आंदोलनकारी किसानों पर पुलिस की बर्बरता पूर्ण कार्रवाई की कड़ी निंदा की अरोड़ा ने
आंदोलनकारी किसानों और कर्मचारियों कों पूर्ण समर्थन है कांग्रेस का : अरोड़ा
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र, 26 नवंबर। आज संविधान दिवस है, बाबा साहेब अंबेड़कर ने देश का संविधान बनाकर हर नागरिक को बोलने की आजादी, बराबरी का अधिकार, शांतिपूर्ण आंदोलन सहित अनेक सवैंधानिक अधिकार दिए थे। लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि सत्ता के नशे में चूर अहंकारी भाजपा सरकार संविधान दिवस पर लोगों के सवैंधानिक अधिकार छिनने में लगी हुई है। यह आरोप कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा ने लगाया है।
अरोड़ा ने कहा कि किसान तीन काले कानूनों के विरूद्ध शांतिपर्ण आंदोलन कर रहे हैं लेकिन कड़कती ठंड़ में किसानों पर पानी की बौछारंे की जा रही हैं अश्रु गैस व लाठियां बरसाई जा रही हैं। भाजपा सरकार यह सब केवल अड़ानी और अंबानी को खुश करने के लिए कर रही है। अपने हकों के लिए दिल्ली कूच कर रहे किसानों को बिना किसी कारण के रोका जा रहा है। उन्होने कहा कि आज देशभर में कर्मचारी मजदूर हड़ताल पर हैं। सरकार इनके आंदोलन को भी कूचलने में लगी हुई है।
अरोड़ा ने कहा कि इन तीन काले कानूनों से देश का किसान, आढ़ती और मजदूर बर्बाद हो जाएंगें। इनका लाभ केवल बडे-बडे अड़ानी और अंबानी जैसे पंजीपतियों को पहुंचेंगा। अरोड़ा ने किसानों पर की जा रही बर्बरता पूर्वक कार्रवाई करने की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि कांग्रेस किसानों के आंदोलन का समर्थन करती है। प्रजातंत्र में हर व्यक्ति को अपनी आवाज उठाने का हक है लेकिन सरकार किसानों की आवाज को दबाने में लगी हुई है।
पूर्व मंत्री अरोड़ा ने कहा कि सरकार को चाहिए कि हठधर्मिता छोड़कर कर किसान संगठनों से वार्ता करे और फसलों के एमएसपी बारे जो शंकाएं हैं उन्हे दूर करे। उन्होने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री को भी चाहिए कि वे विधानसभा में फसलों के एमएसपी सुनिश्चित करवाने का बिल पास करवाएं। उन्होने कहा कि देश के किसानों ने दिन-रात कड़ी मेहनत करके भारत को खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बनाया आज सरकार उन्ही किसानों को कुचलने पर लगी हुई है। केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन काले कानूनों से केवल किसान ही नहीं व्यापारी और मजदूर भी बर्बाद हो जाऐंगें। इसका सीधा असर देश के आम उपभोक्ता पर भी पडेगा।
अरोड़ा ने भाजपा की सहयोगी पार्टी जजपा द्वारा 9 दिसंबर को भिवानी में अपना स्थापना दिवस पर रैली आयोजित करने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि एक ओर तो सरकार कोरोना महामारी की आड में किसानों के आंदोलन को कुचल रही है दूसरी ओर जजपा के नेता पूरे प्रदेश में घूमकर भीड एकत्रित कर लोगों को 9 दिसंबर की रैली में शामिल होने का निमंत्रण दे रहे हैं।
उन्होने जजपा नेतृत्व को सलाह देते हुए कहा कि रैली करने की बजाए जजपा को किसानों का समर्थन करते हुए भाजपा से गठबंधन तोड देना चाहिए। किसानों के मसीहा चौ. देवीलाल की नीतियों का समर्थन का दावा करने वाली जजपा किसानों की दुर्दशा के लिए पूर्ण रूप से जिम्मेवार है। सत्ता के लालच में जजपा के नेता कुर्सी से चिपके बैठे हैं जबकि किसानों को सडकों पर पीटा जा रहा है।
उन्होने कहा कि सरकार जजपा की रैली तो करवाने जा रही है, जबकि दूसरी ओर किसानों पर लाठियां बरसाई जा रही हैं। अरोड़ा ने कहा कि आज किसान ही नहीं देश के कर्मचारियों सहित अनेक संगठनों ने जो हडताल की है उससे स्पष्ट है कि भाजपा की सरकार से हर वर्ग दु:खी है।