Friday, November 22, 2024
Home haryana मातृभूमि के रक्षक छत्रपति शिवाजी महाराज एवं बंदा सिंह बहादुर की नीतियां आज भी प्रासंगिक है,विषय पर संगोष्ठी आयोजित

मातृभूमि के रक्षक छत्रपति शिवाजी महाराज एवं बंदा सिंह बहादुर की नीतियां आज भी प्रासंगिक है,विषय पर संगोष्ठी आयोजित

by Newz Dex
0 comment

संगोष्ठी में देश की आजादी के महानायकों को नमन किया

न्यूज डेक्स संवाददाता

चंडीगढ़।” मातृभूमि के रक्षक बाबा बंदा सिंह बहादुर की 351वीं जयंती और छत्रपति शिवाजी महाराज के 350वें राज्याभिषेक  दिवस पर उनकी नीतियां आज भी प्रासंगिक है” विषय पर आयोजित संगोष्ठी में देश की आजादी के महानायकों के बलिदान को स्वच्छ भारत मिशन हरियाणा सरकार एवं “ग्रीन इंडिया – क्लीन इंडिया” अभियान के तत्वाधान में भारत माता की आरती,वंदे मातरम गीत के उद्घोष के साथ बाबा बंदा सिंह बहादुर छत्रपति शिवाजी महाराज,श्रीराम के वंशज महाराजा अग्रसेन, हिंदू हृदय सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य,भारत माता के वीर सपूतों नेताजी सुभाष चंद्र बोस,वीर सावरकर,लाला लाजपत राय,भगत सिंह,वीरांगना रानी दुर्गावती को ऐतिहासिक तेज सरोवर पर पुष्पांजलि के साथ नमन कर संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ।

संगोष्ठी में मुख्य वक्ता सामाजिक कार्यकर्ता डॉ.जया शर्मा ने संबोधित करते कहां अमृत काल में हिंदुस्तान में हिंदू धार्मिक ग्रंथो के अध्यता से एक बहादुर योद्धा बने बंदा सिंह बहादुर ने गुरु गोविंद सिंह के छोटे बच्चों साहिबजादौ की शहीदी का बदला सरहिंद की ईद से ईद खड़का कर लिया। गुरु गोविंद सिंह ने अपने हाथों से वजीर खान को मृत्यु दंड देने हेतु मुगलों के खिलाफ सिखों का नेतृत्व करने का आदेश बंदा सिंह को दिया।छत्रपति शिवाजी महाराज के 350वें राज्य अभिषेक दिवस का जश्न हम सभी के लिए नई चेतना और नई ऊर्जा लेकर आ रहा है।महाराज छत्रपति के राज्याभिषेक में स्वराज की ललकार और राष्ट्रीयता की जय जयकार समाहित थी।उन्होंने भारत की एकता और अखंडता को सर्वोपरि रखा था। सैकड़ो वर्षों की गुलामी और आक्रमणकरियों ने देशवासियों से उनका आत्म सम्मान छीन लिया था और जनता का शोषण कर समाज को गरीब कमजोर बना दिया था।उन्होंने कहा आजादी के अमृत काल में राष्ट्र कल्याण और लोक कल्याण के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज का बलिदान हमेशा युवा पीढ़ी को देश भक्ति की प्रेरणा देता रहेगा।आज पीएम मोदी के एक भारत श्रेष्ठ भारत के विज़न में छत्रपति शिवाजी महाराज के विचारों का ही प्रतिबिंब देखा जा सकता है।

शिवाजी महाराज ने 1659 में वाघ नख से बीजापुर सल्तनत के जनरल अफजल खान को मौत के घाट उतारा था। पीएम मोदी के प्रयासों से वाघ नख लंदन के विक्टोरिया एंड अल्बर्ट म्यूजियम से भारत पहुंचनें के ऐतिहासिक समझौते से देशवासियों में खुशी की लहर है।उन्होंने कहा हिंदू हृदय सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य के सम्मान में पीएम मोदी की अगवाई में जारी डाक टिकट और मुख्यमंत्री मनोहर लाल के आवाहन पर पानीपत और रेवाड़ी में ऐतिहासिक  स्मारक बनाने की घोषणा के लिए आभार व्यक्त किया गया।उन्होंने कहा नारी शक्ति शिवाजी के आदर्शों पर चलते हुए देश निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।उन्होंने कहा प्रसिद्ध हिंदू राजा अग्रसेन महाराज के आदर्शों को भी आत्मसात करने की आवश्यकता है। डीएलटीएफ के सदस्य सत्यनारायण ने कहा छत्रपति शिवाजी महाराज का हिंदुस्तान की एकता और अखंडता के लिए दिया गया बलिदान दिया।विजेंद्र कुमार ने कहा बंदा बहादुर सिंह एवं छत्रपति शिवाजी महाराज के आदर्शों पर चलकर युवा पीढ़ी देश निर्माण में महत्वपूर्ण भूमि का निभा रही है।

कार्यक्रम के संयोजक डॉ.आर.के.जांगड़ा विश्वकर्मा, सदस्य,स्वच्छ भारत मिशन हरियाणा सरकार एसटीएफ ने कहा रवींद्रनाथ टैगोर ने बंदा बहादुर के सम्मान में “बंदी वीर” कविता लिखे हुए उन्हें महान योद्धा बताया था। जेएस ग्रेवाल ने अपनी किताब सिख और पंजाब में लिखते हैं कि गुरु गोविंद सिंह ने बंदा सिंह को एक तलवार 53 और तीन साथी दिए साथ उन्होंने एक फरमान भी दिया जिसमें कहा गया था कि वह पंजाब में मुगलों के खिलाफ सिखों का नेतृत्व करें। 1709 में बंदा सिंह के सैनिकों ने अचानक सरहिंद के कस्बे सामना पर हमला बोला  था। इतिहासकार हरिराम गुप्ता लिखते हैं  समान पर हमला करने की वजह यह थी कि 34 साल पहले गुरु तेग बहादुर का सिर कलम करवाने वाला और गुरु गोविंद सिंह के लड़कों को मारने वाला व्यक्ति वजीर खान इस शहर में रह रहा था।डॉ.विश्वकर्मा ने कहा शिवाजी की वीरता विचारधारा और न्याय प्रियता नें कई कई पीढियां को प्रेरित किया है।उनकी साहसिक कार्य शैली,सामरिक कौशल और शांतिपूर्ण राजनीतिक प्रणाली आज भी हमारे लिए प्रेरणा स्रोत है।हमें इस बात का गर्व है कि दुनिया के कई देशों में आज भी छत्रपति शिवाजी की नीतियों पर रिसर्च और चर्चा होती है। अमृतकाल के 25 वर्ष की यात्रा पूरी कर छत्रपति के सपनों का भारत बनाने हेतु पीएम मोदी प्रयासरत है।

यह यात्रा स्वराज,सुशासन और आत्मनिर्भरताकी यात्रा होगी। छत्रपति शिवाजी ने न सिर्फ आक्रमण कार्यों का मुकाबला किया बल्कि जन्म मानस में यह विश्वास पैदा किया कि स्वयं का राज संभव है।उन्होंने गुलामी की मानसिकता को खत्म कर लोगों को राष्ट्र निर्माण के लिए प्रेरित किया। उन्होंने स्वराज,धर्म,संस्कृति और धरोहरों को ठेस पहुंचाने वाले की कोशिश करने वालों को भी संकेत दिया। छत्रपति शिवाजी ने किसान कल्याण,महिला सशक्तिकरण,शासन प्रशासन,साम्राज्य मानवी की पहुंच आसान बनाने,उनके कार्य उनके शासन प्रणाली और उनकी नीतियां आज भी उतनी ही प्रासंगिक है।संगोष्ठी में देश की एकता और अखंडता की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए देश को विश्व गुरु बनाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ मजबूत करने का संकल्प भी दिलवाया गया। संगोष्ठी में श्री राम के समर्थक,तपस्वी समाज सुधारक हिंदू राजा महाराजा अग्रसेन ने अपने विचारों एवं कर्मस्थल के बल पर समाज को एक नई दिशा देने वाले देश सेवक नें यज्ञ में पशु की आहुति को गलत करार दिया और अपना क्षत्रिय धर्म त्याग कर वैश्य धाम की स्थापना की। उन्होंने समाजवाद की स्थापना की जिसके कारण लोगों में एकता का भाव विकसित हुआ साथ ही सहयोग की भावना का विकास हुआ जिससे लोगों जीवन स्तर में सुधार आया।इस अवसर पर डॉ.जया शर्मा,विजेंद्र कुमार,डॉ.सत्यनारायण, विजेंद्र शर्मा,आत्म प्रकाश,फतेहचंद की गरिमामयी उपस्थिति में राष्ट्रीय सेवा योजनाओं के क्षेत्र में विशेष उपलब्धियों हेतु मोनिका,धनेश,कविता,हेमंत, साहिल,रोहितसिंह,शंकर,तानिया,नेहा,मुस्कान,अक्षय,सारिदिमा,हिमांशी,परमवीर,गजेंद्र,मोहित यादव आदि अनेक युवाओं को सम्मानित किया गया।                                            

You may also like

Leave a Comment

NewZdex is an online platform to read new , National and international news will be avavible at news portal

Edtior's Picks

Latest Articles

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?
-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00