Sunday, November 24, 2024
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वीरेश शांडिल्य पर फर्जी रेप केस कराने पर बुरी फंसी महिला, अदालत ने भगोड़ा घोषित कर दिए एफआईआर दर्ज करने के आदेश 

by Newz Dex
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2018 में शांडिल्य की याचिका पर अतिरिक्त सेशन जज यश्विन्द्र पाल ने रेप का फर्जी केस दर्ज करवाने वाली महिला के खिलाफ दिए थे कारवाई के आदेश

अदालत ने वीरेश शांडिल्य का सामाजिक व राजनीतिक बर्बाद करने पर दिए थे झूठा मामला दर्ज करवाने वाली महिला पर कारवाई के आदेश

शांडिल्य को बदनाम करने के लिए रची गई थी गंभीर साजिश 

न्यूज डेक्स संवाददाता

अंबाला। एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया व विश्व हिन्दू तख्त अंतर्राष्ट्रीय प्रमुख शांडिल्य के खिलाफ उनका राजनीतिक व सामाजिक कैरियर बर्बाद करने के लिए रेप का फर्जी झूठा मनघड़ंत केस 2011 में बलदेव नगर पुलिस से मिलकर दर्ज करवाने वाली महिला बुरी फंस गई है और कोर्ट ने रेप का फर्जी केस दर्ज करवाने वाली महिला को अदालत ने भगौड़ा घोषित कर एफआईआर दर्ज करने के आदेश अम्बाला पुलिस को दिए। वीरेश शांडिल्य ने आज अपने निवास पर पत्रकारो से बातचीत करते हुए कहा कि उनके खिलाफ 2011 में चंडीगढ़ की महिला ने रेप का फर्जी मामला बलदेव नगर थाना में उस वक़्त के थाना प्रभारी रजनीश यादव व एसआई  गुरदर्शन सिंह से मिलीभगत दर्ज करवाया था जिसमे निर्दोष होते हुए उन्हें बलदेव नगर के थाना प्रभारी रहे रजनीश यादव व गुरदर्शन सिंह ने नवंबर 2011 में  गिरफ्तार कर जेल में डाला और 17 फर्जी गवाह खड़े कर चालान पेश किया और 2012 में उन्हें पंजाब एव हरियाणा हाईकोर्ट ने जमानत दी और वो निर्दोष होते हुए 14 महीने जेल में रहे और यह रेप का पहला केस था जिसे साबित पुलिस ने करना था। शांडिल्य ने बताया कि इस मामले में उन्होंने सारी साजिशों को बेनकाब किया और हाईकोर्ट के आदेश पर उन्हें मनचाही डिफेंस के गवाह पेश करने की छूट मिली थी और पुलिस के 17 गवाहों के बाद इस केस में उन्होंने अपनी तरफ से 89 बचाव पक्ष के गवाह पेश कर रेप का फर्जी केस दर्ज करवाने वाली महिला व तमाम पुलिस की साजिशों की सिलसिलेवार तरीके से अतिरिक्त सेशन जज दीपक अग्रवाल की कोर्ट में बेनकाब किया। 

एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने कहा कि फर्जी रेप के मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर डीजीपी हरियाणा कार्यालय के पुलिस अधिकारी उन्होंने अपने पक्ष में पेश करवाये यही नही पूर्व एएसपी देवेंद्र यादव ने भी कोर्ट में आकर गवाही दी कि उन्होंने बलदेव नगर थाना प्रभारी को सीधे एफआईआर दर्ज करने के आदेश नही दिए बल्कि पहले फैक्ट्स वेरिफाई करने के आदेश दिए। इसी तरह वीरेश शांडिल्य ने पंजाब पुलिस सहित चंडीगढ़ निगम का रिकार्ड व चंडीगढ़ पुलिस से उनके खिलाफ फर्जी रेप का केस दर्ज करवाने वाली महिला के खिलाफ रिकार्ड कोर्ट में पेश हुआ और शांडिल्य ने कहा महिला के खिलाफ हाई कोर्ट का भी रिकॉड ट्रायल कोर्ट में मंगवाया गया। शांडिल्य ने बताया उन पर रेप का फर्जी नाम बदल कर केस दर्ज करवाने वाली महिला ने चंडीगढ में भी 2007 में नाम बदलकर रेप का झूठा केस दर्ज करवाया था।

शांडिल्य ने कहा कि उनकी जिंदगी बर्बाद करने के लिए उनके खिलाफ साजिश रची गई लेकिन पुलिस कु कुछ काली भेड़ों ने महिला के साथ साजिश रच उनके खिलाफ रेप जैसा घिनोना केस दर्ज किया और दीपक अग्रवाल की कोर्ट ने दोनों पक्षो को सुन जून 2015 में वीरेश शांडिल्य को बाईज्जत बरी किया लेकिन शांडिल्य उनके साथ हुई ज्यादती के खिलाफ खामोश नही बैठे और उन्होंने 

सीआरपीसी की धारा 340 के तहत 2016 में रेप का फर्जी केस दर्ज करवाने वाली महिला सहित बलदेव नगर के पूर्व थाना प्रभारी रजनीश यादव व जांच अधिकारी गुरदर्शन सिंह के खिलाफ़ अतिरिक्त सेशन जज यश्विन्द्र पाल की कोर्ट में याचिका दायर की थी और 2018 में अतिरिक्त सेशन जज ने शांडिल्य की याचिका पर फैंसला देते हुए महिला पर कारवाई के आदेश दिए थे l शांडिल्य ने कहा जब तक दनो पुलिस अधिकारीयों की वर्दी नहीं उतरवा देते तब तक अह खामोश नहीं बैठेंगे l 

2018 में शांडिल्य पर फर्जी रेप केस करने पर अदालत ने की अहम टिप्पणियाँ

अदालत ने वीरेश शांडिल्य पर फर्जी रेप केस दर्ज करने पर महिला व पुलिस अधिकारीयों पर कारवाई करते हुए कहा था कि जांच में रजनीश यादव व गुरदर्शन सिंह द्वारा भारी चूक की गई और महत्वपूर्ण दस्तावेजों को चार्जशीट का हिस्सा नहीं बनाया गया l वहीँ अदालत ने कहा था कि महिला द्वारा झूठी एवं मनघडंत कहानी बनाई गई और समाज में वीरेश शांडिल्य को बदनाम किया और ऐसे केसों में अदालत की यह जिम्मेवारी है कि अदालतों के प्रति लोगों का विश्वास बढें इसलिए ऐसे फर्जी मामले दर्ज करने पर कारवाई जरूरी है l अदालत ने कहा था कि समाज कुछ महिलाओं को खड़ा कर फर्जी मामले में फंसाकर अपने छुपे हुई मंशाओं को पूरा करने के लिए दर्ज होते है जिसपर कारवाई करना अदालत का दायित्व है और फर्जी आरोप लगाने वाले पर कारवाई जरूरी है जिसने रेप जैसा संगीन आरोप फर्जी रूप से लगाया हो l अदालत ने कहा था कि एक निर्दोष व्यक्ति को झूठे रो केस में फंसाना और उसे जेल में रखना ना आर्थिक तंगी में लाता है बल्कि समाज में व्यक्ति व उसके परिवार की छवि को भी दांव पर्फ लगाता है l

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