न्यूज़ डेक्स संवाददाता
मध्यप्रदेश । देश के विभिन्न शहरों में शिल्प समागम के सफल आयोजन के बाद अब ऐतिहासिक नगरी ग्वालियर के शिल्प ग्राम, सूर्य नमस्कार चौक के निकट शुक्रवार को शुरु हुआ। इस शिल्प समागम मेले का औपचारिक उद्घाटन शनिवार को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार, अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में करेंगे । मेले के प्रमुख उत्पादों में असम के बेंत और बांस , हस्तशिल्प और हथकरघा के उत्पाद,बिहार के हथकरघा कार्य, मधुबनी पेंटिंग्स, दिल्ली के कपड़े, गुजरात के ड्रेस मैटेरियल (गुजराती कशीदाकारी) कच्छ शिल्प मनका से बने उत्पाद, हरियाणा के ड्रेस मैटेरियल, सिले-सिलाए कपड़े, हिमाचल प्रदेश के शॉल, स्टोल जैकेट, ऑर्गेनिक हनी, अचार, चाय, जम्मू कश्मीर के आरी वर्क, सोजनी वर्क, कश्मीरी शॉल, कर्नाटक के लकड़ी के खिलौने, अगरबत्ती ,केरल के स्क्रूपिन, जल जलकुंभी उत्पाद, मध्यप्रदेश के पीतल के उत्पाद, माहेश्वरी चंदेरी, बाग प्रिंट, सूट, ड्रेस मैटेरियल, साड़ी और अचार, महाराष्ट्र चमड़े के उत्पाद, हस्तशिल्प की वस्तुएं, ड्रेस मैटेरियल, पंजाब के फुलकारी वर्क, पंजाबी जूती, ड्रेस मटेरियल, पुडुचेरी के चमड़े के उत्पाद, लकड़ी के खिलौने, सिले-सिलाए कपड़े, राजस्थान केराजस्थानी जूती, चादरें, अल्लीक वर्क, अचार, खाखरा, तमिलनाडु के वस्त्र, लकड़ी के खिलौने, त्रिपुरा जूट, बेंत एवं बांस से बने उद, झाड़ू, उत्तराखण्ड के खेस, लोई, दरी, शॉल, ड्रेस मैटेरियल, जैकेट, कुर्ता और शर्ट, उत्तर प्रदेश के लकड़ी पर नक्काशी, कपड़े का काम, सॉफ्ट टॉय, चिकनकारी वर्क, बनारसी साड़ी, पश्चिम बंगाल के कांथा स्टिच और कट वर्क ड्रेस मटेरियल साड़ी आदि। साथ ही मेले में देश भर के स्वादिष्ट व्यंजन का स्वाद लिया जा सकता है और प्रतिदिन शाम ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आकर्षण का केंद्र होगा। मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक ग्वावियर में अधिक से अधिक घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय/विदेशी आगंतुकों के आने की उम्मीद है।
मेले के माधयम से समाज के लक्षित वर्ग को सशक्त और आत्मनिर्भर करना है जिससे इन प्रदर्शनियों में भाग लेने वाले लाभार्थियों की अच्छी बिक्री होने से उन्हें शीर्ष निगमों को अपना ऋण चुकाने में बहुत मदद मिलेगी।