपक अग्रवाल की कोर्ट ने 109 पेज का आदेश देते हुए वीरेश शांडिल्य को बाइज्जत बरी किया था और उसके बाद वीरेश शांडिल्य ने शिकायतकर्ता लड़की सहित रजनीश यादव व गुरदर्शन सिंह के खिलाफ 340 के तहत कोर्ट में केस दायर किया जिसमें एडीजे यशविन्दर पाल की कोर्ट ने बलदेव नगर के पूर्व थाना प्रभारी रजनीश यादव व सब इंस्पेक्टर गुरदर्शन सिंह के खिलाफ सख्त टिप्पणी करते हुए पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों को कार्यवाही के आदेश दिए जबकि फर्जी केस की शिकायतकर्ता लडक़ी के खिलाफ केस चलाने के आदेश दिए थे और लड़की पर मामला दर्ज हो गया है और अदालत ने उसे भगोड़ा करार कर दिया है ।
जबकि वीरेश शांडिल्य ने रजनीश यादव व गुरदर्शन सिंह के खिलाफ सिविल कोर्ट में 2 करोड़ के मुआवजे को लेकर केस दायर किया था जिसे कांनूनी आधार पर अम्बाला सिविल कोर्ट ने रद्द कर दिया था जिसकी रिविजन वीरेश शांडिल्य ने सीनियर एड़वोकेट एसके गर्ग नरवाना के माध्यम से दायर की थी जिस पर पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के जस्टिस अनिल खेत्रपाल ने दोनों पक्षो की बहस सुनने के बाद वीरेश शांडिल्य की याचिका को स्वीकार करते हुए उन्हें दोनों पुलिस अधिकारी रजनीश यादव व गुरदर्शन सिंह के खिलाफ अम्बाला सिविल कोर्ट में 2 करोड के मुवावजे का केस कोर्ट फीस लगाने की अनुमति दी और हाई कोर्ट ने शांडिल्य को 30 दिन में केस दायर करने का समय दिया है। एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने कहा कि उन्हें देश के कानून पर विश्वाश है और जो हाई कोर्ट ने उन्हें 30 दिन के अंदर रजनीश यादव व गुरदर्शन सिंह के खिलाफ 2 करोड़ के मुवावजे का केस कोर्ट फीस के साथ दायर करने की इजाज़त दी ये कानून की जीत है। और वो इस केस को कही तक भी लड़ेंगे ओर पुलिस विभाग में ऐसी काली भेडों को रहने नही देंगे ।