वीरेश शांडिल्य ने जेएमआईसी वंदना की कोर्ट में 2 करोड़ की कोर्ट फीस 4 लाख 37 हजार 600 रुपए जमा करवाई, एडवोकेट मोहित सहगल व वासु रंजन शांडिल्य ने दायर की मुआवजे की याचिका
रजनीश यादव व गुरदर्शन सिंह की मुसीबतें बढ़ना तय, अनिल विज ने भी दोनों अधिकारियों को कोर्ट के आदेश पर सस्पेंड करने के दिये हुए हैं डीजीपी को आदेश
न्यूज डेक्स संवाददाता
अंबाला। बलदेव नगर थाना के पूर्व थाना प्रभारी रजनीश यादव व पंजोखरा थाना के पूर्व प्रभारी सब इंस्पेक्टर गुरदर्शन सिंह की मुसीबतें आने वाले दिनों में बढ़ना तय है क्योंकि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने वीरेश शांडिल्य को रजनीश यादव, गुरदर्शन व अन्य के खिलाफ 2 करोड़ का मुआवजा कोर्ट फीस लगाकर डालने के आदेश 17 अगस्त 2023 को दिए थे। हाईकोर्ट के जस्टिस अनिल खेत्रपाल ने वीरेश शांडिल्य को 17 सितंबर 2023 तक 2 करोड़ की कोर्ट फीस लगाकर स्थानीय कोर्ट को शांडिल्य के मुआवजे के केस को पुनः चलाने के आदेश दिए थे । वीरेश शांडिल्य ने हाईकोर्ट द्वारा निर्धारित अंतिम दिनांक 17 सितम्बर से पहले 13 सितम्बर को जेएमआईसी वंदना की कोर्ट में अपने एडवोकेट मोहित सहगल व वासु रंजन शांडिल्य के माध्यम से 2 करोड़ की बनती 4 लाख 37 हजार 600 रुपये फीस भर कर रिस्टोर करने की याचिका दायर की।
वीरेश शांडिल्य भी अपने वकीलों के साथ जेएमआईसी वंदना की कोर्ट में मौजूद रहे। अदालत ने इस पर कल तक के लिए सुनवाई टाल दी है और इस केस में अब 14 सितम्बर 2023 को कोर्ट में पुनः सुनवाई होगी। जबकि शांडिल्य के एडवोकेट मोहित सहगल व वासु रंजन ने हाईकोर्ट के 17 अगस्त 2023 के फैसले को लागू करते हुए 2 करोड़ मुआवजे की 4 लाख 37 हजार 600 रुपये कोर्ट फीस जमा करवा दी है। मोहित सहगल ने पत्रकारों को बताया कि पूरी उम्मीद है कि कल कोर्ट में वीरेश शांडिल्य का केस रिस्टोर होने के बाद सुनवाई शुरू हो जाएगी । सहगल ने कहा कि हमारी तरफ से हाईकोर्ट के जस्टिस अनिल खेत्रपाल के आदेश को लागू कर दिया गया है ।
वही वीरेश शांडिल्य ने कोर्ट से बाहर आकर पत्रकारों को बताया कि उनके खिलाफ 2011 में रजनीश यादव ने बलदेव नगर थाना प्रभारी होते हुए रेप जैसा घिनोना झूठा फर्जी, आधारहीन मनघड़ंत एक साल पुराने आरोप में केस दर्ज किया था जबकि पूर्व एएसपी देवेंद्र यादव ने रजनीश यादव को मुकदमा दर्ज करने से पूर्व जांच करने के लिखित आदेश दिए थे लेकिन रजनीश यादव सब इंस्पेक्टर गुरदर्शन सिंह ने मोटी रकम लेकर वीरेश शांडिल्य को सजा करवाने की नीयत से व शांडिल्य का सामाजिक व राजनीतिक भविष्य बर्बाद करने के लिए उच्च अधिकारियों के लिखित आदेश को दरकिनार करते हुए वीरेश शांडिल्य को गिरफ्तार किया व फर्जी जांच कर व फर्जी गवाह खड़े कर दोनों अधिकारियों ने चालान अदालत मे पेश कर वीरेश शांडिल्य के संवेधानिक व कानूनी अधिकारियों सहित उसके मानवाधिकारों का भी हनन किया था।
वीरेश शांडिल्य रेप के फर्जी केस में तकरीबन 14 महीने जेल में रहे और बाद में उन्हें पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने जमानत दी। तीन साल सेशन अदालत में केस चला और पुलिस की तरफ से 17 गवाह अदालत में पेश हुए वही शांडिल्य ने पहला फर्जी रेप केस दर्ज हुआ जिसमें फर्जी नाम व पता देकर एफ़ आई आर दर्ज की गई थी। वही शांडिल्य ने कहा भारत के इतिहास में यह पहला केस था जिसमे बचाव पक्ष मतलब उनकी तरफ से 89 गवाह पेश हुए और सेशन अदालत ने उन्हें 2015 में न केवल बाइज्जत बरी किया था और उसके बाद उन्होंने इंस्पेक्टर रजनीश यादव, सब इंस्पेक्टर गुरदर्शन सिंह सहित फर्जी रेप की शिकायत करने वाली लड़की काजल के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 340 के तहत अपने उस वक़्त के वकील सुमित शर्मा के माध्यम से याचिका दायर हुई थी जिसमे फर्जी रेप का केस दर्ज करने वाली काजल के खिलाफ पूर्व अतिरिक्त सेशन जज यशविन्दर पाल ने कानूनी कार्यवाही के आदेश दिए थे व रजनीश यादव व गुरदर्शन सिंह के खिलाफ गभीर टिप्पणियाँ अपने फैसले में की और दोनों अधिकारयों के खिलाफ उच्च पुलिस अधिकारियों को कार्यवाही के आदेश दिए थे।
वीरेश शांडिल्य ने बताया कि जब कोर्ट का आदेश उन्होंने हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज को कार्वाही के लिए दिया तो अनिल विज ने रजनीश यादव व गुरदर्शन सिंह के खिलाफ डीजीपी को सस्पेंड करने जांच के आदेश दिए थे। वही शांडिल्य ने बताया कि उन्होंने अम्बाला सिविल कोर्ट में रजनीश यादव ,गुरदर्शन सिंह व काजल के खिलाफ 2 करोड़ के मुवावज़े का केस दायर किया था लेकिन उस वक्त के जज हर्ष कुमार ने उनके केस को कोर्ट फीस न लगने के कारण डिसमिस कर दिया था। शांडिल्य ने बताया कि जज हर्ष कुमार के आदेश को उन्होंने हाई कोर्ट के सीनियर एडवोकेट एस के गर्ग नरवाना द्वारा चुनोती दी थी जिस पर हाई कोर्ट ने 17 अगस्त 23 को उन्हें अम्बाला की कोर्ट में 2 करोड़ की कोर्ट फीस लगाकर केस चलाने के आदेश दिए थे और अदालत ने 17 सितम्बर तक बनती कोर्ट फीस जमा करवाने के आदेश दिए थे जो आज उनके एडवोकेट मोहित सहगल व वासु रंजन ने 2 करोड़ की 4 लाख 37 हजार 600 रुपये कोर्ट फीस लगाकर याचिका जज वंदना की कोर्ट में दायर की।जिस पर कोर्ट कल 14 सितंबर को सुनवाई करेगी। शांडिल्य ने कहा इन दोनों अधिकारियों ने उनके जीवन से खिलवाड़ किया और निर्दोष होते हुए मोटी रकम लेकर फर्जी केस दर्ज कर जेल में डाला। वीरेश शांडिल्य ने कहा कि रजनीश यादव व गुरदर्शन सिंह जैसे पुलिस वाले खाकी पर कलंक हैं और इन दोनों अधिकारियों को सस्पेंड करवाने को लेकर शुक्रवार 15 सितंबर को वो गृह मंत्री अनिल विज से पुनः इंसांफ की गुहार लगाएंगे ।