तीन बहनों के इकलौते भाई थे मेजर शहीद आशीष धौंचक,अगले माह अक्तूबर में आना था घर
टीडीआई सिटी में बनाया है मकान,दीपावली से पहले थी नए घर के मुहूर्त की तैयारी
न्यूज डेक्स संवाददाता
चंडीगढ़। इस माह पहले स्वतंत्रता दिवस पर बहादुरी के से लिए सेना मेडल से नवाजे जा चुके आशीष धौंचक देश के उन पांच शूरवीरों में से एक हैं जो,कश्मीर में पिछले 24 घंटों में आतंकियों से हुई मुठभेड़ में शहीद हो गए। करीब 36 वर्षीय मेजर आशीष धौंचक हरियाणा के जिला पानीपत के वासी थे। उनका पार्थिव शरीर आज पानीपत में उनके पैतृक गांव बिंझौल में लाया गया। मेजर आशीष धौंचक की शहादत का समाचार फैलते ही पूरे प्रांत शोक है।
19 राष्ट्रीय राइफल्स के सिख लाइट इन्फैंट्री में तैनात आशीष धौंचक को 15 अगस्त 2023 को बहादुरी के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सेना मेडल देकर सम्मानित किया था। मेजर आशीष की चार वर्षीया पुत्री वामिनी और पत्नी ज्योति धौंचक गृहणी है। वे तीन बहनों के इकलौते भाई थे। बताया गया है कि परिवार के सदस्यों से तीन पहले उनकी फोन पर बातचीत हुई थी। शहीद मेजर आशीष के पिता लालचंद सिंह अपने चार भाइयों में सबसे बड़े हैं और एनएफएल पानीपत से सेवानिवृत्त हैं। शहीद मेजर के चाचा दिलावर सिंह धौंचक भी एयरफोर्स में सेवाएं दे चुके हैं। अक्तूबर में वह छुट्टी पर घर आने वाले थे और इस दौरान उन्होंने अपने टीडीआई सिटी में बन रहे मकान में गृह प्रवेश की तैयारी भी करनी थी।
इस सिटी में बन रहे मकान का काम लगभग फाइनल हो चुका है और उनके आने पर दीपावली से पहले मुहूर्त किया जाना था। मगर सर्च आपरेशन के दौरान कश्मीर के अनंतनाग जिला में हुई आतंकवादियों की फायरिंग के दौरान हुई मुठभेड़ में सेना के एक कर्नल,पुलिस के एक डीएसपी और दो जवान और एक आर्मी डाग शहीद हुए थे। यहां दो जगह यह घटनाएं हुई थी। इन्हीं में से एक जगह पर आतंवादियों से हुई मुठभेड़ में हरियाणा के वीर सपूत आशीष धौंचक भी शहीद हो गए थे।