न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र,27 नवंबर। कॉस्मिक एस्ट्रो के डायरेक्टर व श्री दुर्गा देवी मन्दिर पिपली (कुरुक्षेत्र) के अध्यक्ष ज्योतिष व वास्तु आचार्य डॉ.सुरेश मिश्रा ने बताया कि रविवार , 29 नवंबर 2020 ,कृतिका नक्षत्र,वृष राशि के चन्द्रमा सहित कार्तिक मास की पूर्णमासी का व्रत किया जायेगा । जबकि दान पुण्य हेतु कार्तिक मॉस की समाप्ति और पूर्णिमा 30 नवंबर 2020 शिव योग सोमवार को मनाई जाएगी I इस पूर्णिमा का विशेष महत्व है क्योंकि श्री गुरुनानक देव की जयंती भी है। इस कारण ये दिन सिक्ख धर्म के लोगों के लिए बहुत विशेष महत्त्वपूर्ण है।
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व :
पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा कहा जाता है। इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा और देव दीपावली भी कहते हैं। प्राचीन समय में इस तिथि पर भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के दैत्य का वध किया था, इस कारण इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा कहते हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर ही भगवान विष्णु ने मत्स्यावतार भी लिया था। इस तिथि के संबंध में एक अन्य मान्यता ये भी है कि इस दिन देवता की दीपावली होती है। इसीलिए इसे देव दीपावली भी कहते हैं। इस दिन कार्तिक मास के स्नान समाप्त हो जाएंगे। कार्तिक पूर्णिमा पर पवित्र तीर्थ , गँगा स्नान, दीपदान, पूजा, आरती, यज्ञ और दान करने का विशेष महत्व है।
इस पूर्णिमा श्रद्धा विश्वास अनुसार यह शुभ कार्य करने चाहिए :
- 1.भगवान विष्णु के लिए सत्यनारायण भगवान की कथा करनी चाहिए। यज्ञ के उपरान्त ब्राह्मणों को भोजन खिलाएं। वस्त्र,फल आदि के साथ दक्षिणा अवश्य दे।
- 2.इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है। स्नान के बाद दीपदान, पूजा, आरती और दान किया जाता है।
- 3.कार्तिक पूर्णिमा पर गरीबों को फल, अनाज, दाल, चावल, गरम वस्त्र आदि चीजों का दान करना चाहिए।
- 4.कार्तिक पूर्णिमा पर सुबह जल्दी उठना चाहिए। पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान करें। स्नान करते समय सभी तीर्थों का ध्यान करना चाहिए। स्नान करने के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं।
- 5.शिवलिंग पर जल चढ़ाकर ऊँ शिवाय: नम: मंत्र का जाप करें। रुद्राभिषेक करें। कपूर जलाकर आरती करें। शिवजी के साथ ही गणेशजी, माता पार्वती, कार्तिकेय स्वामी और नंदी की भी विशेष पूजा करें।
- 6. इस पूर्णिमा पर आत्म कल्याण हेतु आप परिवार सहित ध्यान,साधना,मंत्र,यज्ञ,जाप आदि अवश्य करें।