Friday, November 22, 2024
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स्थाई अस्तित्व और श्रीमद्भगवद्गीता दर्शन पर दुनियाभर के विद्वान करेंगे ऑनलाईन मंथन

by Newz Dex
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3 दिवसीय ऑनलाईन अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय तैयार

तकनीकी सत्रों में विद्वानों के होंगे विशेष व्याख्यान, 7 तकनीकी सत्रों में शिक्षाविद्ध व शोधार्थी करेंगे अपने शोध पत्र प्रस्तुत

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के 7 विभाग मिलकर आयोजित कर रहे हैं विद्वानों का ऑनलाईन सम्मेलन

तकनीकी सत्रों में स्थाई अस्तित्व  और श्रीमद्भगवद्गीता दर्शन से लेकर अध्यात्म पर होगी चर्चा

न्यूज डेक्स संवाददाता

कुरुक्षेत्र, 1 दिसंबर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा द्वारा मंगलवार को 21 से 23 दिसम्बर के बीच आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव विवरणिका का ऑनलाइन लांच किया गया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण इस बार 5वें अन्तरराष्ट्रीय गीता सेमीनार महोत्सव का ऑनलाइन आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि प्रथम अंतरराष्ट्रीय गीता सेमीनार के आयोजन के समय वे इसके सदस्य थे। उन्होंने कहा कि गीता एक धार्मिक ग्रंथ होने के साथ-साथ एक जीवन दर्शन है जिसको अपनाकर कोई भी राष्ट्र अपना विकास कर सकता है। गीता सार्वभौमिक व कल्याणकारी है। वर्तमान समस्याओं का हल इसी अद्भुत ग्रंथ में है। विश्व का प्रत्येक व्यक्ति इसे आत्मसात करे, अपने जीवन में अपनाए, स्वयं के विकास के साथ-साथ गरीब व वंचितों के विकास में भी सहयोग करे, यही इसका मूल संदेश है।  

कुलपति ने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा इस महोत्सव को इस विशाल स्वरूप में आयोजित कर पूरी दुनिया को इसके साथ जोडऩे के प्रयास किए जा रहे हैं। इस अद्भुत ग्रंथ का पूरी दुनिया अध्ययन करे व उसे अपनाए इसलिए यह प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता हिन्दुओं की आस्था का ग्रंथ तो है ही साथ यह पूरी मानवता के लिए है। यह भारत का गौरव ग्रंथ है। सत्य पाने व धर्म पर चलने का रास्ता श्रीमद्भगवद्गीता है।

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के उपलक्ष्य में 21 से 23 दिसम्बर तक होने वाली ऑनलाईन अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय पूरी तरह से तैयार है। स्थाई अस्तित्व और श्रीमद्भगवद्गीता दर्शन विषय पर इस 5वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का ऑनलाईन आयोजन किया जाएगा। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा की सरंक्षकता में होने वाले इस सम्मेलन में बड़ी संख्या में विशेष मेहमान, विद्वान व गीता मनीषी शामिल होंगे। इस कांफ्रेंस में होने वाले विभिन्न तकनीकी सत्रों में स्थाई अस्तित्व और श्रीमद्भगवद्गीता दर्शन विषय पर मंथन करेंगे।
अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी की निदेशिका प्रो. मंजूला चौधरी ने बताया कि संगोष्ठी में होने वाले तकनीकी सत्रों में विश्व के विभिन्न देशों के साथ-साथ देश के अलग-अलग राज्यों से बड़ी संख्या में विद्वान ऑनलाईन भाग लेंगे व अपने शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे।

अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के आयोजन सचिव प्रो. मोहिन्द्र चांद ने बताया कि इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन  की सलाहकार समिति में यूएस से मॉ सत्य कालडा, केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा, सदस्य, कृष्णा सर्किट, भारत सरकार, संस्कृति मंत्रालय के डॉ. रामेन्द्र, केडीबी सदस्य विजय नरूला व उपेन्द्र सिंघल शामिल हैं। सेमिनार कोर कमेटी में टूरिज़्म एंड होटल मैनेजमेंट कमेटी के प्रो. एसएस बूरा, संस्कृत, पालि एवं प्राकृत विभाग की प्रो. कृष्णा देवी व प्रो. विभाग अग्रवाल, फिलासफी विभाग की प्रो. अनामिका, यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के प्रो. रमेश चन्दर दलाल, अंग्रेजी विभाग से प्रो. एसएस रहल तथा कॉमर्स विभाग के प्रो. तेजेन्द्र शर्मा शामिल हैं।

विवरणिका के ऑनलाइन लांच के अवसर पर प्रो. मंजूला चौधरी, प्रो. मोहिन्द्र चांद, प्रो. एसएस बूरा, प्रो. कृष्णा रंगा, प्रो. विभा अग्रवाल, प्रो. ब्रजेश साहनी, प्रो. सुनीता सिरोहा, प्रो. तेजेन्द्र शर्मा, प्रो. महावीर नरवाल, प्रो. सुशील शर्मा, प्रो. सिद्धार्थ शंकर भारद्वाज, डॉ. महासिंह पूनिया, डॉ. जितेन्द्र कुमार मौजूद थे।


21 दिसंबर को प्रातः 10.30 बजे 5वें ऑनलाईन अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन सत्र होगा
5वें आनलाईन अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी की निदेशिका प्रो. मंजूला चौधरी ने बताया कि संगोष्ठी में होने वाले तकनीकी सत्रों में 21 दिसम्बर को प्रातः 10.30 बजे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन सत्र होगा। इसी दिन सांयकालीन सत्र में इंस्ट्टियूट ऑफ संस्कृत एवं इंडोलॉजिकल स्टडीज द्वारा ह्यूमन वैल्यूस इन गीता एंड सस्टेनेबल एक्सिसटेंस विषय पर प्रथम तकनीकी सत्र तथा टूरिज्म एंड होटल मैनेजमेंट विभाग की ओर से सस्टेनेबल एप्रोच टूवर्डस क्राईसिस एंड रिस्पोंस इन टूरिज़्म विषय पर दूसरा तकनीकी सत्र आयोजित किया जाएगा।

22 दिसंबर को प्रातः 10.00 बजे फिलॉसफी विभाग द्वारा रोल ऑफ भगवद्गीता इन बिल्डिंग ए कन्शिएस प्लेनेट विषय पर तीसरा तकनीकी सत्र, संस्कृत पालि एवं प्राकृत विभाग द्वारा इम्पोर्टेंस ऑफ स्ट्रैजिक लीडरशिप फार सस्टेनेबल डेवलेपमेंटः भगवद्गीता परस्पेक्टिव विषय पर चौथा तकनीकी सत्र, यूनिवर्सिटी स्कूल आफ मैनेजेंट द्वारा बिजनेस चैलेंजिस एंड डिस्रपटिव लीडरशिपः इनसाईट फ्राम श्रीमद्भगवद्गीता विषय पर पांचवा तकनीकी सत्र तथा कॉमर्स विभाग द्वारा रिविजटिंग भगवद्गीता इन टाईम्स ऑफ कोविड-19 पेनडेमिकः लैसन्स फॉर लीडरशिप, बिजनेस एंड सोसाईटी विषय पर छठा तकनीकी सत्र आयोजित किया जाएगा। 23 दिसम्बर को प्रातः 10.00 बजे अंग्रेजी विभाग द्वारा भगवद्गीता एंड इट्स इंफ्लूएंस ऑन वेस्टर्न लिटरेचर विषय पर सातवां तकनीकी सत्र आयोजित किया जाएगा तथा इसी दिन सांयकाल में ऑनलाईन अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन सत्र आयोजित किया जाएगा।

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