Friday, November 22, 2024
Home haryana भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जात पात को भूलकर 140 करोड़ लोगों को बंधना होगा एकसूत्र में:बंडारू दत्तात्रेय

भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जात पात को भूलकर 140 करोड़ लोगों को बंधना होगा एकसूत्र में:बंडारू दत्तात्रेय

by Newz Dex
0 comment

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने यूनिवर्सिटी के अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में विद्यार्थियों से किए विचार साझा

डॉ. भीमराव अम्बेडकर अध्ययन केन्द्र का दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार सम्पन्न

न्यूज डेक्स संवाददाता

कुरुक्षेत्र। हरियाणा के राज्यपाल एवं कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जात पात और छूआछूत को भूलकर 140 करोड़ लोगों को एक सूत्र में बंधना होगा। जब देश का एक-एक नागरिक डॉ. भीमराव अम्बेडकर के दिखाए मार्ग पर चलेगा तो निश्चित ही आत्मविश्वास की भावना पैदा होगी। जब मानव में आत्मविश्वास पैदा होगा तो निश्चित ही मानव आत्मनिर्भरता की तरफ आगे बढ़ेगा।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय शुक्रवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के डॉ. भीमराव अम्बेडकर अध्ययन केन्द्र तथा इंडियन कौंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च के सहयोग से डॉ. बीआर अम्बेडकर विजन फॉर सेल्फ रिलायंट इंडिया ऑफ 21 सेंचुरी (21 वीं शताब्दी के आत्मनिर्भर भारत के लिए डॉ. बी. आर. अम्बेडकर की दृष्टि) विषय पर आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के समापन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। इससे पहले राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद, कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा, कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा, डॉ. ऋषि गोयल, मुख्य वक्ता श्रीलंका से कलिंगा तूडोर सिल्वा, निदेशक प्रो. गोपाल प्रसाद व सहायक निदेशक डॉ. प्रीतम सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान विश्वविद्यालय की तरफ से सभी मेहमानों को स्मृति चिन्ह भेंट किया।

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि देश की भावी पीढ़ी को अपने जहन में आत्मविश्वास पैदा करने के लिए डॉ. भीमराव अम्बेडकर के जीवन पर लिखी पुस्तकों का अध्ययन करना चाहिए। इन पुस्तकों का अध्ययन करने से आत्मविश्वास पैदा होगा और आत्मविश्वास से युवा आत्मनिर्भर बनेगा। जब देश की भावी पीढ़ी आत्मनिर्भर होगी तो देश भी आत्मनिर्भरता की तरफ आगे बढ़ेगा। इसके साथ ही सभी को सामाजिक समरसता, सामाजिक न्याय और आर्थिक समानता जैसे विषयों पर भी मंथन करने की जरूरत है। उन्होंने संसद में नारी शक्ति वंदन को सम्मान देने के लिए महिलाओं के लिए पारित किए गए 33 प्रतिशत आरक्षण की देने की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह एक अच्छा विजन है इससे महिलाओं को आगे आने का अवसर मिलेगा और महिलाएं भी आत्मनिर्भर बनने की तरफ अग्रसर होंगी। राज्यपाल ने कहा कि पूरी दुनिया आज भारत रत्न अम्बेडकर के विचारों के महत्व को समझ रही है। दुनिया में चल रहे युद्ध, अशांति, टकराव व भेदभाव से बाहर आने  का रास्ता भारत से होकर गुजऱता है। ऐसे आदर्शवादी महान व्यक्तित्व से आज हमारी नई पीढ़ी को प्रेरणा लेने की जरूरत है। उनका कहना था कि भारतीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत आम आदमी है। इसलिए भारतीय संविधान की आधारशिला आम आदमी पर आधारित और उसी के प्रति समर्पित है।

विशिष्ट अतिथि गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने अपने जीवन में नारी मुक्ति, जाति विहीन समाज व अंधविश्वास के खिलाफ लड़ाई लड़ी। बाबा साहेब आम आदमी की आवाज बने। डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने जीवन पर्यन्त समाज के दबे, कुचले, शोषित लोगों को अपने जीवन को बदलने के लिए प्रेरित किया। सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. सोमनाथ ने मेहमानों का स्वागत करते हुए कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने हमेशा आत्मनिर्भर भारत की सोच रखी। इस सोच को पूरा करने के लिए देश की युवा पीढ़ी को उनकी शिक्षाओं और विचारों का अनुसरण करना होगा। डॉ. अम्बेडकर ने तीन साल गहन अध्ययन करने और 40 देशों के संविधान को पढ़ने के बाद भारत के लिए एक सुदंर संविधान की रचना की। इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि निदेशक, एसआईएएसटीई, हरियाणा डॉ. ऋषि गोयल, मुख्य वक्ता प्रोफेसर एमिरेट्स ऑफ सोशियोलॉजी, यूनिवर्सिटी ऑफ पैराडेनिया, श्रीलंका कलिंगा तूडोर सिल्वा ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

डॉ. भीमराव अम्बेडकर अध्ययन केंद्र के निदेशक प्रो. गोपाल प्रसाद ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का अम्बेडकर अध्ययन केन्द्र पूरे विश्व का नम्बर एक सेंटर बन चुका है। डॉ. भीमराव अम्बेडकर अध्ययन केन्द्र के सह-निदेशक डॉ. प्रीतम सिंह ने  दो दिवसीय संगोष्ठी की तमाम गतिविधियों पर प्रकाश डाला। कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा ने मेहमानों का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर उपायुक्त शांतनु शर्मा, पुलिस अधीक्षक सुरेन्द्र भौरिया, कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा, निदेशक प्रो. गोपाल प्रसाद, सह-निदेशक डॉ. प्रीतम सिंह, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. शुचि स्मिता शर्मा, प्रो. बृजेश साहनी, डॉ. दीपक राय बब्बर, डॉ. कुलदीप सिंह, डॉ. रमेश सिरोही, जिला परिषद की चैयरमेन कंवलजीत कौर सहित शिक्षक, शोधार्थी व विद्यार्थी मौजूद थे।

You may also like

Leave a Comment

NewZdex is an online platform to read new , National and international news will be avavible at news portal

Edtior's Picks

Latest Articles

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?
-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00