शहीद सैनिकों को समर्पित पितृ मोचनी श्रीमद भागवत कथा का 11 वां दिन
अपने कर्तव्य को करना ही परमात्मा की भक्ति व पूजा है
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। भगवान श्री कृष्ण के श्री मुख से उत्पन्न गीता की जन्मस्थली, तीर्थों की संगम स्थली एवं धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के अखंड गीता पीठ शाश्वत सेवाश्रम में चल रही देश के लिए शहीद हुए सैनिकों को समर्पित पितृ मोचनी श्रीमद भागवत कथा के 11 वें दिन व्यासपीठ से महामंडलेश्वर डा. स्वामी शाश्वतानंद गिरि महाराज ने कहा कि सृष्टि के हर जीव का अपना महत्व है और उसकी उत्पति का अर्थ है। उन्होंने रविवार की कथा में नारद के पुनर्जन्म व्याख्यान के साथ प्रजापति के प्रसंग की भी चर्चा की। कथा प्रारम्भ से पूर्व यजमान डा. दीपक कौशिक, डा. सुनीता कौशिक, प्रेम नारायण शुक्ल, पुष्पा शुक्ल, विशाल राणा व रेणू राणा ने महामंडलेश्वर डा. स्वामी शाश्वतानंद गिरि महाराज के सानिध्य में भारत माता एवं व्यासपीठ का पूजन व आरती की।
कथा व्यास महामंडलेश्वर डा. स्वामी शाश्वतानंद गिरि महाराज ने बताया कि श्रद्धा के द्वारा ही परम एवं ब्रह्म भाव की प्राप्ति होती है। भगवान की भक्ति में ही तत्व ज्ञान है। उन्होंने कहा कि बुद्धि से की गई भगवान की भक्ति से शून्य की प्राप्ति है। परमात्मा की शरण में प्राप्त वस्तु अथवा तत्व को कोई नष्ट नहीं कर सकता है। परमात्मा की शरण में ही अमरत्व है। सब कुछ को झूठ कहने वाला मनुष्य का आत्मज्ञान है। प्रभु से अमर चेतना है। महामंडलेश्वर डा. स्वामी शाश्वतानंद गिरि महाराज ने बताया कि योग साधना से समाधि की प्राप्ति होती है। श्रद्धा, समर्पण, प्रेम व उपासना से ही परमात्मा की प्राप्ति होती है। परमात्मा तो सर्व व्याप्त हैं और सर्व व्याप्त परमात्मा की ही पूजा होती है।
अपने कर्तव्य को करना ही परमात्मा की भक्ति व पूजा है। इस मौके पर डा. दीपक कौशिक, जय शंकर, कृपाल सिंह, रमेश परुथी, राजेश बिश्नोई, राजेंद्र वानप्रस्थी, राम करण, कुसुम सैनी, कांता देवी, पुष्पा, कविता, सुनीता देवी, कल्पना शर्मा, डा. सुनीता कौशिक, रमेश चंद मिश्रा, शकुंतला शर्मा, राजेन्द्र भारद्वाज, दिनेश रावत, मदन कुमार धीमान, प्रेम नारायण अवस्थी, भूपेंद्र शर्मा, जय भगवान शर्मा, मनमोहन शर्मा, अजय शर्मा, प्रेम नारायण शुक्ला, पूर्ण चंद पांडे एवं यमुना दत्त पांडे इत्यादि भी मौजूद रहे।