श्री रामलीला ड्रामाटिक क्लब द्वारा आयोजित रामलीला का तीसरा दिन
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। श्री रामलीला ड्रामाटिक क्लब, कुरुक्षेत्र (रजि.) द्वारा पुराना बस स्टैंड के नज़दीक शहीद मदन लाल ढींगड़ा पार्क में तीसरे दिन राजा दशरथ द्वारा पुत्रेष्टि यज्ञ करवाना, ताड़क वन में राक्षसों की खरमस्तियां और ताड़का राक्षसी वध इत्यादि प्रसंगों का भव्य दृश्यावली के साथ मंचन हुआ। चेयरमैन डा.महेश तनेजा और प्रधान जितेंद्र ललित ने बताया कि रामलीला मंचन से पूर्व सभी पदाधिकारियों द्वारा श्री राम आरती की गई। रामलीला का मुख्य प्रसंग ताड़का वध रहा जिसे दर्शकों ने उत्सुकतापूर्वक देखा। ताड़का रामायण की मुख्य पात्र है यह सुकेतु यक्ष की पुत्री थी जिसका विवाह सुड नामक राक्षस के साथ हुआ था। यह अयोध्या के समीप स्थित सुंदर वन में अपने पति और दो पुत्रों सुबाहु और मारीच के साथ रहती थी। उसके शरीर में हजार हाथियों का बल था। उसके प्रकोप से सुंदर वन का नाम ताड़का वन पड़ गया था। उसी वन में विश्वामित्र सहित अनेक ऋषि-मुनि भी रहते थे। उनके जप, तप और यज्ञ में ये राक्षसगण हमेशा बाधाएँ खड़ी करते थे।
विश्वामित्र राजा दशरथ से अनुरोध कर राम और लक्ष्मण को अपने साथ सुंदर वन लाए। राम ने ताड़का का और विश्वामित्र के यज्ञ की पूर्णाहूति के दिन सुबाहु का वध किया। मारीच उनके बाण से आहत होकर दूर दक्षिण में समुद्र तट पर जा गिरा। निर्देशक नंदलाल सोहल और सह निर्देशक महेंद्र ठाकुर ने बताया कि रामलीला मंचन में रमेश सडाना ने राजा दशरथ, दीपक चोपड़ा ने शृंगी ऋषि, सतीश शर्मा ने विश्वामित्र, कृष्ण लाल वधवा ने वरिष्ठ और ताड़का, पीयूष गाबा ने राम, मोंटी मैहरा ने लक्ष्मण, महासचिव सुरेश तनेजा ने मारीच, विनय शर्मा ने सुबाहु, राहुल, रंजीत, सक्षम, अभिषेक, वंश, हार्दिक गाबा, रविंद्र धीमान, प्रदीप और विक्की ने क्रमशः राजा दशरथ के दरबारियों, ऋषियों और राक्षसों की सेना के रोल किए।
पर्दे के पीछे कोषाध्यक्ष राजेंद्र गाबा ने संवाद अदायगी में सहयोग किया। मंच संचालन करते हुए चेयरमैन डा.महेश तनेजा ने रामलीला के मंचन में हिस्सा ले रहे कलाकारों की खूबियाँ भी दर्शकों को बताई। दर्शकों ने लगातार जय श्री राम के जयकारे लगाए। प्रसंगों के अन्तराल में भजनों की प्रस्तुति दी गई। इस अवसर पर संरक्षक धर्मचंद गांधी व पवन मिगलानी,उप प्रधान जगदीश गुप्ता, प्रधान महासचिव बृजलाल सोहल,महासचिव विनोद गाबा, संगीत निर्देशक डा.मोहन तनेजा, लेखा परिक्षक रमेश सडाना, सुरेंद्र अरोड़ा, जगदीश मधोक, रविंद्र धीमान, विनय, मोंटी, विकास, प्रदीप, राहुल, रणजीत, हार्दिक, पीयूष, अभिषेक और वंश आदि शामिल रहे।