कांग्रेस के अगले जिलाध्यक्ष राजकुमार पिंडारसी ? दिग्गजों की सहमति से लगभग बनना तय
स्थानीय दिग्गज पूर्व मंत्री हरमोहिंद्र सिहं चट्ठा,पूर्व मंत्री डा.रामप्रकाश और लाडवा विधायक मेवा सिंह दे चुके हैं सहमति
पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा भी दे चुके हैं रोड समाज के व्यक्ति को जिलाध्यक्ष बनाने का सुझाव
वरिष्ठ पत्रकार राजेश शांडिल्य की फेसबुक वाल से
कुरुक्षेत्र। कांग्रेसियों की चाहत है कि पार्टी जिसे भी बनाना चाहे बना दे,कम से कम संगठन का जिलाध्यक्ष तो हो,मगर जिला के दिग्गजों की चाहत है,बने जो भी,मगर वह उनके हलके का ना हो।खैर होगा तो वही जो दिग्गज चाहेंगे। वैसे भी हरियाणा में संगठनात्मक ढांचे को खड़ा करने के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रत्येक जिला में पार्टी अध्यक्ष बनाने की तैयारी लगभग पूरी कर चुकी है।जल्द ही इन नामों की सूची जारी होने वाली है। इनमें कुरुक्षेत्र जिलाध्यक्ष के पद पर रोड समाज के एक पुराने कांग्रेसी को कमान देना लगभग तय हो चुका है। जाहिर है कि हरियाणा में सत्तारूढ़ भाजपा के कुरुक्षेत्र जिलाध्यक्ष भी रोड समाज से हैं। पता चला है कि कांग्रेस के कई दिग्गज नेता इस बाबत अपनी सहमती दे चुके हैं। इस विषय में सबसे पहले पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा ने इस विषय में सुझाव दिया था कि अगर हरियाणा के किसी जिला में रोड समाज से कांग्रेस जिलाध्यक्ष पद पर अवसर नहीं दिया जाता है तो आलाकमान कुरुक्षेत्र में इस विषय पर गौर कर सकती है। कुरुक्षेत्र जिला की चार विधानसभा क्षेत्रों में पिहोवा और शाहाबाद में भले रोड समाज की वोटर संख्या ना के बराबर हो और लाडवा विधानसभा क्षेत्र इस सामुदाय मतदाता संख्या निर्णायक स्थिति में ना हो,मगर थानेसर विधानसभा क्षेत्र में रोड समाज असरदार पोजिशन में है। भाजपा के साथ पिछले एक दशक का झुकाव कांग्रेस अपनी रणनीति से कैसे अपनी ओर करेगी यह तो वक्त बताएगा,मगर कुछ नेता उम्मीद रख रहे हैं कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों में इन रणनीति का लाभ मिल सकता है। वैसे 2014 और 2019 के लोकसभा और विधानसभा के चारों चुनावों में रोड समाज भाजपा के आकर्षण में है।
भाजपा में रोड समाज के रत्न,2014 के बाद सत्ता और संगठन में मिली जगह
मालूम हो कि 2014 में पहली बार अपने बूते पर सत्ता में आई भाजपा ने उसके बाद इस क्षेत्र के रोड समाज से कई चेहरों को सत्ता और संगठन दोनों में भागीदारी देने का काम किया। रोड समाज के गुरदयाल सुनेहड़ी को जहां 2015 में जिला परिषद का चेयरमैन बनाया गया था,वहीं वर्तमान में जिला परिषद का पद एससी महिला के लिए आरक्षित होने के कारण इस बार रोड समाज के धर्मपाल डीपी को जिला परिषद के वाइस चेयरमैन के पद पर मौका दिया था। वहीं 2014 के बाद यह दूसरा मौका है जब भाजपा ने रोड समाज के व्यक्ति को पार्टी का जिलाध्यक्ष बनाया है। भाजपा के वर्तमान कुरुक्षेत्र जिलाध्यक्ष रवि बतान से पहले रोड समाज से के ही धर्मवीर मिर्जापुर भाजपा के जिलाध्यक्ष रह चुके हैं। इसी साल जनवरी में धर्मवीर मिर्जापुर को पशुधन विकास बोर्ड का चेयरमैन सौंपा है,जबकि भाजपा प्रदेश महामंत्री वेदपाल भले कुरुक्षेत्र जिला के ना हो, लेकिन पड़ौसी जिला करनाल के मूल निवासी है और लोकसभा क्षेत्र की नौ विधासभा सीटों में से एक पूंडरी विधानसभा सीट से 2019 का चुनाव भाजपा की टिकट पर लड़ चुके हैं और संगठन की दृष्टि से भाजपा में एक अहम पद पर हैं। पड़ौसी जिला करनाल की घरौंडा सीट से रोड समाज के हरविंदर कल्याण लगातार दो बार के विधायक हैं और मनोहर सरकार वन में चेयरमैन रह चुके हैं।
इनकी सहमति से राज कुमार के सिर पर रखा जा सकता है जिलाध्यक्ष का ताज
पूर्व मंत्री हरमोहिंदर सिंह चट्ठा,पूर्व मंत्री डा.रामप्रकाश और लाडवा से कांग्रेस के विधायक मेवा सिंह ने राजकुमार पिंडारसी को कांग्रेस का जिलाध्यक्ष बनाने की सहमति दी है।हालांकि कांग्रेस के इन दिग्गज चेहरों की सीधी सिफारिश और इनकी इस सहमति से पहले पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा की रोड समाज के व्यक्ति को जिलाध्यक्ष बनाने के सुझाव के बाद यह जिलाध्यक्ष का ताज राज कुमार पिंडारसी के सिर पर ही सजेगा या संगठन रोड समाज के ही किसी दूसरे व्यक्ति या किसी अन्य समाज को तवज्जों देगी,इस पर अधिकृत रुप से घोषणा के बाद ही पता लगेगा,मगर बताया जा रहा है कि अब सिर्फ औपचारिकता शेष है,उनके नाम की घोषणा जिलाध्यक्षों की सूची के साथ जल्द होने वाली है।
संगठन और गतिविधियों की दृष्टि से कांग्रेस के कोसों आगे है भाजपा,मगर अब एक्टिव मोड पर
इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि संगठनात्मक ढांचा और गतिविधियों के लिहाज से भाजपा कांग्रेस से कोसों आगे खड़ी है,मगर वर्तमान माहौल और राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद एक्टिव मोड पर आई कांग्रेस तमाम समीकरणों पर गिद्द दृष्टि डाल कर ही संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने के मूड में हैं। उसमें वह कितनी सफल होगी यह तो भविष्य के गर्भ में है,लेकिन हाल फिलहाल बात केवल कांग्रेस के कुरुक्षेत्र जिलाध्यक्ष पद की हो रही है।कांग्रेस को इस बात का अंदाजा है कि इस पद के नाम की घोषणा के बाद अगला संतुलन उन नाराज दावेदारों को साधने का भी होगा,जोकि लंबे समय से जिलाध्यक्ष पद मिलने की आस लगाए बैठे थे।अगर अभी तक तय दिख रहे नाम पर ही अगर मुहर लगती है तो इनमें बड़ा झटका कांग्रेस नेता सुभाष पाली को लग सकता है।
पाली के जिलाध्यक्ष पद की दौड़ में पिछड़ने की वजह
सुभाष पाली रोड समाज के प्रभावशाली परिवार के साथ उनका परिवार पुराने कांग्रेसी के रुप में देखा जाता हैं। उनके स्वर्गीय पिता रामधारी पाली कांग्रेस सरकार में ब्लाक समिति के चेयरमैन रह चुके हैं। भले वर्तमान में सुभाष पाली हुड्डा के करीबी पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा के काफी नजदीक हों,मगर पूर्व में बंसीलाल परिवार और विशेष रुप से हुड्डा सरकार के 10 साल के कार्यकाल में और उसके बाद भी कई वर्षों तक करीबी रहे थे।अगर सुभाष पाली जिलाध्यक्ष पद हासिल करने की दौड़ में अब पिछड़ते नजर आ रहे हैं तो इसके प्रमुख कारणों में इसे देखा जा रहा है। वैसे पिक्चर अभी बाकी है। ऐन वक्त पर यदि कोई फेरबदल हो जाता है तो सभी कयास धरे के धरे रह सकते हैं।
जब से कांग्रेस जिला बना तब से रोड समाज से एक कार्यवाहक जिलाध्यक्ष रहे
पिछले 8 वर्षों में भाजपा के चार जिलाध्यक्षों में से दो रोड समाज के रहे हैं,लेकिन जब से कुरुक्षेत्र जिला बना है,तब से आज तक कांग्रेस ने रोड समाज के मेहर सिंह रामगढ़ केवल कार्यवाहक जिलाध्यक्ष ही बने हैं।