अग्रसेन जयंती समारोह के मंच पर कही बात को किसी ने सराहा तो किसी ने आपदा में अवसर पर बताया
तो क्या कुरुक्षेत्र या सोनीपत लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी महाराज
2017 में उत्तराखंड की हरिद्वार सीट से कांग्रेस की टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी महाराज
ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि वह तो अमित शाह के सामने भी रख चुके हैं अग्रोहा धाम में अग्रवाल समाज के हित की बात
वरिष्ठ पत्रकार राजेश शांडिल्य की फेसबुक वाल से
कुरुक्षेत्र।अग्रसेन जयंती समारोह में इशारों ही इशारों में धर्मगुरु ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी महाराज ने सत्ता पक्ष और एक जाति विशेष पर की जा रही विशेष कृपा पर तीर छोड़ा है। ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी महाराज उत्तराखंड संस्कृत यूनिवर्सिटी के कुलपति रह चुके हैं और धर्म,शिक्षा,चिकित्सा और गौ संवर्धन के क्षेत्र में देश के कई राज्यों में श्री जयराम संस्था द्वारा संचालित संगठनों के अधिष्ठाता हैं।ब्रह्म स्वरुप ब्रह्मचारी महाराज कुरुक्षेत्र में बड़े स्तर पर आयोजित भव्य समारोह अग्रसेन जयंती कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे।यहां अपने संबोधन में उन्होंने अग्रवाल समाज की पीड़ा को अपनी वाणी से व्यक्त किया।
उल्लास के इस वातावरण में पीड़ा का सुर क्यों छेड़ा ? यह तो धर्मगुरु ही बेहतर जानते होंगे। हालांकि अग्रवाल समाज का एक धड़ा इस बात का समर्थन करता है। संभवत इसी वजह से उनके हित की यह बात अग्रवाल समाज के समारोह में ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी महाराज की जिह्वा पर आई हो। उन्होंने कहा कि देश की अर्थ व्यवस्था में अग्रवाल समाज का बड़ा योगदान है। यकीनन इस बात से देश और राज्यों की सरकारें भी समय समय पर स्वीकार करती रही हैं।ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि अग्रवाल समाज को सत्ता में उचित सम्मान नहीं मिला,जिसकी वो हकदार है।यही पीड़ा उन्होंने अपने संबोधन में जाहिर की। हालांकि इस पीड़ा के पीछे अग्रवाल समाज का एक धड़ा इसे महाराज की निजी पीड़ा भी करार देता है। इनका कहना है कि यह अवसर नहीं था कि इस तरह से किसी जाति विशेष को टारगेट करते हुए किसी धर्मगुरु के मुख से इस तरह की बात कही जाए। दरअसल इस तरह की प्रतिक्रिया व्यक्त करने वालों में भाजपा में आस्था रखने वाले लोग शामिल हैं। यह बात अलग है कि भले ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी महाराज खालिस तौर पर कांग्रेसी हैं,मगर भाजपा,आरएसएस और अन्य राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं के साथ उनके बेहतर संबंध हैं। इसलिए यह भी नहीं कहा जा सकता कि वे भाजपा सरकार के सीधा तौर पर मुखर होकर बात करते हों या विरोध में खड़े हों।
ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी महाराज के संबोधन को गलत बताने वालों ने कहा कि भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आपदा में अवसर की बात किसी और परिपेक्ष में करते हैं,मगर ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी द्वारा एक सामाजिक समारोह के मंच से इस तरह का संबोधन जातीय टकराव में झोंकने की जैसा है। उन्हें लगता है कि वे राजनीतिक अस्तित्व की चाह में इस तरह के बयान से जमीन तैयार करने में जुट गए हैं। हालांकि धर्मगुरु के संबोधन के बाद उनकी पीड़ा पर थोड़ा तल्ख होते हुए इन्होंने कहा कि ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी महाराज 2017 के दौरान उत्तराखंड में हुए विधानसभा चुनावों में हरिद्वार सीट से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े थे,लेकिन उस बुरी शिकस्त के बाद वे अब हरियाणा में कांग्रेस की टिकट पर 2024 का लोकसभा चुनाव कुरुक्षेत्र या सोनीपत सीट से लड़ने की चाहत रखे हुए हैं। हालांकि खुलकर ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी महाराज की ओर से आज तक इस तरह का कोई दावा पेश नहीं किया गया। वैसे भी 2017 से पहले और बाद में भी उनकी अधिकांश सक्रियता श्री जयराम संस्था की गतिविधियों में शामिल धर्म,संस्कृति,शिक्षा और चिकित्सा सेवा को बढ़ावा देने और इनके प्रचार–प्रसार में ही नजर आई है।
मगर एक बात सच है कि ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी महाराज ने महाराजा अग्रसेन जयंती समारोह के मंच से अग्रवाल समाज के उन लोगों की पीड़ा को खुले तौर पर उजागर कर गये,जोकि पीड़ा के बावजूद मन मसोस कर रह जाते हैं और सत्ता से टकराव की स्थिति में दूरी अपनाते हैं।जाहिर है कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र में श्री जयराम संस्था की गतिविधियां कई विधानसभा क्षेत्रों में चल रही हैं। उसी के साथ ब्राह्मण और अग्रवाल वर्ग में उनकी ठीक ठाक पैठ है। वहीं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नजदीकी होने के कारण जाट समाज और कट्टर कांग्रेसी उन्हें अपनाने में ज्यादा देर भी नहीं लगाएंगे,इसका बड़ा कारण है उनका पुराना कांग्रेसी प्रोफाइल और छात्र जीवन से कांग्रेस से नजदीकी को माना जाता है। अगर वे हरियाणा में लोकसभा का टिकट हासिल करने में सफल हुए तो…। यहां इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी महाराज हैवीवेट प्रत्याशी होंगे,लेकिन यह कहना अभी जल्दबाजी होगी। यहां उल्लेखनीय है कि ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी महाराज ने कुरुक्षेत्र के अग्रसेन जयंती समारोह में अग्रोहा धाम में आयोजित एक बड़े समारोह का भी जिक्र किया। उनका यह लहजा साफ बता रहा था कि उन्होंने देश के गृह मंत्री और भाजपा के कद्दावर दिग्गज नेता अमित शाह के सामने भी अग्रवाल समाज के हित की बात मजबूती से रखी थी। पिछले कुछ दिनों में ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी महाराज लगातार कई कार्यक्रमों में शिरकत कर चुके हैं। हालांकि यह सिलसिला पिछले वर्षों में भी देखा गया है,लेकिन इतने कम समय में इतने ज्यादा कार्यक्रमों में उनकी उपस्थिति पहली बार दर्ज की गई है।