न्यूज़ डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। श्री रामलीला ड्रामाटिक क्लब, कुरुक्षेत्र (रजि.) द्वारा पुराना बस स्टैंड के नज़दीक शहीद मदन लाल ढींगड़ा पार्क में 13वें दिन मेघनाद-कुम्भकरण-अहिरावण वध,रावण-मंदोदरी संवाद,दैत्यगुरू शुक्राचार्य का रावण को उपदेश, रावण का मृत्यु से पूर्व यमराज के धाम जाना और रावण वध आदि प्रसंगों का मंचन किया गया। मंचन से पूर्व सभी पदाधिकारियों द्वारा श्रीराम आरती की गई। चेयरमैन डॉ.महेश तनेजा ने बताया कि रामलीला मंच पर पहली बार एक नया प्रयोग करते हुए रावण-मंदोदरी संवाद,दैत्यगुरू शुक्राचार्य का रावण को उपदेश और रावण का मृत्यु से पूर्व यमराज के धाम को जाना आदि नए दृश्य जोड़े गए,जिन्हें दर्शकों ने उत्सुकता से देखा। मंच पर राम-रावण युद्ध से पूर्व की रात दिखाई जाती है जिसमें रावण चिंतित मुद्रा में अपने महल की अट्टालिका में घूमता रहता है। उसकी यह दशा देखकर मंदोदरी उसे श्री राम की शरण में जाने को कहती है लेकिन रावण मंदोदरी को फटकारता है। उसके बाद निद्रा में उसे अपना काल दिखाई देता है। इसी निद्रा काल में रावण की यमराज से बातचीत होती है। सुबह रावण के महल में दैत्यगुरू शुक्राचार्य का आगमन होता है और वे रावण को अपना व्याख्यान सुनाते हैं। इसके बाद राम-रावण युद्ध में रावण मारा जाता है।
कोषाध्यक्ष राजेंद्र गाबा ने बताया कि रामलीला मंचन में भारत तनेजा ने राम,दीपक चोपड़ा ने लक्ष्मण,हार्दिक गाबा ने मेघनाद, सुरेश तनेजा ने कुम्भकरण,जितेंद्र ललित ने रावण,जगदीश गुप्ता ने अहिरावण, कृष्ण लाल वधवा ने विभीक्षण,मुकेश अरोड़ा ने हनुमान,वंश चोपड़ा ने अंगद,सतीश शर्मा ने शुक्राचार्य,विकास कुमार ने मंदोदरी,विनय शर्मा ने सुग्रीव और अभिषेक ने मकरध्वज का अभिनय किया। दर्शकों ने लगातार जय श्री राम के जयकारे लगाए। प्रसंगों के अन्तराल में राम लक्ष्मण द्वारा छोटे बच्चों को लोरी दी गई। इस अवसर पर संरक्षक धर्मचंद गांधी व पवन मिगलानी,उप प्रधान जगदीश गुप्ता, प्रधान महासचिव बृजलाल सोहल, महासचिव विनोद गाबा, निर्देशक नंदलाल सोहल,कोषाध्यक्ष राजेंद्र गाबा,सुरेश तनेजा,कृष्ण लाल वधवा,सुरेंद्र अरोड़ा,जगदीश मधोक, रविंद्र धीमान,पीयूष गाबा,जगदीश गाबा, प्रदीप आदि शामिल रहे।