न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। आज नवरात्रों की श्री दुर्गाष्टमी पर माँ भद्रकाली शक्तिपीठ में माँ महागौरी की पूजा की गई । पीठाध्यक्ष सतपाल शर्मा ने बताया की नवरात्रों में नौ देवियों की पूजा का विधान है । उन्होंने बताया कि देवी भागवत पुराण में बताया गया है कि माँ के नौ रूप और 10 महाविद्या सभी आदिशक्ति के अंश और स्वरूप हैं । लेकिन महादेव के साथ उनकी अर्धांगिनी के रूप में महागौरी हमेशा विराजमान रहती हैं। माँ के हाथ डमरू होने के कारण इनको शिवा भी कहा जाता है। मंदिर की मुख्य पुजारिन शिमला देवी जी द्वारा माता जी को नारियल का भोग लगाया गया और साथ ही सफेद फूल अर्पित किए गए । भक्त अष्टमी और नवमी दोनों के दिन ही अपना नवरात्रि व्रत समापन करते हैं । शास्त्रों के अनुसार कन्या पूजन के बिना नवरात्र के व्रत का फल प्राप्त नहीं होता। मंदिर में श्री देवीकूप पर आज लोग लगातार कन्यापूजन कर रहे थे ।
आज गुरुजी ने भी अपने परिवार की कन्या श्लोका पंडित को देवी स्वरूप मानकर कंजक रूप में पूजन किया । सर्वप्रथम कंजक के चरण फूल की थाली में जल डालकर धोए गए ,उसके बाद उसको श्रृंगार का सामान ,चुन्नी पुष्पमाला , व फल भेंट किए गए। इसके बाद नई थाली में कंजक को आलू पूरी, हलवा, चना, खीर इत्यादि से भोजन श्रद्धापूर्वक करवाया और उनके चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया। कन्या श्लोका ने भी “ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते ” “सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते। ” इत्यादि मंत्रो के साथ आशीर्वाद दिया।
कन्या पूजन का महत्व बताते हुए गुरु जी ने बताया की 1 वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक की कन्या की पूजा करने से व्यक्ति को अलग-अलग फलों की प्राप्ति होती है। जैसे कुमारी की पूजा करने से आयु और बल की वृद्धि होती है। त्रिमूर्ति की पूजा करने से धन और वंश वृद्धि, कल्याणी की पूजा से राजसुख, विद्या, विजय की प्राप्ति होती है। कालिका की पूजा से सभी संकट दूर होते हैं और चंडिका की पूजा से ऐश्वर्य व धन की प्राप्ति होती है। शांभवी की पूजा से विवाद खत्म होते हैं और दुर्गा की पूजा करने से सफलता मिलती है। सुभद्रा की पूजा से रोग नाश होते हैं और रोहिणी की पूजा से सभी मनोरथ पूरे होते हैं। गुरुजी ने आगे बताया कि आमतौर पर बहुत से लोग जो 9 दिन का व्रत नहीं रखते वे पहले दिन और अष्टमी के दिन व्रत रखते हैं । कन्या पूजन के लिए एक विशेष व्यवस्था मंदिर कमेटी ने अन्नपूर्णा हॉल में कर दी थी, ताकि लोगों को कन्याओं के लिए स्थान मिल सके ।
इसके साथ ही परंपरा के अनुसार भद्रकाली मंदिर में प्रातः कालीन मंगला आरती में महागौरी बीज मंत्र का जाप भी किया गया इसमें श्री अवनी गुप्ता मुख्य अतिथि रहे । श्री दुर्गाष्टमी अन्नपूर्णा भंडारे में प्रातः 9:00 बजे विपुल कुमार गुप्ता, दोपहर 12:00 बजे श्री जतिन अरोड़ा ,शाम 5:00 बजे अन्नपूर्णा भवन भंडारा गुप्ता परिवार, तालाब भंडारा शाम 5:00 बजे श्री सुमित शुक्ला सुपुत्र चिदानंद शुक्ला सरपंच सुपौत्र परमेश्वर प्रसाद शुक्ला द्वारा आयोजित किया गया । गौरतलब है कि भक्तजन भंडारे का प्रसाद 28 अक्तूबर , शनिवार (पूर्णिमा) तक ग्रहण कर सकते हैं । आज टेम्पल कनेक्ट व इंटरनेशनल टेम्पल कन्वेंशन के प्रमुख श्री गिरीश कुलकर्णी जी ने भी आज मंदिर के दर्शन किए ।
हरियाणा के पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अशोक अरोड़ा, दीनानाथ अरोड़ा, पूर्व पार्षद विवेक मेहता विक्की ने भी माँ भद्रकाली जी के दर्शन कर माँ का आशीर्वाद प्राप्त किया। पानीपत के डिस्ट्रिक्ट एवं सेशन जज सुदेश कुमार शर्मा व कुरुक्षेत्र उपायुक्त माता अनिता शर्मा ने भी माँ भद्रकाली जी का दर्शन आशीर्वाद लिया । मंदिर में जागरण की तैयारियां भी पूरे जोर शोर पर है। जागरण पंडाल को भव्य विशाल स्वरूप दिया गया है और मंदिर सुरक्षा टीम की नियुक्ति कर दी गयी है । माता रानी को विशेष छप्पन भोग का प्रसाद भी आज गोविंद सिंगला व श्याम सिंगाला जी द्वारा लगाया गया। इस मौके पर नरेंद्र वालिया, हेमराज शर्मा ,शकुंतला देवी, मीना जोशी, स्नेहिल शर्मा, देवांशु शर्मा, निकुंज शर्मा,देवेंद्र गर्ग , संजीव मित्तल ,ऋषि तोमर,आशीष दीक्षित इत्यादि सेवक मंडल के सदस्य उपस्थित रहे।